शब ए बारात कब है? 2024 में यह त्यौहार कब मनाया जाएगा। शबे बारात का महत्व क्या है? इस त्यौहार में कौन-सी इबादत की जाती है? ए टू जेड हंड्रेड पर्सेंट ऑथेंटिक इंफॉर्मेशन, आपको इस आर्टिकल में मिलेगा. आप लोगों से गुजारिश है कि नीचे तक Scroll करके चेक करें.
प्रश्न – भारत में शब ए बारात कब है?
- उत्तर – 25 फरवरी 2024 (संडे).
आप तो जानते ही होंगे रज्जब (सातवां) महीने के बाद, शआबान (आठवां) महीना होता है. हिजरी कैलेंडर के अनुसार, शाबान महीने के 14 तारीख की शाम से 15 तारीख के सुबह तक शब ए बारात त्यौहार दुनिया भर में मनाया जाता है.
Shab-e-Barat In India – Shab-e-Barat, also known as the “Night of Forgiveness” or “Night of Salvation”, is an Islamic observance that falls on the fourteenth night of the Islamic month of Sha’ban. This year, it will take place on, 25 February 2024. We Muslims believe that this is the night when Allah SWT decides the fate of all people for the coming year. |
शबे बारात 25 फरवरी को ही होगा: कैसे?
12 फरवरी 2024 को शआबान महीने की पहेली तारीख है, इस बात की घोषणा हो चुकी है।
- 1 शआबान – 12 फरवरी
- 2 शआबान – 13 फरवरी
- 3 शआबान – 14 फरवरी
- 4 शआबान – 15 फरवरी
- 5 शआबान – 16 फरवरी
- 6 शआबान – 17 फरवरी
- 7 शआबान – 18 फरवरी
- 8 शआबान – 19फरवरी
- 9 शआबान – 20 फरवरी
- 10 शआबान – 21 फरवरी
- 11 शआबान – 22 फरवरी
- 12 शआबान – 23 फरवरी
- 13 शआबान – 24 फरवरी
- 14 शआबान – 25 फरवरी
- 15 शआबान – 26 फरवरी.
भारत में शबे बरात का त्यौहार 25 फरवरी के शाम को शुरू होगा जो पूरे रात चलेगा। आसान भाषा में कहा जाए तो, 25 फरवरी के मगरिब की नमाज से लेकर 26 फरवरी के फजर की नमाज तक यह त्योहार चलेगा।
14 शआबान कब है?
14 शआबान 25 फरवरी दिन इतवार को है। शबे बरात का त्यौहार 25 फरवरी के शाम से शुरू हो जाएगा।
15 शआबान कब है?
15 शआबान 26 फरवरी दिन सोमवार को है। शबे बरात का रोजा रखने के लिए 26 फरवरी के फजर की नमाज से पहले शेहरी खाया जाता है।
16 शआबान कब है?
16 शआबान 27 फरवरी दिन मंगलवार को है। जो लोग शबे बरात का रोजा रखेंगे, वे लोग 27 फरवरी के मगरिब की अजान के बाद इफ्तार करेंगे।
पिछले 10 सालों के रिकॉर्ड के अनुसार
2016 से 2024 के बीच होने वाले यह त्यौहार का लिस्ट नीचे दिया गया है। लिस्ट को देखने से साफ पता चलता है कि, प्रत्येक वर्ष 11 से 12 दिन पहले यह त्यौहार मनाया जाता है।
- 2016 – 21 मई
- 2017 – 12 मई
- 2018 – 1 मई
- 2019 – 20 अप्रैल
- 2020 – 9 अप्रैल
- 2021 – 28 मार्च
- 2022 – 18 मार्च
- 2023 – 7 मार्च
- 2024 – 25 फरवरी.
कब है जानिए ?
रमजा़न, ईद उल फितर, ईद उल अजहा, मिलादुन्नबी, All Muslim Festivals Dates.
Shab e Barat का A to Z इस पेज पर मिलेगा। यह त्यौहार कब है? यह त्यौहार पहली बार कब मनाया गया था? Shab e Barat भेजे जाने वाले संदेश (sms, greetings & quote)। इबादत से लेकर महत्व और भी बहुत कुछ आपको इस आर्टिकल में मिलेगा।
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शब-ए-बारात दो शब्दों के मेल (शब और बारात) से बना है। शब मतलब रात होता है। जबकि बारात का सही अर्थ बरी होना होता है।
इसे इबादत और गुनाहों का माफी का रात कहा जाता है। मुसलमान अपने गुनाहों की माफी अल्लाह से मांग कर बरी हो सकता है। अगले दिन रोजा रखा जाता है।
India ही नहीं दुनिया भर के मुसलमान शबे बारात की रात को कब्रिस्तान जाकर अपने बुजुर्गों की कब्र पर फातिहा पढ़ते हैं। यही नहीं मज़ारों पर हाज़िरी भी देते है।
मर्द मुसलमान शबे बरात की रात में मस्जिदों में रात भर जाग कर अल्लाह की इबादत करते हैं। यही नहीं जगह-जगह जलसे और महफ़िल ए मिलाद़ की महफ़िल सजती है। इस साल सादगी के साथ इस त्यौहार को मनाएं और दुआ करें कि भारत के लोगों को अल्लाह ताला कोरोना जैसी बीमारी से बचाए।
Shab e Barat in Hindi Aur kab hai
Shab e Barat kab hai? सभी धर्म मानने वाले इस प्रश्न का उत्तर को गूगल पर सर्च करते हैं। ऊपर दिए गए लिस्ट से अंदाजा लगा सकते हैं।
Shab e Barat in Hindi जैसे शब्द को भी आप गूगल पर सर्च करते हैं। आपको इस त्यौहार से संबंधित ए टू जेड इनफॉरमेशन इस लेख में मिलने वाला है।
शब-ए-बारात क्यों मनाया जाता है?
Subrat kab hai? यह तो आप जान चुके होंगे लेकिन आपको यह भी जान लेना चाहिए कि दुनिया वालों ने पहली बार इस त्यौहार को कब मनाया था।
अल्लाह के नबी पैगंबर हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का जन्म में से लेकर पालन-पोषण तक मक्का में हुआ। आपने लोगों को इस्लाम अपनाने के लिए कभी मजबूर नहीं कये थे।
लेकिन आपके कामों ने लोगों को शांति के धर्म के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया। जैसे-जैसे दिन गुजरता गया, वह काफी प्रसिद्ध हो गये। उसकी शिक्षाओं ने एक धर्म के तहत पूरे अरब प्रायद्वीप के एकीकरण को प्रेरित किया।
मक्का के तत्कालीन राजनीतिक शासकों खतरा महसूस होने लगा। आप पर दबाव बनना शुरू हुआ। जिसने इस्लाम के दूत को पवित्र शहर – मक्का को 622 शताब्दी में छोड़ने के लिए मजबूर किया और मदीना चले गये।
पैगंबर हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के अभियान के दौरान, उन्होंने रक्तपात से परहेज किया और कई लोगों को माफी दे दी।
आप 630वीं शताब्दी में मक्का लौटने की यह विशेष रात को मुसलमानों के द्वारा शब ए बारात मनाई जाती है। दुनिया भर में रहने वाले मुसलमानों का मानना है कि दुनिया वालों ने पहली बार 630वीं शताब्दी यह त्यौहार मनाया।
शब-ए-बारात के सही नाम को जान लें
शब ए बारात और शबे बरात, के नाम से इंटरनेट पर खोजा जाता है। लेकिन सही नाम क्या है यह आप जान लें। भारतीय उपमहाद्वीप में यह त्यौहार शब-ए-बारात के नाम से जाना जाता है। इस त्यौहार का अरबी नाम लैलतुन निसफे मीन शाबान या लैलतुल बराह कहते हैं।
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अक्सर लोग यह जानना चाहते हैं कि मुसलमान शब ए बारात क्यों मनाते हैं ? शब-ए-बारात दो शब्दों के मेल (शब + बारात) से बना है।
शब मतलब रात होता है। जबकि बारात का अर्थ बरी होना होता है। यह एक इबादत की रात है जिसमें मुसलमान अपने अल्लाह से गुनाहों की माफी मांगते हैं। गुनाहों की तौबा करते हैं। इस रात को अल्लाह पाक तौबा ज्यादा कबूल करते हैं।
अल्लाह पाक रहमतों व नेकियों के दरवाजे खोल देते हैं। दुनिया में रहमत के फरिश्तों को भेजते हैं। शबे बरात की रात अल्लाह पाक अपने बंदो के लिए रोजी रोटी व मौत हयात आदि का फेहरिस्त तैयार करते हैं।
इस्लाम के चार बड़ी रातों में से एक है शबे कद्र की रात, जान लीजिए
इस्लाम में इबादत करने के अनुसार पहले नंबर पर आशूरा की रात है, दूसरी शब-ए-मेराज, तीसरी शब-ए-बारात व चौथी शब-ए-कद्र होती है। इन रातों की इबादत काफी बेहतर माना जाता है।
शब ए बारात की रात में क्या पढ़े और रोजा कब है
शब ए बारात की इबादत कैसे करें? शब ए बारात की नमाज़ में मुख्यतः नफल व तहजूद है। शबे बारात की दुआ में अपने और परिवार के लोगों लिए माफी जरूर मांगना चाहिए।
शब ए बारात की रात इबादत की रात है। पूरी रात इबादत में ही गुजारना चाहिए। रात के पहले हिस्से में कब्रिस्तान जरूर जाना चाहिए। नफल व तहजूद के नमाज़ के इलावा जो अभी समय बचे उसे तिलावते कुरआन को देना चाहिए।
Shab E Barat के Ultimate Quotes & Greetings In Hindi Text And Images
“मेरे प्यारे दोस्त
अगर मैंने आपको अपने जीवन में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से चोट पहुंचाई हों। कृपया मुझे माफ कर दें। कृपया मुझे अपनी इबादतों में याद रखें। शब-ए-बारात मुबारक”।
“मैं आपको शब-ए-बारात के खास मौके पर Wish करता हूं, कृपया मुझे अपनी इबादतों में याद रखें। शब-ए-बारात मुबारक”।
” मैं आपको शब-ए-बारात के खास मौके पर Wish करती हूं, कृपया मुझे अपनी इबादतों में याद रखें। शब-ए-बारात मुबारक”।
” ए अल्लाह! मैं आपसे एक विशेष प्रार्थना करता हूं, कृपया मुझे माफ करें। शब-ए-बारात मुबारक”।
” ए अल्लाह! मैं आपसे एक विशेष प्रार्थना करती हूं, कृपया मुझे माफ करें। शब-ए-बारात मुबारक”।
” अल्लाह, आपने मुझे एक खूबसूरत जिंदगी और एक धन्य रात दी है, कृपया मेरे भविष्य को उज्ज्वल बनाएं। शब-ए-बारात मुबारक”।
” रहमतों की आई है रात, दुआ है आप सदा रहे आबाद, मुबारक हो आपको शब-ए-बारात। शब-ए-बारात मुबारक”।
” ए अल्लाह! मैं तुझसे मांगता हूं, ऐसी माफी की जिसके बाद गुनाह ना हो, ऐसी सिहत जिसके बाद बीमारी ना हों, ऐसी रजा जिसके बाद कोई नाराजगी ना हों – आमीन शब-ए-बारात मुबारक”।
Conclusion Points
आपको बता दें कि इस्लामिक कैलेंडर का शाबान महीना 12 फरवरी को शुरू हुआ है। 14 शाबान को शबे बरात का त्यौहार मनाया जाता है।
14 शाबान 25 फरवरी को है। 2024 का शब ए बारात 25 फरवरी को है। Kulhaiya.com वेेबसाइ पर आप सभी इस्लामिक त्योहारों की जानकारी हासिल कर सकते हैं।
FAQs
प्रश्न 1 – कब मनाया जाता है, शबे बारात?
उत्तर – इस्लामिक कैलेंडर या हिजरी कैलेंडर के अनुसार शाबान (आठवां महीना) महीने के 14 तारीख को सूर्यास्त के बाद, यह त्यौहार शुरू हो जाती है। जो पूरे रात से सुबह के फजर तक होता है।
प्रश्न 2 – भारत में शबे बारात कब है 2024 ?
उत्तर – शब ए बारात 2024 जैसे शब्द से आप सर्च करते हैं। आप यह जाना चाह रहे हैं कि शबे बारात कब है? वर्ष 2024 में से शबे बरात का त्योहार 25 फरवरी को है.
प्रश्न 3 – 24 या 25 फरवरी 2024 को शबे बरात का त्यौहार होगा?
उत्तर – रज्जब महीना 30 दिनों का हुआ है, शबे बरात 25 फरवरी 2024 को होगा.
Nice
Ruyr