क्या आप Ayatul Kursi hindi mai पढ़ना चाह रहे हैं? क्या आप आयतल कुर्सी को हिंदी अरबी एवं अंग्रेजी में पढ़ना चाहते हैं। मैंने आपका पूरा ख्याल रखा है, आगे पढ़िए।
क्या आप आयतुल कुर्सी की अहमियत जानते हैं? उम्मीद है कि आप जानते ही होंगे। थोड़ा मैं और जोड़ना चाहता हूं। आयतल कुर्सी को एक चैथाई कुरान कहा जाता है। जो इंसान फजर की नमाज़ के बाद पढ़ता है, उसके लिए जन्नत के दरवाजे खोल दिए जाते हैं।
अयातुल कुरसी, रसूल एस.ए. की हदीस के अनुसार, कुरान की सबसे अद्भुत आयत है, कहा जाता है कि इस आयत में सुरक्षात्मक गुण हैं, जो इसके पढ़ने वाले को सभी नुकसानों से सुरक्षित रखता है। |
एक हदीस में कहा गया है कि ” जो इंसान हर फजऱ् नमाज़ के बाद आयतुल कुर्सी पढ़ता हों, उस इंसान को जन्नत में जाने से कोई चीज़ नहीं रोक है, वह है उसकी मौत”। सबसे ज्यादा अज़मत वाली आयतों में से एक है आयतुल कुर्सी।
Ayatul Kursi In Hindi
आयतल कुर्सी इन हिंदी, आप सर्च करते हैं और मैंने आपके लिए वेबसाइट पर उपलब्ध करा दिया। लेकिन एक बात याद रखें कि किसी भी दुआ को अरबी भाषा में पढ़ना अफजल माना जाता है।
आयतल कुर्सी इन हिंदी
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आपके आसानी के लिए मैंने, आयतुल कुर्सी हिंदी टेस्ट के साथ अरबी टेस्ट को भी इमेज फॉरमैट में दिया है। ताकि कोई एरर ना हो जाए। अच्छा लगे तो मुस्लिम भाइयों के लिए इसे शेयर ज़रूर करें। अरबी में आयतल कुर्सी पढ़ने के लिए यहां पर क्लिक करें।
Ayatul Kursi In Arabic Text
اللَّهُ لاَ إِلَهَ إِلاَّ هُوَ الْحَيُّ الْقَيُّومُ لاَ تَأْخُذُهُ سِنَةٌ وَلاَ نَوْمٌ لَهُ مَا فِي السَّمَاوَاتِ وَمَا فِي الأَرْضِ مَنْ ذَا الَّذِي يَشْفَعُ عِنْدَهُ إِلاَّ بِإِذْنِهِ يَعْلَمُ مَا بَيْنَ أَيْدِيهِمْ وَمَا خَلْفَهُمْ وَلاَ يُحِيطُونَ بِشَيْءٍ مِنْ عِلْمِهِ إِلاَّ بِمَا شَاءَ وَسِعَ كُرْسِيُّهُ السَّمَاواتِ وَالأَرْضَ وَلاَ يَئُودُهُ حِفْظُهُمَا وَهُوَ الْعَلِيُّ الْعَظِيمُ |
Ayatul Kursi In English Text
Allahu laaa ilaaha illaa huwal haiyul qai-yoom, laa taakhuzuhoo sinatunw wa laa nawm.
lahoo maa fissamaawaati wa maa fil ard, man zallazee yashfa – u – indahooo illaa be iznih. ya-lamu maa baina aideehim wa maa khalfahum, wa laa yuheetoona beshai ‘immin ‘ilmihee illa be maa shaaaa. wasi’a kursiyyuhus samaa waati wal arda wa la ya’ooduho hifzuhumaa, wa huwal aliyyul ‘azeem. |
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Ayatul Kursi Tarjuma In Hindi
आयतल कुर्सी तर्जुमा – अल्लाह उसके सिवा कोई माबूद नहीं, वह जिंदा है, दुनिया को कायम रखने वाला, ना उसको ऊघं दबा सकती है, ना नींद, उसी का है जो कुछ आसमानों और जो कुछ जमीन में है।
कौन है, जो उसकी जनाब मैं बग़ैर उसकी इजाज़त के सिफारिश कर सके, वह जानता है। उनके तमाम हाज़िर व ग़ायब हालात को और उसकी मालूमात में से किसी भी चीज को अपने इल्म के एहाते में नहीं ला सकते।
आयतल कुर्सी पढ़ने के फायदे जान लें
अल्लाह के रसूल मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम फरमाते हैं कि
“जो शख्स सुबह के वक्त यह आयत पढ़े लें तो उसका दिन उसने अल्लाह के नाम के इनामो शुक्र अदा कर दिया है। अगर यह आयत वह शाम को पढ़े लें तो उस रात के खुदा के इनामो का शुक्र अदा कर दिया “
हज़रत सोबन रदी अल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि
” अल्लाह के रसूल मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम ने इरशाद फरमाएं कि हर मुसलमान बंदा में दिए कल में पढ़ें। अगर वह पढ़ता है तो अल्लाह के जिम्मे में होगी उसकी कयामत के दिन, उसे रजी करें”।
हजरत माकल बिन यासर (रजि०) का बयान है कि
“जो शख्स तीन बार आयतल कुर्सी पढ़ता हो, उस बंदे के लिए अल्लाह 70 हजार फरिश्तों को मक्कार फरमा देगा। जो शाम तक उस पर रहमत भेज रहेगें। अगर उस दिन वह शख्स मर जाता है तो शाहिद मारेगा। जो शख्स शाम को यह अमल करेगा उसे भी 70 हजार फरिश्तों मुख्तार की जाएगी। वह सुबह तक वह रहमत भेज रहेगें”।
आयतल कुर्सी के फायदें
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Ayat al-Kursi: The Magnificent Throne Verse |
In the vast tapestry of the Quranic verses lies a gem of immense significance and power – Ayat al-Kursi, also known as “The Throne Verse.” This verse, nestled within Surah Al-Baqarah (Chapter 2), Verse 255, holds a profound place in the hearts of Muslims worldwide. Its recitation is a spiritual act and a source of solace and protection in the face of life’s challenges.
The Essence of Ayat al-Kursi: Ayat al-Kursi encapsulates the grandeur and magnificence of the divine throne. It serves as a reminder of the boundless power and wisdom of Allah. The verse portrays Allah’s unique position as the One who sustains all existence and the One who is beyond human comprehension. The metaphor of the throne highlights Allah’s sovereignty and the unfathomable depths of His knowledge. The Power and Significance: In the realm of Islamic teachings, Ayat al-Kursi holds an esteemed place. It is considered one of the most powerful verses in the Quran. This verse is not just a collection of words; it carries a spiritual force that resonates with believers within it. The recitation of Ayat al-Kursi is believed to invoke Allah’s protection, tranquillity, and blessings. Its potent words are a source of comfort in distress and a shield against negative influences. The Practice of Recitation: Reciting Ayat al-Kursi has become a cherished practice among Muslims. It is a connection to the divine, a means to seek solace, and a reminder of Allah’s presence. While no fixed number of times is prescribed for its recitation, many believers include it in their daily routines. Some recite it after each obligatory prayer, while others make it a part of their morning and evening supplications. The Universal Appeal: One of the remarkable aspects of Ayat al-Kursi is its universal appeal. Regardless of age, gender, or background, Muslims from all walks of life find solace in their words. Its accessibility and the peace it brings have contributed to its widespread recitation across generations. Beyond Ritual, A Spiritual Connection: While reciting Ayat al-Kursi, believers establish a direct link with the divine. This practice transcends the realm of ritual; it becomes a personal conversation with Allah. The words resonate deeply, providing a sense of security and guidance amidst the complexities of life. Last Words: Ayat al-Kursi is not merely a sequence of verses; it is a source of strength, a beacon of hope, and a channel for divine connection. Its essence lies in its ability to touch hearts and transform lives. As Muslims recite these sacred words, they are reminded of Allah’s unwavering presence and the infinite wisdom that guides their journey. In Ayat al-Kursi, believers find not only a verse but a sanctuary of faith, a shield of protection, and a source of unending blessings. |
Ayatul kursi – Conclusion Points
उम्मीद करता हूं कि आपको आयतल कुर्सी पढ़ना आ गया होगा। अभी से याद कैसे किया जाए। मैंने आपके सुविधा के लिए एक फोटो बनाया है जिसमें Arabic और Hindi दोनों एक साथ लिखा गया है।
10 से 12 दिनों तक आप इस इमेज को देखकर पढ़ते रहिए। इस तरह से कुछ दिनों में ही आपको Ayatul kursi याद हो जाएगा।
सही तलफूज के साथ भी पढ़ना बहुत ही आवश्यक है। इस वीडियो के लिंक को भी आप क्लिक करके चेक कर सकते हैं।
आयतुल कुरसी को किसी भी प्रकार की बुराई या पीड़ा के खिलाफ एक उत्कृष्ट सुरक्षा के रूप में जाना जाता है और हम मुसलमान जीवन भर आने वाली कठिनाइयों से निपटने में मार्गदर्शन के लिए इस पर भरोसा करते हैं।
इसके अतिरिक्त, नियमित रूप से पढ़ने पर अयातुल कुर्सी बीमारी से शारीरिक उपचार भी प्रदान कर सकती है। कई इस्लामी विद्वानों का मानना है कि इस आयत में ईश्वरीय मार्गदर्शन के रहस्य हैं, जो आध्यात्मिक ज्ञान को खोलते हैं जो अनंत काल से मानव जाति से छिपा हुआ है।
FAQs
प्रश्न – आयतुल कुरसी क्या है? (What is Ayat al-Kursi?)
उत्तर: आयतुल कुरसी कुरान की एक आयत है, विशेष रूप से सूरह अल-बकराह (2:255), जो इस्लाम में बहुत महत्वपूर्ण है।
प्रश्न – आयतुल कुरसी का क्या अर्थ है? (What is the meaning of Ayat al-Kursi?)
उत्तर: आयतुल कुरसी का अंग्रेजी में अनुवाद “The Throne Verse” है। इसमें अल्लाह के सिंहासन की महानता और भव्यता का वर्णन किया गया है।
प्रश्न – आयतुल कुरसी क्यों महत्वपूर्ण है? (Why is Ayat al-Kursi important?)
उत्तर: आयतुल कुरसी को कुरान की सबसे शक्तिशाली आयतों में से एक माना जाता है। यह अल्लाह की अतुलनीय शक्ति और ज्ञान पर जोर देता है और उसकी उपस्थिति और सुरक्षा की याद दिलाता है।
प्रश्न – क्या आप आयतुल कुरसी का अनुवाद प्रदान कर सकते हैं? (Can you provide the translation of Ayat al-Kursi?)
उत्तर: ज़रूर! आयतुल कुरसी का अनुवाद इस प्रकार है: “अल्लाह! उसके अलावा कोई माबूत नहीं है, जो सदैव जीवित है, अस्तित्व का पालनकर्ता है। न तो उनींदापन उसे घेरता है और न ही नींद। उसी का है जो कुछ आकाशों में है और जो कुछ धरती पर है।”
प्रश्न – क्या मुझे आयतल कुर्सी पढ़ने से फायदा हो सकता है?(How can I benefit from reciting Ayat al-Kursi?)
उत्तर: आयतुल कुरसी पढ़ने से कई लाभ हो सकते हैं, जिनमें बुरे प्रभावों से सुरक्षा, नुकसान से सुरक्षा, दिल के लिए शांति और दैनिक जीवन में आशीर्वाद शामिल हैं।
प्रश्न – क्या आयतुल कुरसी पढ़ने कोई विशिष्ट समय या स्थान है? (Is there a specific time or place to recite Ayat al-Kursi?)
उत्तर: आप किसी भी समय और किसी भी स्थान पर आयतुल कुरसी पढ़ने सकते हैं। हालांकि, अतिरिक्त आशीर्वाद के लिए प्रत्येक वाजिब नमाज के बाद इसे पढ़ने की सिफारिश की जाती है।
प्रश्न – क्या कोई आयतुल कुरसी पढ़ सकता है? (Can anyone recite Ayat al-Kursi?)
उत्तर: हां, कोई भी उम्र या लिंग की परवाह किए बिना आयतुल कुरसी पढ़ सकता है। हम मुसलमानों को इसे याद करने और इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
प्रश्न – क्या आयतुल कुरसी पढ़ने के लिए कोई निर्धारित संख्या है? (Is there a specific number of times to recite Ayat al-Kursi?)
उत्तर: इस्लामी शिक्षाओं में कोई विशिष्ट संख्या का उल्लेख नहीं है। आप अपनी व्यक्तिगत पसंद और भक्ति के आधार पर आयतुल कुरसी पढ़ सकते हैं!
JajakAllahu Khairan