आप अत्ताहियात लिलाही को हिंदी में तुरंत याद कर सकते हैं, क्योंकि यहां पर आपको एचडी फोटो, अरबी इंग्लिश और हिंदी टेस्ट के साथ मिलेगा.
साथ ही आप तर्जुमा के साथ बेहतर तरीके से सीख सकते हैं तो देर किस बात की आगे पढ़ लीजिए.
Surah Attahiyat Lillahi Hindi Me
التَّحِيَّاتُ لِلّٰهِ، وَالصَّلَوْاتُ، وَالطَّيِّباتُ |
अत्तहिय्यातु लिल्लाहि वस्सलावातु वत्त्तय्यिबातु |
السَّلاَمُ عَلَيْكَ أَيُّهَا النَّبِيُّ وَرَحْمَةُ اللّٰهِ وَبَرَكَاتُهُ |
अस्सलामु ‘अलैका’ अय्युहं-नबिय्यु व रहमतुल्लाहि व बरकातुहू |
السَّلاَمُ عَلَيْنَا وَعَلَى عِبَادِ اللّٰهِ الصَّالِحِيْنَ |
अस्सलामु ‘अलेना व ‘अला ‘इबदिल्लाहिस-सालिहीन |
أَشْهَدُ أَنْ لاَ إِلَهَ إِلاَّ اللّٰهُ وَأَشْهَدُ أَنَّ مُحَمَّداً عَبْدُهُ وَرَسُوْلُهُ |
अश-हदू ‘अं-ला ‘इलाहा ‘इल्लल्लाहू व ‘अश-हदू ‘अन्ना मुहम्मदन ‘अब्दुहु व रसूलुहु |
अत्ताहियात लिलाही अरबी में
التَّحِيَّاتُ لِلَّهِ وَالصَّلَوَاتُ وَالطَّيِّبَاتُ، السَّلاَمُ عَلَيْكَ أَيُّهَا النَّبِيُّ وَرَحْمَةُ اللَّهِ وَبَرَكَاتُهُ، السَّلاَمُ عَلَيْنَا وَعَلَى عِبَادِ اللَّهِ الصَّالِحِينَ، أَشْهَدُ أَنْ لاَ إِلَهَ إِلاَّ اللَّهُ وَأَشْهَدُ أَنَّ مُحَمَّدًا عَبْدُهُ وَرَسُولُهُ
अत्ताहियात लिलाही इंग्लिश में
At-tahiyyatu Lillahi wa-salawatu wa’t-tayyibat, as-salamu ‘alayka ayyuha’n-Nabiyyu wa rahmat-Allahi wa barakatuhu. As-salamu ‘alayna wa ‘alaa ‘ibad-Illah is-saliheen. ashhadu alla ilaha illallah wa ashhadu anna muhammadan ‘abduhu wa rasuluhu
अत्ताहियात लिलाही हिंदी में
- अत्तहिय्यातु लिल्लाहि वस्सलावातु, वत्त्तय्यिबातु
- अस्सलामु ‘अलैका’ अय्युहं-नबिय्यु व रहमतुल्लाहि व बरकातुहू
- अस्सलामु ‘अलेना व ‘अला ‘इबदिल्लाहिस-सालिहीन
- अश-हदू ‘अं-ला ‘इलाहा ‘इल्लल्लाहू व ‘अश-हदू ‘अन्ना मुहम्मदन ‘अब्दुहु व रसूलुहु।
अत्ताहियात लिलाही तर्जुमा
- सारे सलाम अल्लाह के लिए है, और सारी नमाजे और सारी अच्छाईयांँ।
- अमन हो आप पर ऐ नबी, और अल्लाह की रहमतें और उनकी बरकतें।
- अमन हो हम पर और अल्लाह के नेक इबादतगुजार बंदों पर।
- मैं गवाही देता या देती हूंँ कि अल्लाह के सिवा कोई माबूद नही
- और मैं गवाही देता या देती हूंँ कि मुहम्मद ﷺ उनके बंदे ओर उनके रसूल हैं।
- अरबी में अत्ताहियात लिलाही।
Conclusion Points
अत्ताहियात पढ़ने के दौरान जब अश-हदू ‘अं-ला ‘इलाहा, पढ़े तो दाएं हाथ की उंगली मुट्ठी बांधने के अंदाज में समेट लें. शहादत की उंगली उठाएं और इल्लल्लाहू कहते हुए गिरा दें.
जब आपको याद हो जाए तो आप किसी अच्छे जानकार को पढ़कर सुनाएं, हो सकता है कि आपका तलफुज़ में कुछ गलती हो, उसे सही करना आवश्यक है।