क्या आप Share Market Knowledge In Hindi को सर्च कर रहे थे? चाहे आप शेयर मार्केट की आज ही शुरुआत कर रहे हैं या फिर आप पुराने दिग्गज खिलाड़ी हैं। आप दोनों के लिए ही यह सर्वश्रेष्ठ लेख है।
शेयर मार्केट को समझना कोई मुश्किल विषय नहीं है. जैसा आप सोच सकते हैं और कोई भी स्टॉक ट्रेडिंग करना सीख सकता है. ऐसे कई विकल्प उपलब्ध हैं जिनके माध्यम से आप शेयर बाजार की मूल बातें सीख सकते हैं। ईमानदारी से लगातार प्रयासों से आप शेयर बाजार के इनसाइड स्टोरी को जल्द ही सीख लेंगे
Complete Share Market Knowledge के इस बेहद महत्वपूर्ण लेख को दो भागों में विभाजित किया गया है। अगर आप शेयर मार्केट में नए हैं तो सबसे पहले आप बेसिक्स को पढ़िए।
Full नॉलेज चाहिए? थोड़ा सा धैर्य के साथ धीरे धीरे पढ़िए। मैंने इस आर्टिकल को लिखने के लिए यकीन मानिए बहुत मेहनत किया है। आखिर तक पढ़ेंगे तो पता चलेगा। |
आखिरकार, कोई कंपनी अपना शेयर क्यों बेचती है? कोई भी कंपनी बाजार से पूंजी जुटाने के लिए अपने शेयर को बेचती दी है।
₹
आप निवेशक <= शेयर बाजार=> कंपनी. |
शेयर बाजार से पूंजी जुटाने में कंपनी को बहुत फायदा होता है। कंपनी को शेयर बाजार से पूंजी लेने पर अपने फायदे में हिस्सेदारी देना होता है। अगर कंपनी को नुकसान हो जाए तो उसमें भी शेयर मार्केट का हिस्सेदारी हो जाता है।
यही असली कारण है कि कोई भी कंपनी शेयर बाजार से पूंजी लेना पसंद करता है। अगर कोई कंपनी पूंजी जुटाने के लिए बैंकों से लोन लेती है तो उसके बदले उसे बयाज के साथ हर कीमत पर मूल धन को वापस करना होता है।
कंपनी बैंक से लोन लेने की जगह, शेयर मार्केट से पूंजी हासिल करने के फिराक में क्यों रहता है?
बैंक | शेयर मार्केट |
कंपनी को फायदा हो या नहीं, बैंक को तय अवधि के भीतर ब्याज के साथ पूरा मूलधन हर कीमत पर वापस करना पड़ता है. | कंपनी को फायदा का हिस्सेदारी शेयर मार्केट को देना होता है. कंपनी के नुकसान में भी शेयर मार्केट हिस्सेदार होता है. |
आपके लिए और कंपनी के लिए शेयर बाजार कैसे अलग है?
आपके लिए वह Bazar है, जहां पर आप शेयर या इक्विटी को खरीद सकते हैं या फिर उसे बेच सकते हैं. कंपनी अपने शेयर को बाजार में सिर्फ और सिर्फ बेच करके पूंजी जुटा सकती है.
जब कोई भी कंपनी शेयर मार्केट से पूंजी जुटा लेती है तो उसके बाद, कंपनी को फायदा होने पर तय हिस्सेदारी शेयर मार्केट को वापस करना होता है. अगर कंपनी को घाटा हो जाए तो तय हिस्सेदारी के तहत, नुकसान शेयर मार्केट को उठाना होता है.
प्रश्न उठता है कि एक भारतीय निवेशक शेयर कहां से और कैसे खरीदें? तुरंत ज्यादा लाभ के लिए, कौन सा शेयर खरीदें?
शेयर क्या होता है और कितने प्रकार के होते हैं?
शेयर एक कंपनी में स्वामित्व का एक हिस्सा है जिसे शेयर बाजार में खरीदा और बेचा जा सकता है। जब आप कोई स्टॉक खरीदते हैं, तो आप कंपनी के एक हिस्से के मालिक बन जाते हैं, और यदि कंपनी उन्हें भुगतान करती है तो आप लाभांश अर्जित कर सकते हैं।
शेयर की कीमत ऊपर या नीचे जा सकती है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि बाजार कंपनी की संभावनाओं को कैसे मानता है।
शेयर बाजार में दो प्रकार के शेयर होते हैं– सामान्य और पसंदीदा। आम शेयर धारक को मतदान का अधिकार देते हैं, जबकि पसंदीदा शेयरधारक कंपनी के दिवालिया होने की स्थिति में प्राथमिकता भुगतान के हकदार होते हैं। इसके अतिरिक्त, परिवर्तनीय पसंदीदा शेयर हैं, जिन्हें एक निश्चित समय अवधि के बाद आम शेयरों के लिए आदान-प्रदान किया जा सकता है।
भारतीय शेयर बाजार काम कैसे करता है?
मूल रूप से अब हमें यह जानने की जरूरत है कि भारतीय शेयर बाजार में कौन-कौन से संस्था है जो भारतीय शेयर बाजार को संचालित करता है.
सेबी => स्टॉक एक्सचेंज: सेंसेक्स & निफ़्टी => IPO & Share => डिमैट अकाउंट |
सेबी: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) 1988 में भारत सरकार द्वारा प्रतिभूति बाजार को विनियमित करने के लिए स्थापित एक वैधानिक निकाय है। सेबी प्रतिभूति बाजार में निवेशकों के हितों की रक्षा करने, प्रतिभूति बाजार के स्वस्थ विकास को बढ़ावा देने और सूचीबद्ध कंपनियों और बिचौलियों को विनियमित करने के लिए जिम्मेदार है।
सेबी के पास नियामक शक्तियों की एक विस्तृत श्रृंखला है, जिसमें निर्देश जारी करने, दिशानिर्देश जारी करने और निरीक्षण करने का अधिकार शामिल है। सेबी के पास अपने नियमों का उल्लंघन करने वालों पर मुकदमा चलाने की भी शक्ति है।
स्टॉक एक्सचेंज:भारत में इस समय 13 स्टॉक एक्सचेंज हैं। इनमें से नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) दो सबसे बड़े और सबसे महत्वपूर्ण हैं।
अन्य उल्लेखनीय एक्सचेंजों में अहमदाबाद स्टॉक एक्सचेंज (एएसई), कलकत्ता स्टॉक एक्सचेंज (सीएसई), और दिल्ली स्टॉक एक्सचेंज (डीएसई) शामिल हैं। इनमें से प्रत्येक एक्सचेंज सेवाओं और व्यापारिक स्थितियों का एक अलग सेट प्रदान करता है, इसलिए निवेशकों को यह विचार करना चाहिए कि खाता खोलने से पहले उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप कौन सा सबसे अच्छा होगा।
सेंसेक्स: सेंसेक्स बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का एक सूचकांक है, जो तीस कंपनियों से बना है। इसकी गणना 1984 तक 100 के आधार मूल्य का उपयोग करके की जाती है। सेंसेक्स हर पंद्रह सेकंड में व्यापारिक घंटों के दौरान अपडेट किया जाता है और बीएसई द्वारा प्रकाशित किया जाता है। इसका उपयोग भारत में शेयर बाजार के प्रदर्शन को मापने के लिए किया जाता है।
निफ़्टी: निफ्टी इंडेक्स एक स्टॉक मार्केट इंडेक्स है जो भारत के नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर कारोबार करने वाले शीर्ष 50 शेयरों के प्रदर्शन को मापता है। यह एक पूंजीकरण-भारित सूचकांक है, जिसका अर्थ है कि सूचकांक में किसी स्टॉक का भार उसके बाजार पूंजीकरण के समानुपाती होता है।
प्राइमरी और सेकेंडरी मार्केट – IPO & Share
निवेशक के पास मूल रूप से शेयर मार्केट में invest करने के दो विकल्प होते हैं। पहला विकल्प है कि कंपनियों के द्वारा जारी किए गए आईपीओ को खरीदें। निवेशक के पास दूसरा विकल्प होता है कि सेकेंडरी शेयर ट्रेडिंग करें।
आईपीओ क्या होता है? जब कोई कंपनी पहली बार किसी एक स्टॉक एक्सचेंज में रजिस्टर्ड होती है तो उसके पास नया शेयर जारी करने का मौका होता है। आपको बता दें कि कंपनियां पहली बार अपने शेयरों को इनिशियल पब्लिक आफरिंग के जरिए जारी करती है जिससे संक्षिप्त में आईपीओ कहते हैं।
कोई भी कंपनी अपने आईपीओ को लॉन्च करने के बाद अपने शेयरों को सेकेंडरी मार्केट में ले आती है। सेकेंडरी मार्केट को एक्सचेंज ट्रेडेड मार्केट भी कहा जाता है।
सच्चाई यह है कि सेकेंडरी मार्केट ट्रेडिंग को ही मुख्य रूप से शेयर मार्केट के नाम से जाना जाता है जो एक रेगुलर मार्केट होता है। एक निवेशक शेयर ब्रोकर के माध्यम से स्टॉक एक्सचेंज में अपने ट्रेडिंग ऑर्डर्स को पूरा कर सकते हैं।
शेयर बाजार में खरीदारी: डिमैट अकाउंट
अगर आपने मन बना लिया है कि अब मुझे शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करके बहुत सारा पैसा कमाना है तो इसके लिए आपके पास – शेयर मार्केट का नॉलेज, धन एवं डिमैट अकाउंट होना आवश्यक है।
डिमैट अकाउंट आप डायरेक्ट किसी भी बैंक से खुलवा सकते हैं। या आप शेयर ब्रोकर से भी अपना डिमैट अकाउंट खुलवा सकते हैं।
जब आप अपना Demate Account खुलवा लेंगे तो उसे आपको अपने सेविंग अकाउंट से लिंक करना होगा। तभी आप अपना रुपया सेविंग अकाउंट से डिमैट अकाउंट तक भेज सकते हैं। जब आप मुनाफा कमा लेंगे तो अपने डिमैट अकाउंट से उसे सेविंग अकाउंट में ट्रांसफर कर सकते हैं।
आपको यह भी पता होना चाहिए कि भारत में शेयर कैसे खरीदे और बेचे जाते हैं, साथ ही यह भी पता होना चाहिए कि दोनों को कब करना है। भारत में शेयर बाजार सुबह 9:15 बजे से दोपहर 3:30 बजे तक कारोबार के लिए खुला रहता है।
सप्ताह के दिनों में आम तौर पर भारत में शेयर बाजार लगभग किसी भी व्यक्ति के लिए खुला होता है जो शेयर बेचना या खरीदना चाहता है, लेकिन कुछ छुट्टियां ऐसी होती हैं जिन पर यह फ़ंक्शन उपलब्ध नहीं होता है।
भारत के रीति-रिवाज जिन्हें आमतौर पर शेयर बाजार की छुट्टियों के रूप में परोसा जाता है, उनमें होली, ईद, स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस, अन्य शामिल हैं।
अगर आप शेयर मार्केट के बेसिक्स को अच्छे से समझ गए हैं तो अब आपको आगे पढ़ना चाहिए. मूल रूप से एडवांस शेयर मार्केट नॉलेज के सेक्शन में आपको ज्यादा से ज्यादा कम समय में मुनाफा कमाने का टिप्स दिया जाएगा.
शेयर मार्केट से पैसा कमाने के लिए आपके पास क्या होना चाहिए:
- शेयर मार्केट का नॉलेज
- धन
- डिमैट अकाउंट
साथ यह बताने का भी कोशिश किया जाएगा कि आप शेयर मार्केट के चक्कर में कहीं कंगाल ना हो जाए. इसलिए कहा जाता है कि जोखिम का दूसरा नाम शेयर मार्केट है.
मुझे स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग क्यों सीखनी चाहिए?
आपके मन में एक सवाल उठ सकता होगा कि, मुझे स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग क्यों सीखनी चाहिए? आप छात्र या युवा पेशेवर या हाउसवाइफ भी हो सकती हैं. आपकी स्थिति या उम्र जो भी हो, आपके कुछ सपने हो सकते हैं, जिन्हें आप पूरा करना चाहते हैं.
उसके लिए आपको उचित समय पर उचित मात्रा में धन की आवश्यकता होती है, जिसका अर्थ है कि आपको निवेश शुरू करना होगा. जब तक आप अपनी आय का कुछ हिस्सा निवेश के उद्देश्य से आवंटित करना शुरू नहीं करते, तब तक आप अपने सपनों को प्राप्त नहीं कर सकतें हैं.
इसका मतलब यह नहीं है कि शेयर बाजार में निवेश करने के लिए आपके पास लाखों और लाखों के मालिक होने चाहिए. यहां तक कि न्यूनतम रु. 100, आप हर महीने म्यूचुअल फंड में निवेश करना शुरू कर सकते हैं। इक्विटी, म्यूचुअल फंड, एसआईपी, डेरिवेटिव, मुद्रा, कमोडिटी, बॉन्ड आदि जैसी कई वित्तीय संपत्तियां हैं.
निवेश आपके जीवन में एक तरह का सबसे बेहतरीन अनुशासन लाता है. अनिश्चितता की इस दुनिया में, आपको निश्चित रूप से एक सुरक्षित भविष्य के लिए एक बैकअप योजना की आवश्यकता होगी.
जब आप अपनी आदत के रूप में निवेश करते हैं, तो चक्रवृद्धि की शक्ति के कारण आपको एक निश्चित अवधि के बाद उच्च रिटर्न मिलेगा.
कोई भी व्यक्ति जो अभी निवेश नहीं कर रहा है, वह एक जबरदस्त अवसर खो रहा है. निवेश की बात आने पर कोई कल या बाद का समय नहीं होता है. जीवन में किसी भी चीज से जुड़ा जोखिम कारक होता है और बाजार कोई अपवाद नहीं होता है.
अपना निवेश शुरू करने के लिए आपको शेयर बाजार के विशेषज्ञ होने की आवश्यकता नहीं है। धीरे-धीरे और व्यवस्थित सीखने के माध्यम से, आप निश्चित समय में विशेषज्ञ बन सकते हैं.
जैसा कि कहा जाता है कि “ज्ञान शक्ति है”, लेखों, पुस्तकों, वीडियो आदि के माध्यम से शेयर बाजार के बारे में बहुत कुछ पढ़ने से आपको अपनी निवेश यात्रा शुरू करने के लिए आवश्यक कौशल विकसित करने में मदद मिलेगी. कई ऑनलाइन पोर्टल भी हैं जो आपको शेयर बाजार की बुनियादी बातों में पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं.
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करने के लिए किन चीजों की आवश्यकता होती है?
अगर आपने मन बना लिया है कि अब मुझे शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करके बहुत सारा पैसा कमाना है तो इसके लिए आपके पास – शेयर मार्केट का नॉलेज, धन एवं डिमैट अकाउंट होना आवश्यक है.
डिमैट अकाउंट आप डायरेक्ट किसी भी बैंक से खुलवा सकते हैं. या आप शेयर ब्रोकर से भी अपना डिमैट अकाउंट खुलवा सकते हैं.
जब आप अपना डिमैट अकाउंट खुलवा लेंगे तो उसे आपको अपने सेविंग अकाउंट से लिंक करना होगा. तभी आप अपना रुपया सेविंग अकाउंट से डिमैट अकाउंट तक भेज सकते हैं. जब आप मुनाफा कमा लेंगे तो अपने डिमैट अकाउंट से उसे सेविंग अकाउंट में ट्रांसफर कर सकते हैं.
किन-किन गलतियों से शेयर ट्रेडिंग में बड़ा नुकसान होता है
मान लीजिए कि, अब आपके पास शेयर मार्केट का थोड़ा ज्ञान भी हो गया है. यही नहीं आपका डिमैट अकाउंट भी एक्टिव हो चुका है. आपने अपने सेविंग अकाउंट से डिमैट अकाउंट पर कुछ पैसे भी ट्रांसफर कर लिया है. अगर आपने यह तीनों रिक्वायरमेंट पूरा कर लिया है तो आप पूरी तरह से ट्रेडिंग के लिए तैयार हैं.
मैं कहूंगा अभी थोड़ा सा रुक जाइए. याद रखिए शेयर ट्रेडिंग में ज्यादातर लोग पैसे अपने गवाते हैं और उनमें से कुछ ही लोग होते हैं जो मुनाफा कमा पाते हैं.
किसी भी Company का शेयर खरीदने से पहले उसका गहन अध्ययन करना अति आवश्यक है. ज्यादातर लोग यह देखते हैं कि पिछले 6 महीने या 1 सालों के ट्रेंड में यह कंपनी का शेयर तेजी से बढ़ा है तो यह देखकर लोग खरीद लेते हैं.
1 साल या 6 महीने के बढ़ते ट्रेन को कंपनी की उपलब्धि नहीं मानिए यह इंटरनल ट्रेडिंग का कमाल होता है. ज्यादातर लोग किसी धोखे में आ जाते हैं.
किसी भी कंपनी का शेयर खरीदने से पहले आप उनके एनुअल रिपोर्ट को ठीक से निकालिए आपको उस कंपनी का सब कुछ पता चल जाएगा.
ना जाने इंटरनेट पर कितने सारे एक्सपोर्ट बैठे हैं जो शेयर खरीदने के लिए बहुत सस्ते में मशवरा बेचते रहते हैं. वह कहेंगे कि आप इस कंपनी के शेयर को खरीद लेंगे तो आपको रातों-रात अमीर बना देगा. मेरा सीधा सा प्रश्न है कि वही एक्सपर्ट इन सभी शेयर को क्यों नहीं खरीद लेते हैं उसे दूसरे दिन मशवरा देने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
मैं बहुत ईमानदारी से आपको कहूंगा कि शेयर मार्केट ट्रेडिंग के लिए आप अपना खुद से रिसर्च कीजिए वही आपको काम आएगा.
इसीलिए कहा जाता है कि आप कम पैसों से ही शेयर ट्रेडिंग को शुरू कीजिए जैसे-जैसे आप का तजुर्बा बढ़ेगा वैसे-वैसे आप ज्यादा पूंजी लगाने की सोचिए.
Conclusion Points
अगर आप शेयर मार्केट के दिग्गज खिलाड़ी बनना चाहते हैं तो आपको कुछ बातों पर अवश्य ध्यान देना चाहिए।
शेयर बाजार में नुकसान से बचने के टिप्स
- बहुत ही कम रुपए से ट्रेडिंग स्टार्ट करें।
- अलग-अलग सेक्टर के शेयर पर इन्वेस्ट करें।
- कम से कम 1 साल तक उस पर खुद से रिचार्ज करें।
- कंपनी और पोर्टफोलियो की पूरी जानकारी लें।
- शेयर मार्केट से संबंधित किताबों को पढ़ें।
- ऑनलाइन कोर्स कर सकते हैं।
- शेयर मार्केट में कामयाब लोगों को फॉलो करें।
- धैर्य और लालच का संतुलन बना कर रखें।
आपको ईमानदारी के साथ बता देता हूं कि शेयर मार्केट का फुल नॉलेज आपको एक आर्टिकल पढ़ने से नहीं मिलेगा। आपसे अनुरोध करूंगा कि जब कभी भी आपको समय मिले तो अपनी ज्ञान को बढ़ाने के लिए अन्य आर्टिकल को इस वेबसाइट पर जरूर पढ़ने के लिए आए।
FAQsशेयर बाजार को समझने के लिए इससे जुड़े सवाल पूछना जरूरी है। उदाहरण के लिए, कौन से कारक स्टॉक की कीमतों को प्रभावित करते हैं? शेयर बाजार में कितने प्रकार के निवेश उपलब्ध हैं? शेयर बाजार में निवेशक पैसा कैसे कमाते हैं? इस तरह के प्रश्न पूछकर, निवेशक शेयर बाजार के काम करने के तरीके की बेहतर समझ हासिल कर सकते हैं और निवेश के बारे में अधिक जानकारीपूर्ण निर्णय ले सकते हैं। शेयर मार्केट की नॉलेज के लिए सबसे बेहतरीन किताब कौन सी है?उत्तर – अगर आप शेयर मार्केट में अपना ज्ञान बढ़ाना चाहते हैं और एक अच्छे इन्वेस्टर बनना चाहते हैं तो आप नीचे दिए गए किताबों को पढ़ सकते हैं।
स्टॉक मार्केट की नॉलेज कैसे बढ़ाया जाता है?उत्तर – अपने शेयर बाजार के ज्ञान को बढ़ाने का एक तरीका विभिन्न प्रकार के वित्तीय समाचार पत्रों, पत्रिकाओं और ऑनलाइन प्रकाशनों को पढ़ना होगा। इसके अतिरिक्त, वित्तीय सेमिनारों में भाग लेना और/या निवेश न्यूज़लेटर्स की सदस्यता लेना सहायक हो सकता है। ऐसा करने से, एक व्यक्ति उपलब्ध विभिन्न प्रकार के निवेशों के साथ-साथ शेयर बाजार को प्रभावित करने वाली वर्तमान समाचारों और घटनाओं से अधिक परिचित हो सकता है। अपने शेयर बाजार के ज्ञान को बढ़ाने के लिए आप कुछ अलग चीजें कर सकते हैं। सबसे पहले, जितना हो सके शेयर बाजार के बारे में पढ़ना और शोध करना महत्वपूर्ण है। आप ऑनलाइन या किताबों में कई तरह की जानकारी पा सकते हैं, और इससे आपको बेहतर समझ मिलेगी कि शेयर बाजार कैसे काम करता है। क्या शेयर मार्केट के कमाई पर टैक्स लगता है?उत्तर – इस प्रश्न का संक्षिप्त उत्तर है हां, शेयर बाजार की कमाई पर कर लगता है। लंबा जवाब थोड़ा और जटिल है। सबसे पहले, यह समझना महत्वपूर्ण है कि शेयर बाजार की कमाई से जुड़े दो प्रकार के कर हैं: आयकर और पूंजीगत लाभ कर। स्टॉक मार्केट निवेश से अर्जित धन पर आयकर का आकलन किया जाता है, जबकि पूंजीगत लाभ करों का आकलन उन निवेशों के मूल्य में वृद्धि पर किया जाता है।
भारत में शेयर कैसे खरीदते है?उत्तर – ऐसे कुछ रास्ते हैं जिनके माध्यम से कोई व्यक्ति भारत में शेयर खरीद सकता है। एक विकल्प उन्हें बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर खरीदना है। दूसरा म्यूचुअल फंड में निवेश करना है जो भारतीय कंपनियों में शेयर रखते हैं। कई ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म भी हैं जो भारतीय इक्विटी बाजार तक पहुंच प्रदान करते हैं। निवेश के साधन का चयन करने से पहले अपना शोध करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि प्रत्येक के अपने जोखिम और पुरस्कार होते हैं। क्या ऑनलाइन आईपीओ खरीद सकते हैं?उत्तर – आईपीओ शेयर ऑनलाइन खरीदना संभव है या नहीं, इसका सवाल एक जटिल है। एक ओर, कुछ लोग कह सकते हैं कि यह संभव नहीं है क्योंकि आईपीओ एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा कोई कंपनी पहली बार जनता को अपने शेयर प्रदान करती है, और यह केवल एक पंजीकृत ब्रोकर के माध्यम से ही किया जा सकता है। दूसरी ओर, अन्य लोग कह सकते हैं कि आईपीओ शेयर ऑनलाइन खरीदना संभव है यदि आपके पास ब्रोकरेज फर्म के साथ खाता है जो यह सेवा प्रदान करता है। शेयर मार्केट अकाउंट क्या होता है?उत्तर – शेयर मार्केट में शेयर की खरीदारी करने के लिए आपको बैंक या ब्रोकर्स से डिमैट अकाउंट खुलवाना होगा। डीमैट खाता चुनते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। देखने के लिए सबसे महत्वपूर्ण कारक वह शुल्क है जो खाता शुल्क लेता है, उत्पाद जो खाता प्रदान करता है, और ग्राहक सेवा जो खाता प्रदान करता है। कुछ खातों में अधिक शुल्क होता है, लेकिन उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला की पेशकश करते हैं, जबकि अन्य के पास कम शुल्क होता है, लेकिन हो सकता है कि वे उतने उत्पादों की पेशकश न करें। यह सुनिश्चित करना भी महत्वपूर्ण है कि ग्राहक सेवा जानकार और सहायक हो। शेयर मार्केट में पैसा किस तरह लगाया जाता है?उत्तर – काला धन पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने शेयर मार्केट मैं पैसा लगाने की प्रक्रिया को पूरी तरह ऑनलाइन कर दिया है। शेयर बाजार में शेयर खरीदने के लिए, एक निवेशक को सबसे पहले एक प्रतिष्ठित ऑनलाइन ब्रोकर या बैंक की तलाश करनी होगी। एक ब्रोकर चुनने के बाद, निवेशक को एक खाता बनाना होगा और कम से कम न्यूनतम आवश्यक जमा राशि के साथ इसे निधि देना होगा। इसके बाद, निवेशक को उन शेयरों या ईटीएफ का चयन करना होगा जिन्हें वे खरीदना चाहते हैं और ऑर्डर जमा करना चाहते हैं। एक बार ब्रोकर द्वारा विक्रेता को वांछित मूल्य पर मिल जाने के बाद ऑर्डर भर दिया जाएगा। आप अपने आसपास नजदीकी किसी भी बैंक से डिमैट अकाउंट खुलवा करके शेयर मार्केट में पैसा लगा सकते हैं। शेयर कब खरीदना चाहिएउत्तर – इस प्रश्न का कोई निश्चित उत्तर नहीं है। कुछ कारकों को ध्यान में रखा जा सकता है जिनमें कंपनी की वित्तीय स्थिरता, समग्र बाजार की स्थिति और आपकी व्यक्तिगत वित्तीय स्थिति शामिल है। शेयर की कीमत कम होने पर शेयर खरीदना और उच्च होने पर बेचना एक अच्छी निवेश रणनीति है, लेकिन हमेशा अपवाद होते हैं। कोई भी निर्णय लेने से पहले अपना खुद का शोध करना और निवेश पेशेवर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है। |