आपको इस आर्टिकल में इन तीन प्रश्नों का सही उत्तर सबसे पहले मिलने वाला है.
- विधानसभा क्या है?
- MLA Ka Full Form Kya?
- किस राज्य में कितने MLA Seats हैं?
यह आर्टिकल विधानसभा व उनके सदस्यों से संबंधित जानकारी का एक अनोखा संगम है. जो आपको पूरी तरह लाभान्वित करने की क्षमता रखती है. कृपया इस आर्टिकल को आखिर तक पढ़िए.
विधानसभा क्या है, संवैधानिक संदर्भ के अनुसार
विधान सभा कई नामों से जाना जाता है जैसे वैधानिक सभा या सोल हाउस या निचला सदन और अंग्रेजी में लेजिसलेटिव असेंबली (Legislative Assembly) भी कहा जाता है।
राज्यों के विधान मंडल में दो या एक सदन होता है। जिस राज्य के विधानमंडल में एक सदन है. वहां पर सिर्फ विधानसभा होता है। जिस राज्य के विधानमंडल में दो सदन होते हैं, तो दूसरा सदन का नाम विधान परिषद होता है जो भारत के सिर्फ 7 राज्यों में है।
विधान सभा के सदस्यों (विधायक) का चुनाव प्रत्यक्ष रूप से होता है। उनका कार्यकाल 5 साल या इससे कम भी हो सकता है लेकिन आपातकाल के समय कार्यकाल 6 महीने तक बढ़ाया जा सकता है।
एक विधानसभा में MLA सबसे ज्यादा और सबसे कम कितना संख्या हो सकता है?
Bharat के संविधान के अनुसार किसी भी राज्य में विधानसभा में सदस्यों की संख्या 600 से ज्यादा नहीं हो सकती है. दूसरी बात, 60 से कम नहीं हो सकता है।
लेकिन भारत के कुछ राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेश (गोवा – 40, मिज़ोरम – 40, सिक्किम – 32 और पुडुचेरी – 30) के विधानसभा में यह संख्या कम है, जिससे कानून बनाकर बाद में बदला गया था।
ऐंग्लो इंडियन और अल्पसंख्यक समुदाय अगर विधानसभा में उचित प्रतिनिधित्व ना मिलने की स्थिति में राज्यपाल कुछ राज्यों में एक सदस्य को मनोनीत कर सकता है।
MLA Ka Full Form Kya?
- MLA Full Form In English – Member of Legislative Assembly
- MLA Full Form In Hindi – मेंबर ऑफ लेजिसलेटिव असेंबली
- विधायक का पूरा नाम – विधानसभा सदस्य
विधायक किसे कहते है? जिसे आप MLA कहते हैं?
विधान मंडल के सदस्य को विधायक कहते हैं, जैसा कि आप जान चुके हैं विधानमंडल में दो सदन हो सकता है। विधान सभा के सदस्य को अंग्रेजी में MLA कहते हैं। एमएलए का फुल फॉर्म ऑफ लेजिसलेटिव असेंबली है।
विधान परिषद के सदस्य को अंग्रेजी में MLC कहते हैं। एमएलसी का फुल फॉर्म मेंबर ऑफ लेजिसलेटिव काउंसिल है।
किस राज्य में कितने MLA Seats हैं?
India का सबसे बड़ा विधानसभा कौन सा है? भारत का सबसे छोटा विधानसभा कौन-सा राज्य में है? भारत के 28 राज्य और 3 केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा है. जहां पर मुख्यमंत्री बनाए जाते हैं। वर्ष 2023 में, भारत में कुल मुख्यमंत्रियों की संख्या संख्या 31 है।
सबसे ज्यादा विधायकों की संख्या वाला उत्तर प्रदेश विधानसभा है. जबकि सबसे कम संख्या वाला पांडिचेरी विधानसभा है।
- उत्तर प्रदेश – 403
- पश्चिमी बंगाल – 295
- महाराष्ट्र – 288
- बिहार – 242
- तमिलनाडु – 235
- मध्य प्रदेश – 230
- कर्नाटक – 225
- राजस्थान – 200
- गुजरात – 182
- आंध्र प्रदेश – 175
- ओडिशा – 147
- केरल – 141
- असम – 126
- तेलंगाना – 119
- पंजाब – 117
- छत्तीसगढ़ – 91
- हरियाणा – 90
- जम्मू-कश्मीर – फैसला नहीं हुआ है (पहले 87)
- झारखंड – 82
- उत्तराखंड – 71
- दिल्ली – 7
- हिमाचल प्रदेश – 68
- अरूणाचल प्रदेश – 60
- त्रिपुरा – 60
- नागालैंड – 60
- मेघालय – 60
- मणिपुर – 60
- गोवा – 40
- मिज़ोरम – 40
- सिक्किम – 32
- पुडुचेरी – 30.
जम्मू कश्मीर में मौजूदा समय परिसीमन हो रहा है, अब बढ़कर विधानसभा में विधायकों के सीटों की संख्या 114 हो जाएगी.
वर्तमान समय 2024 में, भारत में कुल कितने विधायक हैं?
पूरे भारत में 31 विधान सभा है जिस में सदस्यों की संख्या अलग-अलग है। जिसे आपने ऊपर के टेबल में देखा होगा इन सब संख्याओं को अगर आप जोड़ देंगे तो यह संख्या 4153 होता है।
अब आपका सकते हैं कि भारत में कुल विधानसभा सदस्यों की संख्या 4153 (जम्मू कश्मीर में विधानसभा सीटों की संख्या बढ़ने के बाद) है। इसमें विधान परिषद के सदस्यों का संख्या शामिल नहीं है।
Conclusion Point
लेख का सारांश – भारत में 31 विधानसभा है जिसमें 4153 एमएलए का सीट है. MLA ka full form मेंबर ऑफ लेजिसलेटिव असेंबली होता है.
विधानसभा एवं भारत में विधायकों की संख्या पर आधारित, अगर आपके पास कोई भी प्रश्न हो तो कृपया करके आप नीचे कमेंट बॉक्स में लिखिए. आपको तुरंत उत्तर मिलेगा.
FAQs
क्या आप विधानसभा एवं उनके सदस्यों से संबंधित ज्ञान को पूरा करना चाहते हैं? अगर आपका उत्तर हां है, तो आपको निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर को जरूर पढ़ना चाहिए.
प्रश्न – विधान सभा के सदस्यों को क्या कहा जाता है?
उत्तर – भारत में विधान सभा के सदस्यों को विधान सभा के सदस्य (विधायक) कहा जाता है। ये विधायक चुने हुए प्रतिनिधि होते हैं, जिन्हें प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र से सीधे चुनाव के माध्यम से चुना जाता है।
प्रतिनिधित्व की यह प्रणाली भारत के संघीय ढांचे का एक अभिन्न अंग है, जिसमें प्रत्येक राज्य का प्रतिनिधित्व उसकी जनसंख्या के आधार पर कई विधायकों द्वारा किया जाता है।
विधान सभा का गठन और कामकाज संविधान द्वारा नियंत्रित किया जाता है, जो चुनाव प्रक्रिया और अन्य संबंधित मामलों के लिए मापदंडों की रूपरेखा तैयार करता है।
प्रश्न – किसी भी राज्य के विधानसभा में अधिकतम कितने सीट हो सकती है?
उत्तर – भारत के गोवा, मिजोरम और सिक्किम राज्य को छोड़कर के अन्य सभी राज्यों में अधिकतम विधानसभा की सीट 500 हो सकती है और न्यूनतम 60 हो सकती है।
प्रश्न – भारत में कुल कितने MLA हैं?
उत्तर – भारत में कुल विधायकों की संख्या 4153 है, यह संख्या जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश बनने के पश्चात है।
उत्तर – भारत में, विधानसभा चुनावों के संचालन और देखरेख की शक्ति भारत के चुनाव आयोग (ECI) के पास है, जो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत स्थापित एक संवैधानिक निकाय है।
चुनाव तिथि निर्धारित करने, नामांकन प्रपत्रों की निगरानी करने, निर्वाचन अधिकारियों की नियुक्ति करने, वोटों की गिनती करने, परिणामों की घोषणा करने और अन्य संबंधित कर्तव्यों का निर्वहन करने सहित राज्य विधानसभाओं और संसद के चुनावों के सभी पहलुओं को संचालित करने के लिए ECI जिम्मेदार है।
प्रश्न – विधान सभा का प्रमुख कौन होता है?
उत्तर – विधान सभा के प्रमुख को आमतौर पर अध्यक्ष के रूप में जाना जाता है। अध्यक्ष मुख्य रूप से विधानसभा के भीतर व्यवस्था बनाए रखने और बहस को विनियमित करने के साथ-साथ इसकी कार्यवाही की अध्यक्षता करने के लिए जिम्मेदार होता है।
इसके अलावा, उन पर यह सुनिश्चित करने का भी आरोप लगाया जाता है कि विधानमंडल के सदस्य अपने संबंधित स्थायी आदेशों में निर्धारित नियमों और विनियमों का पालन करते हैं।
प्रश्न – भारत में राज्य के विधानसभा के कितने अंग हैं?
उत्तर – भारत में, राज्य विधानमंडल में दो अलग-अलग कक्ष होते हैं, अर्थात् विधान सभा और विधान परिषद। पूर्व को निचले सदन के रूप में भी जाना जाता है, और इसमें पांच साल की अवधि के लिए लोगों द्वारा सीधे चुने गए प्रतिनिधि शामिल होते हैं।
उत्तरार्द्ध, जिसे आमतौर पर उच्च सदन या द्वितीय सदन के रूप में संदर्भित किया जाता है, में ऐसे सदस्य शामिल होते हैं जो स्थानीय निकायों, शिक्षकों और स्नातकों जैसे विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से चुने जाते हैं।
प्रश्न – भारत के राज्यों की विधानसभा का क्या कार्य है?
उत्तर – भारत के राज्यों की विधान सभाएँ विधायी विचार-विमर्श और निर्णय लेने के लिए एक प्रतिनिधि मंच के रूप में कार्य करती हैं, जिससे उनके राज्य के भीतर नागरिकों के हितों और चिंताओं का प्रतिनिधित्व होता है।
असेंबली भारत के संविधान के अनुसार अपने संबंधित राज्यों को नियंत्रित करने वाले कानूनों को तैयार करने, बहस करने और मतदान करने के लिए जिम्मेदार हैं।
इसमें अन्य मुद्दों के अलावा कराधान, वित्त, लोक कल्याण, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, कानून और व्यवस्था, बुनियादी ढांचे के विकास से संबंधित विधेयकों को पारित करना शामिल है।