रविवार की छुट्टी कब से शुरू हुई थी? रविवार का इतिहास के पीछे श्री मेघाजी लोखंडे नाम क्यों लिया जाता है? दुनिया में पहली बार रविवार की छुट्टी का शुरुआत कहां पर हुआ था? आपको इस लेख में, इन सभी सवालों के जवाब मिलेगा।
आइए रविवार की छुट्टी से संबंधित अन्य रोचक तत्व को जानते हैं, जिसको जान करके आप हैरान हो जाएंगे.
रविवार की छुट्टी का इतिहास इतना दिलचस्प क्यों है
रविवार की छुट्टी का इतिहास काफी पुराना है। पोप ग्रेगरी तेरहवें ने 1582 में ग्रेगोरियन कैलेंडर दिया था। इस कैलेंडर में रविवार के दिन को गिरजाघरों में प्रार्थना का दिन घोषित किया था।
दुनिया में पहली बार Ravivar की छुट्टी का दिन का घोषणा किसने किया था? उसके उत्तर के तौर पर पोप ग्रेगरी का नाम आप बता सकते हैं।
रविवार की छुट्टी कब से शुरू हुई थी? दुनिया में आधिकारिक तौर पर 1843 ई में ब्रिटिश सरकार ने पहली बार रविवार को अवकाश का दिन घोषित किया था। तभी से दुनिया के ज्यादातर देशों में रविवार की छुट्टी के दिन का चलन शुरु हो गया था। खूनी
भारत में रविवार का क्या इतिहास है?
India में Sunday की छुट्टी कब शुरू हुआ था? 10 जून 1890 में ब्रिटिश हुकूमत द्वारा भारत में रविवार की छुट्टी घोषित हुआ था। मुगल काल में शुक्रवार को अवकाश का दिन रहता था। भारत में जब ब्रिटिश सरकार स्थापित होने के बाद, उस ने शुक्रवार की छुट्टी भारतीयों के लिए खत्म कर दिया था।
भारतीय वर्करों को सप्ताह के सातों दिन काम करना पड़ता था। छुट्टी लेने पर उसके मंथली सैलरी से तनख्वाह काट लिए जाते थे। भारतीयों को महीने में एक या दो छुट्टियों का ही लाभ मिलता था।
श्री मेघाजी लोखंडे का फोटो आपने भारतीय डाक टिकट पर देखा होगा। श्री मेघाजी लोखंड ने 26 सालों तक सप्ताहिक एक दिन आकाश के लिए ब्रिटिश गवर्नमेंट के साथ संघर्ष किया था। क्या आज स्कूल में छुट्टी है ? आप के कार्यालय में कब छुट्टी है ? चेक करें
रविवार क्या है? लोग गूगल पर सर्च करते हैं (Sunday In Hindi)
रविवार छुट्टी का दिन होता है. सप्ताह में 5 से 6 दिन काम करने के बाद, रविवार के दिन ज्यादातर लोग विश्राम करते हैं. भारत ही नहीं दुनिया के ज्यादातर देशों में रविवार को छुट्टी होता है.
किंतु भारत के कुछ ऐसे बाजार हैं जो सिर्फ रविवार को खुला रहता है. यानी भारत के ज्यादातर पर्यटक स्थल भी रविवार को खुले रहते हैं. जहां पर रविवार को छुट्टी नहीं होती है. वहां पर सोमवार को छुट्टी होती है. Sunday in hindi आपने कभी ना कभी सच किया होगा, इसका मतलब आगे समझते हैं.
Sunday को हिन्दी में रविवार एवं उर्दू में इतवार कहते हैं। जो शनिवार के बाद और सोमवार से पहले आता है। भारत के साथ दुनिया के ज्यादातर देशों में यह दिन छुट्टी का होता है। लेकिन मुस्लिम देशों में छुट्टी का दिन शुक्रवार होता है।
रविवार के छुट्टी का क्या महत्व है?
रविवार के दिन का मतलब हमें अब तक यह समझ में आता है कि यह मेरा आराम करने का दिन है। सही बात है कि हम पूरे हफ्ते का थकान को कम करने खत्म कर देते हैं। लेकिन इसका धार्मिक महत्व भी है।
दुनिया के विकसित देशों में अगर रविवार के दिन आप किसी भी सर्विस प्रोवाइडर सर्विस मांगेंगे तो आपको डबल कीमत देना होगा. इससे यह पता चलता है कि दुनिया के विकसित देशों में रविवार का कुछ ज्यादा ही महत्व है.
संडे का महत्व सिर्फ थकान मिटाने के लिए नहीं होता है, बल्कि आने वाले सप्ताह के 6 दिनों का प्लानिंग करने वाला दिन होता है. लोग सिर्फ घरों की ही सफाई नहीं अपने आप की भी सफाई करते हैं ताकि वह तरोताजा हो करके पूरा हफ्ता अच्छे से काम कर सकें.
वयस्क लोगों के लिए रविवार का दिन सीखने का दिन होता है क्योंकि वह सप्ताह के 6 दिन अपने काम में व्यस्त होता है. इसलिए आपको भी कहूंगा कि अगर आपके पास समय है तो रविवार का उपयोग सीखने के लिए क्या कीजिए.
सप्ताह का पहला दिन कौन होता है?
हिब्रू कैलेंडर, पारंपरिक ईसाई कैलेंडर, हिंदू कैलेंडर, और इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार सप्ताह का पहला दिन रविवार है।
हालांकि, अंतर्राष्ट्रीय संगठन आईएसओ 8601 के अनुसार, रविवार सप्ताह के सातवाँ और अंतिम दिन है। जबकि सोमवार सप्ताह का पहला दिन है।
वीकेंड क्या होता है?
Weekend को हिन्दी में सप्ताहांत कहते हैं। भारत के साथ दुनिया के ज्यादातर देशों में शनिवार एवं रविवार को वीकेंड कहा जाता है।
बड़े कॉर्पोरेट जगत में सप्ताह में सिर्फ 5 दिन काम काज होता है। जबकि सप्ताह के 2 दिन शनिवार और रविवार को छुट्टी रहता है। नौकरी करने वाले लोग इसे वीकेंड के नाम से संबोधित करते हैं।
लेकिन कुछ देशों में वीकेंड का दिन अलग होता है जैसे मिस्र और सऊदी अरब में शुक्रवार और शनिवार को वीकेंड कहते हैं।
रविवार का धार्मिक महत्व क्या है?
Sunday का दिन हिन्दू देवता खंडोवा जी और सूर्य देवता का दिन है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार रविवार सप्ताह का पहला दिन होता है। रविवार सप्ताह का शुभ दिन माना जाता है।
ईसाई धर्म के अनुसार, ईश्वर ने दुनिया को 6 दिनों में बनाया था। 6 दिनों के बाद सातवें दिन ईश्वर ने विश्राम किया था। वह सातवाँ दिन रविवार का दिन था। इसी लिए ईसाइयों के गिरिजाघरों में प्रार्थना दिन रविवार होता है।
1 साल और 1 महीने में कितने रविवार होते हैं?
महीना अगर 30 दिनों का हो तो चार संडे पड़ सकता है और अगर 31 दिनों का हो तो पांच रविवार हो सकता है. अगर एक साल की बात की जाए तो 52 से लेकर 53 रविवार होता है. यानी कि 1 वर्ष में कुल 1 वर्ष में कुल परिवारों की संख्या 52 या 53 होता है.
वर्ष 2021 में 52 संडे होगा, जबकि 2022 में भी 52 संडे होगा. अगर 2023 की बात की जाए तो संडे की संख्या 53 होगा.
Conclusion Point
लंबे संघर्ष के बाद, ब्रिटिश सरकार ने 10 जून 1890 को भारतीयों के लिए रविवार की छुट्टी घोषित किया था। जबकि दुनिया में कई दशक पहले ही रविवार के छुट्टी का चलन शुरू हो चुका था। रविवार का इतिहास आपको वाकई दिलचस्प लगा होगा।
अंत में, श्री मेघाजी लोखंडे भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण शख्सियत हैं, जिन्होंने सबसे पहले रविवार के महत्व को हिंदुओं के लिए आराम और पूजा के एक महत्वपूर्ण दिन के रूप में पहचाना।
वे सभी धर्मों के लिए निष्पक्षता और न्याय के प्रबल प्रचारक थे, यही कारण है कि रविवार के इतिहास में मेघाजी लोखंडे का नाम हमेशा रहेगा। उनकी शिक्षाएँ अपने समय से आगे थीं और उनका कार्य आज भी जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों को प्रेरित करता है।
बहुत अच्छी जानकी .