Puran Devi Mandir Purnea यानि माँ पूरण देवी मंदिर, पूर्णिया, दुनिया के प्राचीनतम मंदिरों में से एक है। यह मंदिर 600 वर्ष पुराना है जो हिंदू-मुस्लिम तहज़ीब का प्रतीक भी है, कृपया लेख को अंत तक तो जरूर पढ़ें।
माँ पूरण देवी मंदिर का इतिहास बहुत ही पुराना और दिलचस्प है
मैं लेखक के तौर पर हैरान हो गया जब मैंने वहां के मुख्य पुजारी से बातचीत किया, मैंने उत्साहित होकर इस बातचीत का एक वीडियो बनाया।
इस वीडियो को आप भी देखिए आप भी उत्साहित हो जायेंगे और जीवन में कम से कम एक बार इस मंदिर का दर्शन अवश्य करना चाहिए।
यह पूर्णिया का ही नहीं, उत्तर बिहार का सबसे पुराने मंदिरों में से एक है जिसका प्राचीन में महत्व होने के साथ-साथ इस की धार्मिक मान्यताएं भी बहुत ज्यादा है।
पूर्णिया जिला का नाम भी इसी मंदिर के नाम पर पड़ा है, कुछ इतिहासकारों का ऐसा मानना है। शौकत अली नाम के नवाब ने इस मंदिर को जमीन दान में दी थी जो हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक है।
Puran Devi Mandir को देखने कौन आते हैं?
यह मंदिर जरूर है लेकिन इतिहासिक होने के कारण हिंदू धर्म को मानने वाले लोगों के अलावा भी अन्य धर्मों के लोग भी इसे देखने के लिए देश व विदेश से लोग आते हैं।
नववर्ष यानी पहला जनवरी को यहां पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं जो यहां पर पूजा पाठ के अलावा ऐतिहासिक स्थानों का दर्शन भी करते हैं।
माँ पूरण देवी मंदिर पूर्णिया का कुछ बेहद अहम जानकारी
इस ऐतिहासिक मंदिर के दो कैंपस हैं और दोनों को मिलाकर 3 से 4 एकड़ भूमि में फैला हुआ है उसके अलावा 60 बीघा जमीन हैं जिसमें खेती होती है।
मंदिर के पीछे एक बड़ा तालाब है, कहा जाता है कि जिस स्त्री को संतान नहीं होता है, अगर वहां पर एक बार स्नान करती हैं तो उसे संतान की प्राप्ति हो जाती है ।
मंदिर परिसर में पहले से ही एक बड़ा धर्मशाला है और एक नया धर्मशिला का निर्माण हुआ है। ठंडा पानी पीने की उचित व्यवस्था भी है।
1 जनवरी और दुर्गा पूजा के समय जब श्रद्धालुओं की संख्या काफी बढ़ जाता है, तो उस समय शौचालय के लिए लोगों को थोड़ी मशक्कत करना पड़ता है।
जब मैं मंदिर परिसर में घूम रहा था तभी मुझे एक अच्छे आदमी से मुलाकात हुआ जिसका नाम श्री मनोज मिश्रा है। मिश्रा जी ने मंदिर की अन्य जानकारी मुझे दिया जिसको मैंने वीडियो के जरिए इस रिकॉर्ड कर लिया है।
आप भी इस वीडियो को देखिए और अगर आप की जानकारी पूरी ना हो पाए तो मिश्रा जी से फोन के जरिए संपर्क कर सकते हैं – 94 3041 9078.
माँ पूरण देवी मंदिर, पूर्णिया कैसे पहुंचे
माँ पूरण देवी मंदिर, पूर्णिया जिला मुख्यालय से मात्र 5 किलोमीटर की दूरी पर चिमनी बज़ार मार्ग (पूर्णिया सिटी) में स्थित है।
पूर्णिया-कसबा स्टेट हाई-वे के नाका चौक के पास से पश्चिम की ओर चिमनी बज़ार मार्ग निकलता है। नाका चौक (पूर्णिया सिटी) से मात्र 1 किलोमीटर दूरी पर यह मंदिर स्थित है।
पूर्णिया रेलवे स्टेशन से
पूर्णिया रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी लगभग 2 किलोमीटर की है, आप चाहें तो पब्लिक ट्रांसपोर्ट के द्वारा भी आसानी से पहुंच सकते हैं। स्टेशन रोड से आपको पूर्णिया-कसबा स्टेट हाई-वे पर आना होगा उसके बाद आप नाका चौक के पास से पश्चिम दिशा में चिमनी बज़ार मार्ग से आप आसानी से मंदिर परिसर तक पहुंच जाएंगे।
पूर्णिया बस स्टेशन से
पूर्णिया बस स्टेशन से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर यह मंदिर स्थित है । शेयरिंग ऑटो रिक्शा से भी आप इस मंदिर तक आसानी से पहुंच सकते हैं । पहले आपको पूर्णिया सिटी के नाका चौक तक पहुंचना है, उसके बाद वहां से आपको चिमनी बाजार मार्ग के द्वारा मंदिर तक आसानी से पहुंच सकते हैं ।
हवाई मार्ग से
पूर्णिया में पब्लिक के लिए अभी हवाई अड्डा नहीं है, लेकिन कुछ वर्षों में यहां पर हवाई अड्डा बनने वाला है । पूर्णिया शहर से नजदीक दो हवाई अड्डा है जिसका नाम बागडोगरा और पटना हवाई अड्डा है।
Puran Devi Mandir Purnea Video |
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Other Tourist place In Purnea
- Darghah of Hazrat Mustafa Jamalul Haque Bandagi, Chimni Bazar, Dargah
- Khanquah Alia Mustafia, histocial Deorhi ruins of Garbanili, Kala Bhawan
- Raja Kalanand Singh’s historic Darbar (Palace)।
- Jalagarh citadel became built by means of the Mughal.
Conclusion Point
बिहार के पूर्णिया में स्थित मां पूरन देवी मंदिर भारत के समृद्ध इतिहास और संस्कृति का एक वसीयतनामा है। लगभग 600 साल पहले निर्मित, यह मंदिर हिंदू और मुस्लिम दोनों के लिए समान रूप से महत्व रखता है।
यह भारत के सबसे पुराने मंदिरों में से एक माना जाता है और हर साल हजारों भक्तों को आकर्षित करता है। मां पूरन देवी मंदिर अपनी स्थापत्य सुंदरता के अलावा अपने आध्यात्मिक महत्व के लिए भी जाना जाता है।
माँ पूरण देवी मंदिर एक ऐतिहासिक मंदिर है, जो पूर्णिया प्रमंडल की एक पहचान है. इस मंदिर में दर्शन के लिए हिंदू तो आते ही हैं लेकिन मुस्लिम भाई भी बड़े आस्था लेकर वहां पर आते हैं.
अगर आपको ऐतिहासिक मंदिर देखने का शौक हो तो एक बार आप पूर्णिया जिला के इस प्राचीन मंदिर को जरूर देखना चाहिए.