क्या आज आप इंटरनेट पर Taraweeh Ki Dua In Hindi को सर्च कर रहे हैं? आप बिल्कुल सही जगह पहुंच चुके हैं. तरावीह की दुआ हिंदी, अरबी एवं अंग्रेजी में पढ़ सकते हैं.
नमाज़ ए तरावीह की दुआ ☟
असल और सही नाम तसबीहे तरावीह है। कुछ लोगों के परेशानी को देखते हुए मैंने अरबी एवं हिंदी टेस्ट को एक साथ लिखा है जिसका मिलान आप आसानी से कर पाएंगे। आप आसानी से याद कर सके इसको मैंने पांच हिस्सों में बांट दिया है।
سُبْحانَ ذِي الْمُلْكِ وَالْمَلَكُوتِ ☜
सुब्हा-न जि़ल मुलकि वल म-ल-कूति
سُبْحانَ ذِي الْعِزَّةِ وَالْعَظْمَةِ وَالْهَيْبَةِ وَالْقُدْرَةِ وَالْكِبْرِياءِ وَالْجَبَرُوْتِ
सुब्हा-न जि़ल इज्जति वल अज-मति वल हैबति वल क़ुदरति वल किबरियाइ वल-ज-ब-रुत।
سُبْحانَ الْمَلِكِ الْحَيِّ الَّذِيْ لا يَنامُوَلا يَمُوتُ
सुब्हा-नल मलिकिल हैयिल लजी़ ला यनामु वला यमूतु
سُبُّوْحٌ قُدُّوْسٌ رَبُّناوَرَبُّ المْلائِكَةِ وَالرُّوْحِ
सुब्बुहुन कुददूसुन रब्बुना व रब्बुल मलाइकति वररु्हि
اللَّهُمَّ أَجِرْنا مِنَ النّارِيا مُجيرُ يا مُجيرُ يا مُجيرُ
अल्लाहुम्मा अजिरना मिनत्रारि या मुजीरु या मुजीरु या मुजीर
Taraweeh Ki Dua In English Text
Subhanal Malikil Quddus।
Subhana jil Mulki wal Malakuti।
Subhana jil izzati wal ajhmati wal haybati wal Qudrati।
wal kibriyaa’i wal jabaroot।
Subhanal Malikil hayyil lajhi, la yunaamu wa layamutu।
Subbuhun, Quddusun, Rabbuna Rabbul malaa’ikati war-rooh।
Allahumma Ajirnee akhlusna Minan Naar।
Ya Mujeero, Ya Mujeero, Ya Mujeer।
तरावीह औसतन कितने समय तक चलती है?
तरावीह एक इस्लामी नमाज़ है जिसे ईशा की नमाज़ के बाद रात में मण्डली में नमाज़ अदा की जाती है। तरावीह की नमाज़ में 20 रकअत होती हैं, और यह आमतौर पर लगभग दो घंटे तक चलती है।
यूं तो तरावीह की नमाज पूरे महीने पर आ जाता है लेकिन शहरों में देखा गया है कि यह नमाज 3 दिन से लेकर 10 दिनों के बीच में खत्म हो जाता है.
तरावीह की नमाज़ कैसे अदा करें: स्टेप बाय स्टेप
रमजान के दौरान मुसलमान हर रात Taraweeh की नमाज अदा करते हैं। तरावीह एक विशेष प्रकार की नमाज़ है जो केवल रमज़ान के दौरान पढ़ी जाती है। तरावीह की नमाज़ अदा करने के लिए सबसे पहले वुज़ू करना ज़रूरी है।
तरावीह में कितना रकात नमाज होता है? फिर, नियत के लिए खड़े हो जाओ। बाकि नमाजों के तरह इमाम साहब के हिसाब से 20 रकात तरावीह की नमाज को मुकम्मल करें।
Taraweeh की नमाज कब होती है?
तरावीह की नमाज रमजान के महीने में अदा की जाती है। यह नमाज ईशा के नमाज के बाद अदा की जाती है। ईशा की चार रकात नमाज पढ़ने के बाद, दो रकात सुन्नत अदा करने के बाद, तरावीह की नमाज शुरु होती है।
तरावीह की 20 रकात इमाम साहब के साथ मुकम्मल करने के बाद, तीन रकात वित्र नमाज पढ़ा जाता है। तरावीह की नमाज आप अकेले भी पढ़ सकते हैं। ईशा की नमाज रात के 8:00 से लेकर 9:00 के बीच होती है।
Conclusion Point
आप तरावीह की दुआ हिंदी, अंग्रेजी एवं अरबी text देख चुके हैं। आपसे आग्रह करता हूं कि तीनों ही भाषाओं के टेस्ट को अच्छे से मिलान कर लें। मिलान करने के बाद उसे याद करें। बेहतर होगा कि याद करने के बाद किसी जानकार को सुनाएं।
किसी भी दुआ को अच्छे तलफुज के साथ पढ़ना इस्लाम में अफजल माना गया है। ज्यादा दिनों तक गलत दुआ पढ़ने से गुनाह भी हो सकता है। अल्लाह ताला आप का रमजान मैं रोजा एवं नमाज़ व तरावीह को कबूल करें।