सेंसेक्स क्या है? NIFTY और SENSEX के बारे में आप जो सटीक जानकारी खोज रहे हैं, वह इस विशिष्ट लेख को पूरी तरह से पढ़कर आपको मिल जाएगी। अत्यंत स्पष्टता के साथ अंत तक पढ़ने का प्रयास करें। यह अनूठा लेख उन सभी लोगों के लिए प्रासंगिक है जो शेयर बाजार में रुचि रखते हैं।
सेंसेक्स का क्या अर्थ है? इसे हिंदी में संवेदनशील सूचकांक के रूप में जाना जाता है, और यह मुंबई स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक है। भारत जैसी बड़ी प्रथम-विश्व अर्थव्यवस्थाओं में, चार सूचकांक हैं जो कंपनियों के शेयर की कीमतों को मापते हैं।
मूल्य प्रवृत्तियों पर ध्यान देने और मूल्य परिवर्तनों पर नज़र रखने के लिए स्टॉक एक्सचेंज के साथ पंजीकृत इन कंपनियों के शेयरों के दर परिवर्तन का अनुसरण करता है, और इसे सेंसेक्स और निफ्टी इंडेक्स के रूप में जाना जाता है। इसे एक प्रकार का सूचकांक भी कहा जाता है।
सेंसेक्स और निफ्टी वाक्यांश को समझने के लिए आपको पहले शेयर का अर्थ समझना होगा। इन चार शब्दों, शेयर, शेयर बाजार, सेंसेक्स और निफ्टी में गहरा तालमेल है। उस पर पूरा ध्यान दें, और आप समझ जाएंगे।
एक और तालमेल है: सेंसेक्स, स्टॉक और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज। अतिरिक्त ध्यान दें ताकि आप अनुक्रमणिका को संदर्भित करने के लिए उपयोग कर सकें। |
सेंसेक्स कैसे काम करता है और यह इतना महत्वपूर्ण क्यों है?
Sensex, या संवेदनशील सूचकांक, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध 30 बड़ी कंपनियों के स्टॉक प्रदर्शन का एक उपाय है। यह एक भारित औसत है, जिसमें प्रत्येक कंपनी को उसके बाजार पूंजीकरण के अनुपात में वेटेज दिया जाता है।
सेंसेक्स महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भारतीय अर्थव्यवस्था के समग्र स्वास्थ्य का एक प्रमुख संकेतक है। इसका उपयोग बेंचमार्क के रूप में भी किया जाता है जिसके द्वारा अन्य भारतीय शेयरों के प्रदर्शन को मापने के लिए उपयोग किया जाता है।
शेयरों को Indian economy के लिए उनके महत्व के आधार पर चुना जाता है। सेंसेक्स को हर दिन अपडेट किया जाता है और इसका उपयोग शेयर बाजार के प्रदर्शन को मापने के लिए किया जाता है।
शेयर किसे कहते हैं?
एक कंपनी को कुशलता से चलाने के लिए महत्वपूर्ण पूंजी की आवश्यकता होती है। ऐसी पूंजी का भुगतान करने के लिए, कंपनी अपनी कुछ हिस्सेदारी बाजार में बेच सकती थी। इस हिस्सेदारी को खरीदने से निवेशक को कंपनी में नई हिस्सेदारी मिल जाएगी।
छोटी कंपनियों को चलाने के लिए बड़ी पूंजी लानी होगी। पूंजी को आकर्षित करने के लिए, कंपनियों को अपने व्यवसाय के मौजूदा हिस्से को बाजार में बेचना पड़ता है। उसके बाद, नए निवेशक को कंपनी के शेयरधारक सूची में सूचीबद्ध किया जाता है।
शेयर का दाम कैसे तय होता है?
मान लें कि किसी कंपनी ने अपने 25% शेयर को मार्केट में बेच दिया, उस कंपनी का वैल्यू एक करोड़ रुपया था। मतलब यह हुआ कि वह मार्केट से 25 लाख उठाना चाहता है। उसके लिए उन्होंने 25 शेयर बना दिया । एक शेयर का दाम एक लाख रुपया हुआ।
अगर कोई निवेशक उनमें से 25 शेयरों को 25 लाख देकर खरीद लेता है इसका मतलब यह हुआ कि, निवेशक अब कंपनी का 25 परसेंट हिस्सेदार हो गया। कंपनी के फायदे तथा नुकसान दोनों ही हालात में नया निवेशक उसका हिस्सेदार है।
मान लें कि कंपनी को एक साल में एक करोड़ का फायदा हुआ तो निवेशक का हिस्सा 25 लाख हो गया। जिस शेयरों का दाम पिछले साल 25 लाख था अब उस शेयर की कीमत 50 लाख हो चुका है। यानि एक शेयर की कीमत 2 लाख हो चुका है, जिसकी कीमत पिछले साल 1 लाख रुपये थी।
अगर उस कंपनी को 1 साल में एक करोड़ रुपए का नुकसान हो जाता है। इसका मतलब यह हुआ कि निवेशक का 25 लाख रुपये का नुकसान हो चुका है। शेयर की कीमत जीरो रुपया हो चुका है जिसकी कीमत पिछले साल 1 लाख रुपये थी।
अब आप यह सोच रहे होंगे कि कंपनी ने अपना शेयर कैसे बेचा तथा निवेशक ने कैसे शेयर को खरीदा होगा?
शेयर बाजार क्या होता है?
शेयर बाजार वह बाजार है जहां कंपनियां निवेशकों को शेयर जारी कर सकती है और वे इसे खरीद सकते हैं।
पिछले उदाहरण में आपने देखा कि एक निवेशक ने 25 लाख रुपये से 25 शेयर खरीदा था। फायदे की स्थिति में 25 लाख रुपए कमा रहा था. जबकि नुकसान की स्थिति में 25 लाख रुपये का नुकसान हो रहा था।
अब Investor पूरे साल में किसी भी समय अपने शेयर को बेच सकता है। अगर वह निवेशक फायदे की स्थिति में सभी शेयरों को बेच देता है तो उसे 25 लाख का मुनाफा हो जाता है। इस खरीद-फरोख्त के लिए एक बाजार चाहिए होता है उस बाजार को ही शेयर बाजार कहते हैं।
अब यह आपके दिमाग में आ रहा होगा कि कंपनी का शेयरों का मूल्य कौन तय करता है ? निवेशक तथा कंपनी के बीच में पारदर्शिता कौन बनाए रखता है ? निवेशक एवं कंपनी की हितों की रक्षा कौन करता है ? इन सभी प्रश्नों का उत्तर हो सकता है – स्टॉक एक्सचेंज या सेंसेक्स या निफ्टी।
भारत में कितने स्टॉक एक्सचेंज है?
भारत में दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज हैं, जिसे लोग सेंसेक्स या शेयर बाजार समझते हैं, उसका नाम इस प्रकार है।
- मुंबई स्टॉक एक्सचेंज, मुंबई
- नेशनल स्टॉक एक्सचेंज, मुंबई.
मुंबई स्टॉक एक्सचेंज क्या है?
मुंबई स्टॉक एक्सचेंज के कितने नाम हैं ? क्या इसे सेंसेक्स कहना उचित होगा? इन नामों से मुंबई स्टॉक एक्सचेंज को लोग जानते है:-
- S&P BSE SENSEX
- S&P Bombay Stock Exchange Sensitive Index
- BSE – 30
- Bombay stock exchange
- Mumbai share market
- मुंबई संवेदी सूचकांक
- बीएसई सेंसेक्स
- बसे सेंसेक्स
- बीएसई.
मुंबई स्टॉक एक्सचेंज के सूचकांक को सेंसेक्स कहते हैं जो 30 कम्पनियाँ के शेयरों के सूचकांक से बना है। Full Form of Sensex is Sensitive Index है। सूचकांक (Index) क्या है? सूचकांक की परिभाषा ‘’ सूचकांक एक सांख्यिकीय है जो बदलाव को गिनता है यानि ‘’ मूल्य बतानेवाला आँकड़ा ‘’।
मुंबई स्टॉक एक्सचेंज के इतिहास को संक्षिप्त में जान लीजिए
मुंबई स्टॉक एक्सचेंज, एशिया का सबसे पुराना शेयर बाजार है जिसकी स्थापना 1875 में हुआ था। जबकि भारत सरकार से मान्यता Securities Contract Regulation Act के तहत 31अगस्त 1957 में मिला था।
वर्ष 1978-79 को बैस ईयर माना जाता है। उस समय सेंसेक्स का आधार मूल्य मात्र 100 रुपये था। सेंसेक्स की रचना 1986 में हुआ था।
मुंबई स्टॉक एक्सचेंज के इतिहास में जाएंगे तो आपको जानकर ताज्जुब होगा कि 1850 के दशकों में शेयर दलालों की पहली बैठक मुंबई में टाऊन हॉल के सामन बरगद के पेड़ के नीचे हुई थी । जबकि दूसरा स्थान महात्मा गांधी रोड था। आखिरकार 1874 में, दलालों को एक स्थायी स्थान मिला, जिसे आज के समय में दलाल स्ट्रीट कहते हैं।
14 मार्च, 1995 में ओटोमेटेड ट्रेडिंग सिस्टम का शुरुआत हुआ था। उसी दिन से निवेशकों ने ऑनलाइन ट्रेडिंग करना शुरु किया था।
1997 में बोल्ट नेटवर्क के जरिए राष्ट्रीय स्तर पर फैलाया गया। 2002 में मुंबई स्टॉक एक्सचेंज का नाम बदलकर बीएसई (BSE SENSEX) रखा गया था। मुंबई स्टॉक एक्सचेंज का मुख्यालय मुंबई है।
इंडिया सेंसेक्स क्या है?
इंडिया सेंसेक्स का तात्पर्य बीएसई सेंसेक्स है। क्योंकि बीएसई भारत का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है जिसके सूचकांक का नाम सेंसेक्स रखा गया था।
आज भी कुछ लोग मुंबई स्टॉक एक्सचेंज को सेंसेक्स की समझते हैं क्योंकि खबरों में अक्सर सेंसेक्स के नंबर को हेडलाइन बनाकर दिखाया जाता है।
अपना कन्फ्यूजन खत्म कर दीजिए बीएसई एक संस्था का नाम है तथा उसके सूचकांक का नाम संसेक्स है उसे आप इंडिया का सेंसेक्स कह सकते हैं।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज क्या है?
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को अप्रैल 1993 में सेबी (SEBI) के द्वारा स्टॉक एक्सचेंज के रूप में मान्यता मिला तथा 1994 में परिचालन शुरू किया गया था।
एनएसई, भारत का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है तथा विश्व का तीसरा बड़ा स्टॉक एक्सचेंज होने का गौरव प्राप्त है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का मुख्यालय मुंबई है। एनएसई को कुछ लोग निफ्टी मान लेते हैं, आपको बता दूं कि निफ्टी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का एक सूचकांक है।
निफ्टी का मतलब क्या है?
1996 में निफ्टी शब्द का उदय हुआ था। जिसका संबंध नेशनल स्टॉक एक्सचेंज से है। निफ्टी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का एक सूचकांक है।
निफ्टी दो शब्दों को मिलाकर बनाया गया है = नेशनल + फिफ्टी = National Fifty या निफ्टी कहते हैं। NIFTY Full form – National Stock Exchange Fifty।
What is Nifty and Sensex in Hindi
सेंसेक्स तथा निफ्टी दोनों ही संवेदी सूचकांक हैं। शेयर बाजार की बदलाव को निवेशकों तक पहुंचाता है। शेयर बाजार में शेयरों के दाम इन्हीं सूचकांक के द्वारा तय किए जाते हैं।
सेंसेक्स बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक जबकि निफ्टी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज सूचकांक है। सेंसेक्स 30 कम्पनियाँ से बना है जबकि निफ्टी 50 कम्पनियाँ से बना है।
सेंसेक्स तथा निफ्टी में इन्वेस्ट करने से कितना फायदा होता है?
सेंसेक्स की रफ्तार को भी जान लीजिए
- 1990 – 1000
- 1992 – 2000
- 1992 – 4000
- 1999 – 5000
- 2000 – 6000
- 2006 – 10000
- 2017 – 30000
- 2018 – 35000
- 2019 – 41000
- 2020 – 46,000
- 2021 – 50,000
- 2022 – 63,284 (दिसंबर).
- 2023 – 60,840.74.
ऊपर लिखे आंकड़ों में यह देख सकते हैं कि 1990 में सेंसेक्स आंकड़ा 1 हजार था। अगर वर्ष 2018 की बात करें तो यह आंकड़ा 35 हजार को पार कर गया है।
इसका सीधा-सीधा मतलब यह हुआ कि अगर आप कोई उचित कंपनी में 1 लाख रुपये का शेयर 1990 में खरीदा होता तो आज उसका कम से कम 50 गुना बढ़ कर 50 लाख हो सकता था।
Conclusion Points
अब आपके मन में प्रश्न होगा कि जो share हमने खरीदा होता उसका दाम बढ़ता क्या ?
दोस्तों यह डाटा जो ऊपर देख रहे हैं यह एक एवरेज डाटा है सभी शेयरों को मिलाकर निकाला गया है। आपके द्वारा खरीदा गया शेयर का मूल्य इससे ज्यादा भी हो सकता था या कम भी हो सकता था। इसीलिए तो कहा जाता है शेयर खरीदने से पहले जानकारी हासिल करना जरूरी होता है।
निवेशकों के हितों की रक्षा स्टॉक एक्सचेंज करता है जबकि सेंसेक्स तथा निफ्टी शेयरों वैल्यू को लोगों के सामने लाता है। शेयर मार्केट से अगर आप पैसा कमाने का मन बना चुके हैं तो मैं एक बार फिर कहना चाहूंगा पूरी तसल्ली से पहले जानकारी हासिल कर लें तभी शेयर मार्केट में निवेश करें।
FAQsSensex से संबंधित आपके पास भी अगर कोई प्रश्न हो तो जरूर कमेंट बॉक्स में लिखिए बाकी हमारी टीम आपके प्रश्नों का उत्तर दें. प्रश्न – भारतीय शेयर बाजार क्या है?उत्तर – Indian शेयर बाजार उस एक्सचेंज को संदर्भित करता है जहां स्टॉक और अन्य प्रतिभूतियां खरीदी और बेची जाती हैं। बाजार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) सहित कई अलग-अलग एक्सचेंजों से बना है। बाजार को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा नियंत्रित किया जाता है, जो व्यापार के लिए नियम और दिशानिर्देश निर्धारित करता है। प्रश्न – शेयर बाजार और सेंसेक्स में क्या संबंध है?उत्तर – Share Bazaar बाजारों का एक संग्रह है जहां निवेशकों के बीच शेयरों (व्यवसायों में स्वामित्व के टुकड़े) का कारोबार होता है। सेंसेक्स 30 बड़ी भारतीय कंपनियों के शेयर बाजार के प्रदर्शन का एक सूचकांक या माप है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि शेयर बाजार और सेंसेक्स एक ही चीज नहीं हैं – शेयर बाजार में कई स्टॉक होते हैं जबकि सेंसेक्स केवल 30 के प्रदर्शन को मापता है। शेयर बाजार ऊपर या नीचे जा सकता है जबकि सेंसेक्स अपेक्षाकृत स्थिर रह सकता है। प्रश्न – सेंसेक्स में कौन कौन सी कंपनी आती है?उत्तर – बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) 30-स्टॉक इंडेक्स, जिसे सेंसेक्स भी कहा जाता है, 30 बड़ी और अच्छी तरह से स्थापित भारतीय कंपनियों के शेयरों से बना एक मूल्य-भारित सूचकांक है। सेंसेक्स भारतीय अर्थव्यवस्था का बैरोमीटर है और शेयर बाजार के समग्र प्रदर्शन को मापता है। सेंसेक्स में शामिल कंपनियों का चयन उनके बाजार पूंजीकरण और तरलता के आधार पर किया जाता है। प्रश्न – सेंसेक्स का क्या अर्थ है?उत्तर – सेंसेक्स, या संवेदनशील सूचकांक, एक शेयर बाजार सूचकांक है जो बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध 30 बड़ी कंपनियों के प्रदर्शन को मापता है। कंपनियों को उनके बाजार पूंजीकरण और अन्य कारकों के आधार पर चुना जाता है। सेंसेक्स को दैनिक रूप से अपडेट किया जाता है और भारतीय शेयर बाजार के प्रदर्शन को मापने के लिए बेंचमार्क के रूप में उपयोग किया जाता है। प्रश्न – सेंसेक्स कैसे काम करता है?उत्तर – सेंसेक्स (सेंसिटिव इंडेक्स) बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेड किए गए 30 शेयरों से बना एक स्टॉक मार्केट इंडेक्स है। यह एक मूल्य-भारित सूचकांक है, जिसका अर्थ है कि उच्चतम कीमतों वाले शेयरों का सेंसेक्स के मूल्य पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है। सेंसेक्स हर 15 सेकंड में ट्रेडिंग घंटों के दौरान अपडेट किया जाता है और इसका उपयोग भारतीय शेयरों के प्रदर्शन को मापने के लिए किया जाता है। प्रश्न – सेंसेक्स और निफ्टी में क्या अंतर है?उत्तर – सेंसेक्स बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध 30 बड़ी कंपनियों का स्टॉक मार्केट इंडेक्स है जबकि निफ्टी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध 50 बड़ी कंपनियों का स्टॉक मार्केट इंडेक्स है। दोनों सूचकांक काफी हद तक समान हैं लेकिन निफ्टी में सॉफ्टवेयर कंपनियों को अधिक भार दिया गया है और छोटे बाजार पूंजीकरण वाली कंपनियों को बाहर रखा गया है। प्रश्न – सेंसेक्स और डॉव जोन्स कैसे अलग है?उत्तर – Sensex बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के लिए एक स्टॉक मार्केट इंडेक्स है, जबकि डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज (डीजेआईए) न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (एनवाईएसई) के लिए स्टॉक मार्केट इंडेक्स है। दो सूचकांकों की अलग-अलग गणना की जाती है और स्टॉक के विभिन्न सेटों को ट्रैक किया जाता है। सेंसेक्स एक मूल्य-भारित सूचकांक है, जिसका अर्थ है कि सूचकांक में स्टॉक का भार स्टॉक की कीमत के समानुपाती होता है। प्रश्न – सेंसेक्स ऊपर और नीचे क्यों जाता है?उत्तर – सेंसेक्स बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में स्टॉक की कीमतों का एक उपाय है। यह 30 शेयरों से बना है, और यह ऊपर और नीचे चलता है क्योंकि निवेशक एक्सचेंज पर स्टॉक खरीदते और बेचते हैं। जब निवेशक भविष्य के बारे में आशावादी होते हैं, तो वे स्टॉक खरीदते हैं, जिससे स्टॉक की कीमतें बढ़ जाती हैं। जब निवेशक निराशावादी होते हैं, तो वे स्टॉक बेचते हैं, जिससे कीमतों में गिरावट आती है। प्रश्न – सेंसेक्स बढ़ने से क्या होता है?उत्तर – जब सेंसेक्स बढ़ता है, तो यह आमतौर पर संकेत देता है कि समग्र भारतीय अर्थव्यवस्था अच्छा कर रही है। ऐसा इसलिए है क्योंकि सेंसेक्स विभिन्न कंपनियों के कई शेयरों से बना है, और जब ये कंपनियां अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं, तो यह समग्र सूचकांक में परिलक्षित होता है। सेंसेक्स में यह वृद्धि विदेशी निवेशकों द्वारा भारत में अधिक निवेश के साथ-साथ भारतीय उपभोक्ताओं द्वारा अधिक खर्च करने का कारण बन सकती है। प्रश्न – सेंसेक्स में चढ़ाव का तात्पर्य क्या है?उत्तर – सेंसेक्स में उछाल बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध शेयरों की कीमतों में वृद्धि का परिणाम है। सेंसेक्स 30 शेयरों का भारित औसत है, और जब इन शेयरों की कीमतें बढ़ती हैं, तो सेंसेक्स बढ़ जाता है। प्रश्न – निफ्टी क्या है?उत्तर – निफ्टी एक 50-स्टॉक इंडेक्स है जो नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर सबसे बड़े और सबसे अधिक तरल स्टॉक से बना है। सूचकांक बाजार पूंजीकरण भारित है, जिसका अर्थ है कि कंपनी जितनी बड़ी होगी, सूचकांक पर उसका उतना ही अधिक प्रभाव होगा। निफ्टी को भारतीय इक्विटी के लिए एक बेंचमार्क के रूप में प्रयोग किया जाता है और इसे अक्सर समग्र भारतीय शेयर बाजार के लिए एक प्रॉक्सी के रूप में उद्धृत किया जाता है। प्रश्न – निफ़्टी का मतलब क्या है?उत्तर – निफ्टी 50 भारतीय शेयरों का एक सूचकांक है जो नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में कारोबार किया जाता है। यह शेयरों की कीमतों का भारित औसत है, जिसमें प्रत्येक स्टॉक को उसके बाजार पूंजीकरण के अनुपात में वेटेज दिया जाता है। निफ्टी को भारतीय शेयरों के लिए बेंचमार्क के रूप में इस्तेमाल किया जाता है और निवेशकों द्वारा अपने पोर्टफोलियो के प्रदर्शन को मापने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। |
अगर HDFC में 10000 रुपए 15 सालों के लिए फिक्स करें और 5 या 6 साल बाद रुपए निकाल लें तो अमाउंट तत्काल प्राप्त हो जायेगा या नहीं?