अस्सलाम अलैकुम, क्या आप Roza Rakhne Ki Dua और Roza Kholne Ki Dua को Hindi Me खोज रहे हैं? इस इस्लमिक वेबसाइट पर, आपको मुकम्मल जानकारी मिलेगा.
क्योंकि मैं खुद एक मुस्लिम हूं. इस आर्टिकल को आप तक लाने से पहले कई बार चेक करवाया हूं। ताकि रोजा की दुआ में किसी तरह की गलती ना हो जाए.
रमज़ान से ताल्लुक रखने वाले सभी दुआओं का हल आपको इस वेबसाइट पर मिलेगा। जैसे इफ़्तार के बाद की दुआ, नमाज़ ए तरावीह की दुआ और दावते इफ़्तार की दुआ। कुल्हैया.कॉम भारत का एक विश्वसनीय वेबसाइट है। जो आपको हमेशा सही जानकारी देता है।
रोजा रखने की दुआ अरबी, हिंदी, उर्दू और अंग्रेजी में जान लेें (Roza Rakhne Ki Dua)
In Arabic
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وَبِصَوْمِ غَدٍ نَّوَيْتُ مِنْ شَهْرِ رَمَضَانَ
In Hindi
‘’व बि सोमि गदिन नवई तु मिन शहरि रमजान’’
Roza ki niyat in English
“Wa bisawmi ghadinn nawaiytu min shahri ramadan”।
दुआ का मतलब हिंदी में
मैंने माह रमज़ान के कल के रोजे की नियत की है।
दुआ का मतलब उर्दू में
اورمیں نے ماہ رمضان کے کل کے روزے کی نیت کی
रोजा रखने की दुआ को मुंह से पढ़ना हमेशा बेहतर माना गया है। लेकिन कोई रोजा रखने के लिए (आज मैं रोजा रखूंगा या कल मैं रोजा रखूंगा) इतना भी नियत कर ले तो उसका रोजा हो सकता है। सेहरी का खाने और पीना पीनेे के बाद दुआ पढ़ना चाहिए।
दोस्तों, किसी भी नियत को अरबी में याद करना सबसे अफ़ज़ल माना गया है। क्योंकि हिन्दी में उसे सही से लिखा नहीं जा सकता है। आप कोशिश करें कि किसी जानकार से अरबी में दुआ को याद करके उसे सुनाए।
रोजा रखने की दुआ एक बहुत ही शक्तिशाली दुआ है जो किसी भी समस्या को हल करने में मदद कर सकती है। रोजा रखने की दुआ को रोजा कादरी के नाम से भी जाना जाता है।रोजा रखने की दुआ अल्लाह से माफ़ी और रहमत पाने की एक इस्लामी दुआ है।
Roza Rakhne Ki Niyat Karna Kitna Jaruri Hai
माहे रमज़ान में रोजे रखने के लिए roza rakhne ki niyat बेहद जरूरी है। सेहरी खाने के लिए जागना और सेहरी खाना को भी रोजे की नीयत में शुमार किया जाता है। अगर नियत का इज़हार जुबान से किया जाए तो यह सबसे बेहतर तरीका है।
कुछ लोग मानते हैं कि हर रोजे की नीयत करना जरूरी नहीं है। कोई मुसलमान सभी रोजे की नियत एक साथ कर लें, क्या यह सही है? इस सवाल के जवाब का मसला एवं मसाइल बहुत बड़ा है। बेहतर यह है कि आप हर रोजा रखने की दुआ करें।
अगर आप इतना भी नियत कर लेते हैं कि “आज मेरा रोजा है” या रात में नियत कर लेते हैं कि ” कल मेरा रोजा है”। इतना भी नियत कर लेने से भी अल्लाह ताला अपने बंदों का रोजा कबूल कर लेते हैं।
इस तरह का दुआ उन लोगों के लिए ठीक है जो अरबी में दुआ को याद नहीं कर सकते या किसी तरह के बीमारी से पीड़ित हैं। इस बात को भी याद रखें “बिना नीयत किए हुए रोजा कबूल नहीं होता है”। अगर आप बिना नियत किए हुए ही पूरे दिन भूखे और प्यासे रह जाते हैं तो भी आप का रोजा नहीं होगा।
इस्लाम एवं रमजान से संबंधित सभी तरह के आर्टिकल इस वेबसाइट पर उपलब्ध है। इस पेज को आखिर तक जरूर चेक करें। अच्छा लगे तो हमारे मुस्लिम भाइयों तक इस वेबसाइट को जरूर पहुंचाएं।
रोजा खोलने की दुआ – अरबी, हिंदी, उर्दू एवंं अंग्रेजी पढ़ सकते हैं (roza kholne ki dua)
In Arabic
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“اَللّٰھُمَّ لَکَ صُمْتُ وَعَلٰ رِزْقِکَ اَفْطَرْتُ”
Roza kholne ki dua hindi me
” अल्लाहुम्म लका सुम्तु व अला रिज़क़िका अफतरत ”
रोजा खोलने की दुआ अंग्रेजी में
“Allahumma inni laka sumtu wa bika aamantu wa ‘alayka tawakkaltu wa ‘ala rizq-ika aftarthu”।
Roza kholne ki dua का मतलब
ऐ अल्लाह। मैंने तेरी रजा के लिए रोजा रखा और तेरी ही रज्कक पर इफ़्तार खोल रहा हूं.
उर्दू में मतलब
اے الل, میں نے تیری خاطر روزہ رکھا اور تیرے اوپر ایمان لایا اور تجھ پر بھروسہ کیا اورتیرے رزق سے اسے کھول رہا ہوں।
इफ्तार की शुरुआत कम पानी और खजूर से करें। इफ्तार के समय बर्फ वाला पानी या बहुत ठंडा पानी का उपयोग ना करें । रोजा खोलते ही ज्यादा पानी नहीं पीना चाहिए। इफ्तार के कुछ देर के बाद, आपको ज्यादा पानी एवं जूस आदि लेना चाहिए।
रमज़ान के दौरान रोज़ा रखना न केवल खाने-पीने से परहेज़ करना है, बल्कि अल्लाह से निकटता की तलाश करना भी है। |
दावते इफ्तार और इफ्तार के बाद की दुआ
क्या आप जानते हैं “इफ्तार करने के बाद कौन सी दुआ हमें पढ़ना चाहिए”। अगर आप किसी के यहां दावत में जाते हैं या इफ्तार की दावत में जाते हैं?
आपको रोजा खोलने के लिए कौन सी दुआ पढ़नी चाहिए? नीचे दिए गए लिंक में विस्तार से लिखा गया है। बराय मेहरबानी अपने दुआ से संबंधित ज्ञान को पूरा कर लें।
अगर आपके पास वक्त हो तो जरूर पढ़िए
- हमबिस्तरी (इरादा और मनी निकलने) की दुआ
- शबे बरात कब है?
- आयतल कुर्सी अरबी हिंदी एवं अंग्रेजी में पढ़िए
- इस्लामिक कैलेंडर (हर महीने चांद का अपडेट)
Roza Rakhne Ki Dua पढ़ने से पहले सहरी में इन बातों का जरूर रखें ध्यान
सेहरी का खाना फज्र की नमाज़ से पहले खाया जाता है। फज्र के आज़ान के बाद कुछ भी खाया और पिया नहीं जा सकता है। सेहरी करना सुन्नत है। अगर किसी को भूख नहीं है तो उसे 2-3 खजूर और पानी ज़रुर पी लेना चाहिए।
अगर कोई सेहरी के समय नींद में रह जाता है और बाद में उठने पर वह कुछ खा और पी नहीं सकता है। लेकिन केवल बीटा के पत्ते को चबाता है, तो उसे सेहरी का सवाब मिलेगा।
फज्र की नमाज से 10 मिनट पहले पूरा कर लेना चाहिए। ताकि अपने दांतो में फंसे खाने को वह सही से निकाल सके।
सहरी में ज्यादा तला, मसालेदार, मीठा खाना नहीं लेना चाहिए। सहरी के खाने में दूध, दही, फल और खजूर को जरूर शामिल करना चाहिए।
अगर कोई इंसान रमज़ान के महीने में जानबूझ कर, रमजान के रोजे़ के अलावा किसी दूसरे रोजे की नियत करता हो, वह रोजा कबूल नहीं होगा। उसका वह रोजा भी खराब हो जाएगा।
अल्लाह रोजेदारों की दुआ के लिए लिए 70 हजार फरिश्तों को जमीन पर भेजते हैं। रोजेदार को जहन्नम की आग में नहीं जलाया जाएगा।
Conclusion Points
दोस्तों, उम्मीद करता हूं कि आपको सेहरी और इफ्तार का दुआ से संबंधित लेख पसंद आया होगा। रमज़ान और रोजा से संबंधित अन्य लेख के लिंक नीचे दिए गए हैं। कृपया इसे भी एक बार ज़रूर पढ़ें।
अंत में, सेहरी और इफ्तार की दुआ को सोशल मीडिया पर साझा करके, हम अन्य मुस्लिम भाइयों और बहनों को आसानी से इस दुआ को हिंदी में प्राप्त करने में मदद कर सकते हैं।
आइए इस शब्द का प्रसार करें और रमजान को एकता और भाईचारे का समय बनाएं! अगर आपके पास अन्य किसी मसनून दुआ से संबंधित प्रश्न हो तो कमेंट बॉक्स में जरूर लिखिए.
कब है जानिए
शब ए बारात, रमजा़न, ईद उल फितर, ईद उल अजहा, मिलादुन्नबी, All Muslim Festivals Dates.
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Md
बहुत अच्छा पोस्ट हे आपका
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bahut hi achhi jaankari
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