रेरा क्या है? रेरा एक्ट का फुल फॉर्म क्या है? इसके अलावा भी आपको इस लेख में जानकारी मिलेगा। आपसे आग्रह है कि इसलिए को आप पहले कल Conclusion पॉइंट तक चेक कर लीजिए।
रियल एस्टेट विनियामक और विकास अधिनियम (आरईआरए) अधिनियम रियल एस्टेट डेवलपर्स या दलालों द्वारा धोखाधड़ी प्रथाओं के खिलाफ घर खरीदारों की रक्षा करना चाहता है।
अधिनियम प्रभावी विवाद समाधान प्रक्रिया प्रदान करता है, परियोजनाओं को समय पर पूरा करने की अनुमति देता है, और यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि डेवलपर्स सभी लागू कानूनों और विनियमों का पालन करें।
RERA एक कुशल प्रक्रिया भी निर्धारित करता है जिसके द्वारा राज्य सरकारों के साथ संपत्ति के शीर्षक पंजीकृत किए जाते हैं।
कानूनी रूप से बाध्यकारी होने से पहले सभी रियल एस्टेट लेनदेन को संबंधित राज्य सरकार के रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (आरईआरए) के साथ पंजीकृत होना चाहिए।
यह सुनिश्चित करता है कि संपत्ति के शीर्षक सुरक्षित रहें और इसमें शामिल सभी पक्ष अनुबंध के तहत अपने अधिकारों और जिम्मेदारियों से अवगत हों।
इसके अतिरिक्त, यह प्रक्रिया खरीदारों के लिए यह जांचना आसान बनाती है कि अंतिम समझौते पर हस्ताक्षर करने से पहले डेवलपर के पास कोई बकाया राशि है या नहीं।
रेरा क्या है? पूरी जानकारी लीजिए
RERA In Hindi – रीयल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट एक्ट को संक्षेप में रेरा कहते हैं। यह एक एक्ट है जिसके तहत घर खरीदारों की रक्षा करना और साथ ही अचल संपत्ति उद्योग में बढ़ावा देने में सहायता करता है।
यह एक पहली बार कब पास हुआ था? राज्य सभा द्वारा 10 मार्च 2016 और लोकसभा द्वारा 15 मार्च 2016 को यह बिल पारित किया गया था। यह अधिनियम 1 मई 2016 से लागू हुआ था।
हालांकि, शुरुआती समय में केवल 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने नियमों को अधिसूचित किया है। जिन राज्यों ने नियमों को अधिसूचित किया है। उनमें उत्तर प्रदेश, गुजरात, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और बिहार हैं।
धीरे-धीरे यह दायरा अब बढ़ रहा है। गृह मंत्रालय ने पिछले साल पांच संघ राज्य क्षेत्रों – अंडमान निकोबार द्वीप समूह, चंडीगढ़, दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव और लक्षद्वीप के नियमों को अधिसूचित किया था। शहरी विकास मंत्रालय राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लिए ऐसे नियमों के साथ बाहर रखा है।
बिल्डर नहीं अब मकान खरीदार बन गया है रियल इस्टेट का किंग। नौ साल के लम्बे इंतजार के बाद, 1 मई 2016 को रीयल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट एक्ट (रेरा) लागू हो गया है।
इस बिल को कांग्रेस पार्टी ने वर्ष 2013 में लोकसभा में इंटरव्यूज किया था। लेकिन उस समय यह कानून लागू नहीं हो पाया था। इस बिल को लोकसभा में इंटरव्यूज करवाने में श्री राहुल गांधी का अहम योगदान माना जाता है।
जब मोदी सरकार सत्ता में आई तब इस विधेयक में कुछ प्रावधानों के बाद इस विधेयक को 10 मार्च 2016 को और 15 मार्च 2016 को राज्यसभा व लोकसभा का अनुमोदन प्राप्त हुआ था।
यह विधेयक पूर्णता 1 मई 2016 से लागू किया गया है जिसमें बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने भी इस बिल का अपने राज्य बिहार में तुरंत लागू किया था।
भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र कुमार मोदी को इस कानून के लिए इतिहास में याद रखा जाएगा। जिससे खरीदारों के साथ साथ बिल्डरों को भी फायदा होगा।
रीयल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट एक्ट (RERA) लागू होने से निवेश बढ़ेगा, लोगों को सस्ता मकान मिल पाएगा और इस क्षेत्र में नौकरियों भी बढ़ेगा।
Rera Act Full Form In Hindi
- Rera Act Ka Full Form – Real Estate Regulatory Authority (RERA)
- रेरा फुल फॉर्म इन हिंदी – रीयल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट एक्ट।
पूरे देश में रेरा एक्ट लागू है, अगर आप घर खरीद रहे हैं तो इन बातों का अवश्य ही ध्यान रखिए
- हर किसी का सपना होता है कि उसका अपना घर हो। लेकिन कभी-कभी लोग झांसे में आकर अपनी जिंदगी की पूरी कमाई गंवा बैठते हैं।
- भारत सरकार ऐसी धोखाधड़ी के मामलों से निपटने के लिए रेरा का सख्त कानून लाया है। जिसमें खरीदार के साथ-साथ बेचने वाले बिल्डर को भी इस कानून से फायदा ही फायदा है।
- भारत के अब जिस राज्य में प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं उस राज्य के रेरा के वेबसाइट पर जाकर प्रोजेक्ट की जांच कर लें।
- वेबसाइट पर आपको प्रोजेक्ट की स्थिति व बिल्डरों का रजिस्ट्रेशन आदि की जानकारी आसानी से मिल जाएगा।
- प्रोजेक्ट कितने समय में पूरा होगा।
- प्रोजेक्ट पूरा होने से पहले कितने पैसे देना है और कितना बाद में देना है।
- बिल्डर के ट्रैक रिकॉर्ड भी पता करना जरूरी होता है।
- जिस क्षेत्र में आप प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं उस क्षेत्र में प्रॉपर्टी का रेट बढ़ रहा है या घट रहा है।
- टर्म एवं कंडीशन को ध्यान से पढ़ लें क्योंकि उसमें ऐसे भाषा का प्रयोग होता है जो आपको जल्दी समझ में नहीं आएगा।
- रीरा (रियल एस्टेट विनियमन और विकास) और जीएसटी (माल और सेवा कर) जैसे सुधारों का कार्यान्वयन से रीयल एस्टेट सेक्टर की गतिशीलता पर असर पड़ा है। लेकिन यह निकटतम स्थिति है। निश्चित रूप से भविष्य में इस क्षेत्र के लिए अच्छी तरह से शुरुआत होगी।
रेरा रजिस्ट्रेशन नंबर चेक कैसे करें?
RERA का मुख्य लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि रियल एस्टेट उद्योग में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने के साथ-साथ घर खरीदारों के हितों की रक्षा की जाए। RERA अनुपालन का एक महत्वपूर्ण पहलू आपके राज्य के नियामक निकाय से एक विशिष्ट पंजीकरण संख्या प्राप्त करना है।
संपत्ति खरीदने या बेचने के इच्छुक किसी भी व्यक्ति के लिए रेरा पंजीकरण संख्या एक महत्वपूर्ण घटक है। यह सबूत के रूप में कार्य करता है कि डेवलपर ने सभी आवश्यक नियमों का अनुपालन किया है और नई संपत्ति में निवेश करते समय खरीदारों को मन की शांति प्रदान करता है।
एक संभावित खरीदार के रूप में, यह जांचना आवश्यक है कि किसी डेवलपर ने किसी परियोजना में निवेश करने से पहले अपना रेरा पंजीकरण नंबर प्राप्त किया है या नहीं।
यह जांचने के लिए कि क्या किसी विशेष डेवलपर ने अपना RERA पंजीकरण नंबर प्राप्त कर लिया है, आप अपने राज्य के नियामक प्राधिकरण की वेबसाइट पर जा सकते हैं।
भारत में फ्लैट खरीदते समय किन किन बातों पर आपको ध्यान रखना चाहिए?
भारत में एक फ्लैट खरीदना एक महत्वपूर्ण निवेश है जिस पर सावधानीपूर्वक विचार करने की आवश्यकता है। रियल एस्टेट क्षेत्र में तेजी के साथ, अपने सपनों का घर खरीदने के उत्साह में फंसना आसान है। हालाँकि, इससे पहले कि आप बिंदीदार रेखा पर हस्ताक्षर करें और वह डाउन पेमेंट करें, आपको कई बातों को ध्यान में रखना चाहिए।
India में एक फ्लैट खरीदते समय विचार करने वाले सबसे महत्वपूर्ण कारकों में से एक RERA पंजीकरण संख्या की जांच करना है। सरकार द्वारा पेश किए गए रियल एस्टेट रेगुलेशन एक्ट (रेरा) ने डेवलपर्स के लिए नियामक प्राधिकरण के साथ अपनी परियोजनाओं को पंजीकृत करना अनिवार्य कर दिया है।
यह रियल एस्टेट लेनदेन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करता है, खरीदारों के हितों को धोखाधड़ी और देरी से बचाता है। इसलिए, अपनी मेहनत की कमाई को किसी संपत्ति में निवेश करने से पहले, सुनिश्चित करें कि आप रेरा पंजीकरण संख्याओं पर पूरी तरह से शोध कर लें।
Conclusion Point
रेरा का फुल फॉर्म रीयल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट एक्ट है। यह एक्ट हम भारतीयों को प्रॉपर्टी खरीदने में मदद करता है। चाहे प्रॉपर्टी बेचने वाला कितना बड़ा ही बिल्डर क्यों ना हो उसे गैरकानूनी काम करने से डर लगता है।
वर्ष 2024 में जो आप आज देख रहे हैं कि किसी भी बिल्डर से फ्लैट खरीदना इतना आसान और पारदर्शी क्यों हुआ है. इसके पीछे बस एक कानून है उसका नाम है रेरा कानून.
यही नहीं यह एक्ट बिल्डरों के हितों का भी रक्षा करता है। इस एक्ट को बनाने वाले भारत सरकार को हमें शुक्रिया कहना चाहिए।