Sanvidhan Ki Paribhasha Kya Hota Hai? क्या आप इस प्रश्न के उत्तर को गूगल पर सर्च कर रहे हैं? आपको भारतीय संविधान से संबंधित अनेक विशेष जानकारी इस आर्टिकल के माध्यम से दिया जाएगा. हमारे साथ आखिर तक बने रहे हैं.
संविधान का अर्थ in English – संविधान को इंग्लिश में constitution कहते हैं। Constitution means the basic laws or rule of a country or organizations.
संविधान दो शब्दों से मिलकर बना है सम और विधान सम का मतलब है समान या बराबर और विधान का मतलब है नियम और कानून यानी कि वह नियम जो सभी नागरिकों को पर एक समान लागू हो।
संविधान नियमों के समूह को कहते हैं जिस के हिसाब से किसी भी देश के सरकार का गठन होता है यह देश का सबसे बड़ा कानून है।
आसाम लफ्जों में संविधान वह कानून है जो किसी भी राज्य के गवर्नेंस सिस्टम को बयान करता है। जिस तरह इंसान के लिए शरीर का महत्व है ठीक उसी तरह राज्य के लिए संविधान का महत्व है। यूं भी कह सकते हैं कि कंस्टीटूशन राज्य का शरीर है।
हिंदुस्तान का संविधान, हिंदुस्तान का supreme legislation है। जो 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा द्वारा pass किया गया और 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ। हिंदुस्तान का संविधान दुनिया के किसी भी रिपब्लिकन कंट्री का सबसे लंबा written संविधान है।
हमें संविधान का मीनिंग समझ में आ गया है इस पोस्ट के जरिया और हम जानेंगे कि संविधान की परिभाषा क्या है? संविधान के कितने प्रकार है?
भारतीय संविधान का इतिहास क्या है इसका कार्य क्या है? हमारे देश का संविधान कब बना? ये सारे संविधान से संबंधित अहम प्रश्न है जिसकी जानकारी के लिए इस पोस्ट के आखिर तक बने रहे।
भारतीय संविधान के संक्षिप्त इतिहास को जानिए
संक्षिप्त Second वर्ल्ड वार के खत्म होने के बाद जुलाई में 1945 को ब्रिटेन ने भारत के हवाले से अपनी नई पॉलिसी का ऐलान किया। हिंदुस्तान के कांस्टीट्यूएंट असेंबली के formation के लिए एक कैबिनेट मिशन भेजा जिसमें तीन मिनिस्टर थे।
हिंदुस्तान के स्वतंत्र हो जाने के बाद 15 अगस्त 1947 को एक कांस्टीट्यूएंट असेंबली का ऐलान हुआ और 9 दिसंबर 1947 से इसने अपना काम शुरू कर दिया। कांस्टीट्यूएंट असेंबली के मेंबर हिंदुस्तान के स्टेट असेंबली के इलेक्टेड मेंबर्स के जरिया चुने गए थे।
डॉक्टर भीमराव अंबेडकर, मौलाना अबुल कलाम आजाद, पंडित जवाहरलाल नेहरू, डॉ राजेंद्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल आदि इस असेंबली के खास मेंबर थे। इस कांस्टीट्यूएंट असेंबली ने कुल 2 साल 11 महीने और 18 दिनों तक बहस किया। कांस्टीट्यूएंट असेंबली ने 12 सेशन किये और आखिरी दिन 284 मेंबर्स ने इस पर अपना दस्तखत किया।
Constitution बनाने के लिए 166 दिन की बैठक की गई इस बैठक में press और पब्लिक को हिस्सा लेने की आजादी थी। भारतीय संविधान के निर्माण में कांस्टीट्यूएंट असेंबली के सभी 389 मेंबर ने अहम किरदार निभाया और 26 नवंबर 1949 को कांस्टीट्यूएंट असेंबली ने संविधान को पास किया। जो 26 जनवरी 1950 को से लागू हुआ।
इस संविधान में सबसे ज्यादा असर इंडियन गवर्नमेंट एक्ट 1935 का है लगभग 250 articles इस एक्ट से लिए गए हैं।
संविधान किसे कहते हैं?
किसी भी मुल्क या इंस्टिट्यूशन के जरिया तय किया गया वह नियम जिसके जरिए वह वह मुल्क या इंस्टिट्यूशन आसानी से चल सकता है। उसे ही उस मुल्क या इंस्टिट्यूशन का constitution कहा जाता है। किसी भी मुल्क का कंस्टीटूशन उस मुल्क का political system, judicial system और citizens के हितों को protect करने का एक बुनियादी ढांचा होता है जिसके जरिए उस नेशन की तरक्की की राह का निर्धारण होता है।
संविधान किसे कहते हैं यह आप जान चुके हैं आपके मन में अब यह प्रश्न भी होगा कि संविधान के कितने प्रकार हैं?
संविधान के प्रकार – संविधान (constitution) दो प्रकार के हैं-
- लिखित संविधान (Written constitution)
- अलिखित या मौखिक संविधान (unwritten constitution)
लिखित संविधान का क्या अर्थ है?
जिस संविधान के सभी नियमों , सिद्धांतों , आदर्शों का संग्रह किसी दस्तावेज में लिखा होता है उसे लिखित संविधान कहते हैं। Written constitution का ज्यादातर भाग लिखा होता है। इस constitution के हर rule का source written दस्तावेज होते हैं। जैसे भारत का संविधान, अमेरिका का संविधान।
अलिखित संविधान का क्या अर्थ है?
जिस संविधान के सभी नियमों, सिद्धांतों, आदर्शों का संग्रह किसी एक दस्तावेज में नहीं लिखा होता है बल्कि अलग-अलग कई दस्तावेजों में लिखा होता है या याद रखा जाता है। उसे अलिखित संविधान कहते हैं। जिसका हर rule का source सालों से चली आ रही परंपराएं हैं।
इन नियमों को इसलिए फॉलो किया जाता है क्योंकि पास्ट से इन्हें फॉलो किया जाता रहा है। ऐसे constitution के important rule का source कोई written दस्तावेज नहीं होता है। जैसे ब्रिटेन का संविधान।
संविधान के कार्य
संविधान एक राष्ट्रीय सरकार बनाता है जिसके अंतर्गत एक legislative, एक executive और एक judicial branch होता है। जिसमें तीन branches के बीच जांच तथा संतुलन का इंतजाम होता है।
- यह federal government और state के बीच शक्तियों को बांटता है।
- Basic rules का एक सेट provide करता है जो society के members के बीच minimal coordination की इजाजत देता है।
- यह राज्यों को कानून बनाने का आदेश देता है।
- यह अपने नागरिकों के मौलिक अधिकारों को सुनिश्चित करता है।
- यह उन सिद्धांतों को भी बताता है जिसके अनुसार एक राज्य का गठन होता है।
- यह सुनिश्चित करता है कि समाज में निर्णय लेने की शक्ति किसके पास है और यह भी तय करता है कि सरकार कैसे बनेगी।
- यह समाज की आकांक्षाओं को पूरा करने और इंसाफ आजादी और बंधुत्व के आदर्शों को लागू करने में सक्षम बनाता है।
भारतीय संविधान का निर्माण एवं विशेषताएं
संविधान को बनने में 2 साल 11 महीना और 18 दिन का वक्त लगा था। आंशिक रूप से 26 नवंबर 1949 को लागू किया गया था फिर पूर्ण रूप से 26 January 1950 को लागू किया गया।
इंडियन कंस्टीटूशन में अभी 465 आर्टिकल और 12 शेड्यूल है और उसे 25 हिस्सों में बांटा गया है। लेकिन इसके निर्माण के वक्त 395 आर्टिकल थे जो 22 हिस्सों में बंटे हुए थे उसके सिर्फ 8 शेड्यूल थे।
भारतीय संविधान की विशेषताएं
हर देश के संविधान की अपनी एक खासियत होती है। जिसकी मदद से उस देश की संपूर्ण व्यवस्था के बारे में पता लग सकता है। भारतीय संविधान के बारे में भी यही कहा जा सकता है। इसका निर्माण एक खास संविधान सभा के जरिया किया गया था। संविधान की ज्यादातर बातें लिखी हुई हैं। इसकी कुछ मुख्य विशेषताएं-
- सबसे बड़ा लिखित संविधान
- एकीकृत और स्वतंत्र न्यायपालिका
- विभिन्न स्रोतों से निर्मित संविधान
- मौलिक कर्तव्य
- धर्मनिरपेक्ष देश
- एकल नागरिकता
- सरकार का संसदीय स्वरूप
- सार्वभौमिक मताधिकार
- आपातकाल के प्रावधान
- लचीलापन और कठोरता का समन्वय
संविधान की प्रस्तावना
हम Bharat के लोग, भारत को एक संपूर्ण, प्रभुत्व, संपन्न, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, न्याय विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त करने के लिए और उन सब में व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिए दृढ़ संकल्प होकर इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं।
संविधान की प्रस्तावना 13 december 1946 को जवाहरलाल नेहरू द्वारा संविधान सभा में प्रस्तुत की गई। प्रस्तावना को ‘आमुख’ भी कहते हैं। 42वें constitution amendment act 1976 में Indian constitution की प्रस्तावना में समाजवाद, पंथनिरपेक्ष और अखण्डता वर्ड भी जुड़ा है।
Conclusion Points
Constitution उन सिद्धांतों का समूह है जिसके आधार पर सरकार की शक्तियों तथा शासितो के अधिकारो और दोनों के बीच संबंधो का तालमेल बिठाया जाता है।
संविधान लिखित और अलिखित सिद्धांत और नियमों का समूह है जिसके आधार पर किसी भी देश के शासन व्यवस्था को गठित किया जाता है शासन के अलग-अलग भागों के बीच शक्तियों को विभाजित किया जाता है और उन सिद्धांतों को तय किया जाता है जिन पर उन शक्तियों का उपयोग किया जाए।
आप को अच्छे ढंग से समझ में आए इसके लिए हमने संविधान की परिभाषा दो तरह से दी है। भारतीय संविधान लिखित संविधान है जो विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। संविधान में संशोधन भी किए गए हैं।
उम्मीद है कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और इस लेख के जरिए आपको संविधान से संबंधित काफी अहम जानकारियां प्राप्त हुई होंगी।
संविधान से संबंधित कोई भी प्रश्न हो तो आप बेझिझक होकर के पूछिए. हमें आपके प्रश्नों के उत्तर देने में खुशी होती है.