क्या आप सर्च कर रहे हैं Dua Mangne Ka Tarika in Hindi. दुआ मांगने का सही तरीका जानना चाहते हैं। बराय मेहरबानी इस आर्टिकल को आखिर तक ज़रूर पढ़ें।
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बैठने का तरीका यह है कि जैसे हम किसी नमाज़ में अत्तहीयात की हालत में बैठते हैं उसी तरह हमें दुआ के लिए भी बैठना है। पालथी मारकर हरगिज़ ना बैठे, इसे बेअदबी माना जाता है। लेकिन आप किसी मजबूरी में बैठ सकते हैं।
दुआ मांगते वक्त आपका ध्यान अल्लाह ताला की अज़्मत व कुदरत पर होनी चाहिए। अब आप दोनों हाथों को दुआ के लिए ऊपर उठा कर सबसे पहले दुरूद शरीफ़ पढ़ें।
Dua Qabool Hone Ki Dua in Hindi
दुआ कबूल होने की दुआ इन हिंदी गूगल पर सर्च करते हैं? इसके लिए कोई विशिष्ट दुआ नहीं है। लेकिन इन बताए हुए तरीकों को अपना है आपका दुआ ज़रूर कबूल होगा।
अगर आपके पास वक्त हो तो जरूर पढ़िए
- हमबिस्तरी (इरादा और मनी निकलने) की दुआ
- इफ्तार व शेहरी की दुआ तीनों भाषा में
- आयतल कुर्सी अरबी हिंदी एवं अंग्रेजी में पढ़िए
- इस्लामिक कैलेंडर (हर महीने चांद का अपडेट)
सबसे पहले दुआ में दुरूद शरीफ़ पढ़ना अफ़ज़ल माना गया है। क्योंकि हदीस में आया है कि जो दुआ बगैर दुरूद शरीफ़ के मांगी जाती हो वह दुआ ज़मीन और आसमान के बीच में लटकती रहती है और कबूल नहीं होती है।
दरुदे इब्राहिम अरबी में
اللّٰهُمَّ صَلِّ عَلَى مُحَمَّدٍ، وَعَلَى آلِ مُحَمَّدٍ، كَمَا صَلَّيْتَ عَلَى إِبْرَاهِيْمَ، وَعَلَى آلِ إِبْرَاهِيْمَ، إِنَّكَ حَمِيْدٌ مَجِيْدٌ، اللّٰهُمَّ بَارِكْ عَلَى مُحَمَّدٍ وَّعَلَى آلِ مُحَمَّدٍ، كَمَا بَارَكْتَ عَلَى إِبْرَاهِيْمَ وَعَلَى آلِ إِبْرَاهِيْمَ، إِنَّكَ حَمِيْدٌ مَجِيْدٌ |
अल्लाहुम्मा सल्लि ‘अला मुहम्मदीन व’ अला’ आलि मुहम्मदीन,
कमा सल्लयता ‘अला’ इब्राहीमा व ‘अला’ आली ‘इब्राहीमा,’ इन्नका हमीदुम मजीद। अल्लाहुम्मा बारिक ‘अला मुहम्मदीन व’ अला ‘आलि मुहम्मदीन, कमा बारकता’ अला ‘इब्राहीमा व’ अला’ आली ‘इब्राहीमा,’ इन्नाका हमीदुम मजीद। |
दुरूद शरीफ़ के बाद, रबना आतेना फीत दुनिया पढ़ें. उसके बाद, आप अल्लाह ताला की तारीफ़ बयां करें और उसमें अच्छे-अच्छे कलिमात पढ़े। इसके बाद इसमें आज़म और अस्मा-ए- हुस्ना में से एक, दो या उससे ज्यादा पढ़ें।
रब्बना आतिना फिद्दुन्या हसनातौं व फिल आखिरती हसनतौं वकिना अजाबन नार। |
رَبَّنَآ ءَاتِنَا فِى ٱلدُّنْيَا حَسَنَةً وَفِى ٱلْءَاخِرَةِ حَسَنَةً وَقِنَا عَذَابَ ٱلنَّارِ |
इन अस्मा के बारे में हदीस में आता है कि उनके पढ़ने के बाद जो दुआ मांगी जाए वह कभी ख़ारिज़ नहीं होती है। अब आप सबसे बड़े रहम करने वाले अल्लाह के सामने अपनी जरूरतों को पेश करें।
इन इस्लामिक आर्टिकल को आर्टिकल को जरूर पढ़ें
- मुस्लिम निकाह के कानून और मुस्लिम मैरिज एक्ट
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- दुआ ए कुनूत हिंदी इंग्लिश एवं अरबी में पढ़िए.
किस समय सबसे ज्यादा दुआ कबूल होती है
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Allah Se Maafi Ki Dua in Hindi
जब आप Dua कर रहे हो तो रो-रो कर, गिड़-गिड़ा कर अपनी दुआ को कुबूल कराएं, और सब कुछ मांग लेने के बाद दुआ के आख़िर में फिर से दुरूद शरीफ़ पढ़ें।
दुआ मांगने का सबसे अफ़ज़ल तरीका यह है कि हम जो भी दुआ मांगे, वह हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के वास्ते से कुबूल कराएं। हुजूर का वास्ता, दुआ कुबूल होने का सबसे बड़ा ज़रिया है।
जब दुआ पूरी हो जाए तो अपने दोनों हाथों को मुंह पर फेर लें, और दिल में ये यकीन करें कि दुआ जरूर कुबूल होगी। अगर दुआ की कुबूलियत का असर ना दिखे तो गमगीन ना हुए।
इस्लामिक विशेषज्ञों के अनुसार दुआ माँगने का तारिका करने का सबसे अच्छा तरीका
मुसलमान अल्लाह के साथ एक मजबूत रिश्ता बनाने और अपने जीवन के सभी पहलुओं में उसकी मदद लेने के लिए दुआ करते हैं। दुआ करने के कई तरीके हैं, लेकिन स्थिति के आधार पर सबसे अच्छा तरीका भिन्न हो सकता है।
कुछ मुसलमान दुआ के लिए एक निर्धारित तारिका (विधि) का पालन करते हैं, जबकि अन्य केवल खुदा से पूछते हैं कि उन्हें अपने शब्दों का उपयोग करके क्या चाहिए।
इस्लामी विशेषज्ञों का कहना है कि dua करने का सबसे अच्छा तरीका व्यक्ति की जरूरतों और परिस्थितियों पर निर्भर करता है। कुछ लोगों को दुआ करते समय एक विशिष्ट तारिका का उपयोग करने में मदद मिल सकती है.
जबकि अन्य लोगों को स्वचालित रूप से दुआ करना अधिक फायदेमंद हो सकता है। दुआ करने का कोई गलत या सही तरीका नहीं है; जब तक आप अपनी दुआओं में सच्चे हैं, अल्लाह उन्हें कबूल करेगा।
किस स्थिति में, दुआ सब से ज्यादा कबूल होती है
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कैसे मुसलमान दुनिया भर में अल्लाह से दुआ करते हैं
दुनिया भर के मुसलमान अलग-अलग तरीकों से अल्लाह से दुआ करते हैं, लेकिन सभी दुआएं एक ही अल्लाह की ओर निर्देशित होती हैं।
मुसलमानों का मानना है कि अल्लाह एक, सबसे बड़ा अल्लाह है, और उसने universe और उसमें सब कुछ बनाया है। वे यह भी मानते हैं कि अल्लाह सर्वशक्तिमान और सर्वज्ञ है, और वह अपनी इच्छा के अनुसार दुनिया पर शासन करता है।
मुसलमान मक्का की दिशा में मुंह करके दिन में पांच बार अल्लाह के नमाज़ अदा करते हैं। दिन की पहली नमाज़ को फज्र कहा जाता है, और इसे सुबह होने से ठीक पहले कहा जाता है।
दूसरी नमाज़ को जोहर के नाम से जाना जाता है, और इसे दोपहर के समय कहा जाता है। तीसरी दुआ को असर कहा जाता है, और इसे शाम को कहा जाता है। चौथी नमाज़ मग़रिब कहलाती है और सूर्यास्त के तुरंत बाद पढ़ी जाती है। पांचवीं दुआ को ईशा कहा जाता है, और इसे देर रात कहा जाता है।
इस्लाम में दुआ करने का सही तरीका क्या है?
मुसलमानों की हर दिन पाँच अनिवार्य नमाज़ें होती हैं। इन दुआओं को एक विशिष्ट क्रम में नमाज़ और कुरान की तिलावत करना चाहिए। कई अनुशंसित दुआएँ भी हैं जो अनिवार्य नहीं हैं, लेकिन फिर भी प्रदर्शन करना बहुत महत्वपूर्ण हैं।
भारतीय मुसलमानों को मक्का शरीफ यानी पश्चिम के तरफ मुंह करके दुआ मांगना चाहिए बेहतर होगा कि नमाज के बाद दुआ मांगा जाए तो कबूल होने की संभावना ज्यादा होती है.
इसीलिए कहा गया है कि मुसलमान रोजा रखे, नमाज़ पढ़े और कुरान की तिलावत करें. गैर वाजिब कामों से दूर रहें और अच्छे इंसान बनने की कोशिश करें. हजूर के तरीके को अपनाएं, इंशा अल्लाह आपकी दुआ जरूर कबूल होगी.
Conclusion Points
अल्लाह तआला पर यकीन रखते हुए हमेशा दुआ मांगते रहे, और यह ध्यान रखें कि अब तक आपकी दुआ कुबूल ना होने में आपका कोई बेहतर मुकद्दर है। जिसका आख़िरत में बहुत बड़ा सवाब मिलेगा।
आखिर में याद रखिएगा कि अल्लाह ताला ही हमें सब कुछ देने वाला है इसके सिवा हमें कोई भी कुछ भी नहीं दे सकता है हां इंसान जरिया जरूर बन सकता है.
Dua mangne ka tarika in hindi PDF
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कब है जानिए
शब ए बारात, रमजा़न, ईद उल फितर, ईद उल अजहा, मिलादुन्नबी, All Muslim Festivals Dates.
Inshaallah hm sbki ki dua qubool ho ameen
Masha allah
Aap ne khub mehnat kar ke post likhi hai allah aap ko iska duniya aakhirt mein badla de ameen allah ham sb ko amal karne ki tofik de ameen
Ameen
Mashaallah
Mashallah apne bhut achi jankari di h Allah apki duwa Kabul farmaye ,ameen
माशाल्लाह आपने दुआ पर बहुत बढ़िया जानकारी दी हैं जज़कल्लाह खैर अल्लाह आप सलाम रखे माशाअल्लाह
Best information sir
Mashaalah aap ne achi dua padhi