Rajya Sabha Me Kitne Sadasya Hote Hain? क्या आप राज्यों के अनुसार सदस्यों की संख्या एवं कुल संख्या जानना चाहते हैं? आप बिल्कुल सही जगह हैं आगे पढ़िए।
Bharat की राज्य सभा, जिसे राज्यों की परिषद के रूप में भी जाना जाता है, भारत की द्विसदनीय संसद का ऊपरी सदन है। 1952 में स्थापित, यह राज्यों के हितों का प्रतिनिधित्व करने और उन्हें घरेलू और विदेश नीति दोनों मामलों में आवाज देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
राज्यसभा के पास कई शक्तियाँ हैं जो भारत की सरकार में इसके खड़े होने के लिए अद्वितीय हैं। यह धन विधेयकों को छोड़कर किसी भी विषय पर कानून पेश कर सकता है, जो कि लोकसभा में उत्पन्न होना चाहिए।
राज्यसभा में लोकसभा में पेश किए गए कानूनों में संशोधन के लिए भी लचीलापन है, जिससे प्रस्तावित परिवर्तनों पर अधिक जांच और बहस की अनुमति मिलती है। इसके अलावा, कुछ प्रकार की विशेष विधायी प्रक्रियाओं को कानून बनाने से पहले दोनों सदनों से अनुमोदन की आवश्यकता होती है।
यूपी बिहार में राज्यसभा सीटों की संख्या बढ़ेगी |
अटल बिहारी वाजपेई की सरकार में एक संशोधन पास की गई थी. 2026 तक लोकसभा एवं राज्यसभा की सीटों का परिसीमन नहीं होगा. सोशल मीडिया पर सीटों की संख्या को लेकर चर्चा गर्म है.
उम्मीद जताई जा रही है कि, 2026 के बाद लोकसभा एवं राज्यसभा की सीटों का परिसीमन होगा. जिससे यूपी और बिहार में जनसंख्या के आधार पर सीटों की संख्या बढ़ जाएगी. इसके विपरीत दक्षिण भारत में सीटों की संख्या कम हो जाएगी. |
राज्यसभा की सीटें कितनी हैं?
नमस्कार मित्र मैं आपका स्वागत करता हूं। Rajya Sabha Me Kitne Sadasya Hote Hain? यानी राज्यसभा की कुल सीटें कितनी है? इस प्रश्न का उत्तर है, राजसभा में 245 सीटें हैं।
राज्य सभा की 233 सीटों पर चुनाव के द्वारा सदस्यों को चुना जाता है। जबकि बाकी 12 सीटों पर चुनाव नहीं होता है। भारत के राष्ट्रपति 12 सदस्यों को मनोनीत करते हैं।
राज्यसभा के सांसद का कार्यकाल कितने वर्षों का होता है?
राजसभा के सांसदों का कार्यकाल 6 वर्षों के लिए होता है। जबकि लोकसभा के सांसदों का कार्यकाल 5 साल या उससे कम भी हो सकता है। हर 2 साल में एक-तिहाई राज्य सभा के सांसद सेवानिवृत्त हो जाते हैं।
राज्यसभा की सीटें और राज्यों की भागीदारी को जानिए
- उत्तर प्रदेश – 31
- महाराष्ट्र – 19
- तमिलनाडु – 18
- बिहार – 16
- पश्चिमी बंगाल – 16
- कर्नाटक – 12
- नाम निर्देशित (मनोनीत) – 12
- आंध्र प्रदेश – 11
- गुजरात – 11
- मध्य प्रदेश – 11
- ओडिशा – 10
- राजस्थान – 10
- केरल – 9
- तेलंगाना – 7
- असम – 7
- पंजाब – 7
- झारखंड – 6
- छत्तीसगढ़ – 5
- हरियाणा – 5
- जम्मू-कश्मीर – 4
- हिमाचल प्रदेश – 3
- उत्तराखंड – 3
- दिल्ली – 3
- अरूणाचल प्रदेश – 1
- गोवा – 1
- त्रिपुरा – 1
- नागालैंड – 1
- पुडुचेरी – 1
- मेघालय – 1
- मणिपुर – 1
- मिज़ोरम – 1
- सिक्किम – 1.
किस केंद्र शासित प्रदेश में राज्यसभा का सीट नहीं है?
भारत के सभी राज्यों में राज्यसभा का कम से कम एक सीट है। लेकिन भारत के पांच ऐसे केंद्र शासित प्रदेश (चंडीगढ़, अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह, दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव और लक्षद्वीप) हैं जहां पर राज्यसभा का एक भी सीट नहीं है।
जैसा कि आप जानते हैं कि भारत में कुल 9 केंद्र शासित प्रदेश हैं जिसमें दिल्ली और पांडिचेरी में विधानसभा का चुनाव होता है। यही कारण है कि सिर्फ इसी 2 केंद्र शासित प्रदेशों में राज्यसभा का सीट है।
भारत के राज्यसभा में सबसे ज्यादा किस राज्य को राज्य सभा का सीट मिला है?
जैसा कि आप जानते होंगे उत्तर प्रदेश में लोकसभा की सबसे ज्यादा सीटें हैं उसी प्रकार उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की सबसे ज्यादा सीटें (31) हैं।
Conclusion Point
राज्यसभा, भारत का एक अनूठा विधायी निकाय है, जो देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था का एक अनिवार्य हिस्सा है। यह संसद का ऊपरी सदन है और लोकसभा के साथ मिलकर काम करता है, जो निचला सदन है।
राज्यसभा विधायी प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और इसके सदस्यों के पास कराधान और वित्तीय व्यय जैसे कुछ मामलों पर कानून पारित करने की शक्तियां होती हैं।
अंत में, राज्यसभा की कुल सीटें कितनी है – भारत के राज्यसभा में कुल 245 राज्यसभा की सीटें हैं। भारत के लोकसभा में 543 सीटें हैं और यह संख्या बदल भी सकता है, जानने के लिए क्लिक करें।