ऐ अल्लाह, अल्लाह के बंदों का रोजा कबूल करें। हमें रसूल के बताए हुए रास्ते पर ही चलना चाहिए। ताकि हम सभी को जन्नत नसीब हो।
रोजा इन वजहों से नहीं टूटता है
- गलती से या बिना जाने थूक और बलगम निगल जाने से
- दांतों से निकला खून, हलक में न जाए तो
- नीम के डंडी से मिस्वाक करने पर
- अतर की खुशबू सूंघने से
- आंखों या कानों में दवा डालने से
- किसी रोजेदार के मुंह में जबरदस्ती खाना डालने से
- गलती से या भूल से कुछ खा-पी ले तो
- लजीज खाने के बारे में सुनकर मुंह में पानी आने से
- सर व शरीर पर तेल लगाने से रोजा नहीं टूटता है, आदि।
रोजा इन वजहों से टूट सकता है?
- रोजे की हालत में कोई आदमी जानबूझकर कुछ खा या पी लेता हो, तो उसका रोजा टूट जाता है।
- कोई रोजेदार दांत में फंसे हुए खाने को जानबूझकर निगल जाता है या खा जाता हो, तो उसका रोजा टूट जाता है।
- उल्टी करने से रोजा टूट जाता है।
- गैरजरूरी इंजेक्शन लगवाने से भी रोजा टूट जाता है।
- किसी तरह की भी दवाई खाने-पीने से रोजा टूट जाता है।
- गलत कार्य करने, हम-बिस्तरी, चुगलखोरी करने और झूठ बोलने से रोजा टूट जाता है, आदि।
क्या Vaccine/Injection लगवाने से रोजेदारों का रोजा टूट जाएगा
इस्लाम मजहब में सबसे बड़ी चीज नियत को महत्व दिया गया है. अगर आपने रोजे की नियत कर लिया है तो आप का रोजा हो जाएगा. शर्त यह है कि आपका नियत साफ दिल से होना चाहिए.
अक्सर लोग पूछते हैं कि क्या रोजे के वक्त कोरोनावायरस का व्यक्ति लगवाने से क्या रोजा टूट जाएगा? ऑल इंडिया दावतुल मुसलमीन के संरक्षक व प्रसिद्ध उलेमा कारी इसहाक गोरा ने कहा कि दूसरे इंजेक्शनों कि तरह ही कोरोना वैक्सीन भी एक इंजेक्शन ही है। रोजे की हालत में कोरोना वैक्सीन लेने में कोई हर्ज नहीं है।
इसके लगवाने से रोजा नहीं टूटेगा। उन्होंने बताया कि इसका खास खयाल रहे कि कोई ऐसी दवा जो भूख मिटाने में इस्तेमाल होती हो, ऐसी दवा या इंजेक्शन रोजे की हालत में नहीं ली जा सकती।
Conclusion Point
हदीस के मुताबिक अगर कोई बालिग मुसलमान बीमार है और उनके डॉक्टटर उसे रोजा रखने के लिए मना करता हैै। इस सूरत में रोजा रखना उस समय माफ है लेकिन उसे ठीक होनेेे के बाद छूटे हुए रोजे बाद में पूरा करना होगा।
कोरोना के मरीज के साथ भी यही हिदायत लागू होता है। डॉक्टर की सलाह के हिसाब से फैसला लें। इस साल रोजे की शुरुआत लॉक डाउन में हो रही है। कृपया इसका एहतमाम जरूर करें।