Intraday Trading Kaise Kare? इंट्राडे ट्रेडिंग एक ही ट्रेडिंग दिन के भीतर प्रतिभूतियों या वस्तुओं की खरीद और बिक्री को संदर्भित करता है। यह निवेशकों को पूरे दिन कीमतों में उतार-चढ़ाव का लाभ उठाने की अनुमति देता है।
Intraday ट्रेडर आमतौर पर मार्जिन अकाउंट का उपयोग करते हैं और लाभ कमाने के प्रयास में कई तरह की ट्रेडिंग रणनीतियों का इस्तेमाल करते हैं।
यह एक जोखिम भरी निवेश रणनीति हो सकती है, क्योंकि कीमतें कम समय में नाटकीय रूप से बढ़ सकती हैं। हालांकि, अगर सही समय पर इंट्राडे ट्रेडिंग एक लाभदायक उद्यम हो सकता है। ऐसी कई रणनीतियाँ हैं जिनका उपयोग इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए किया जा सकता है, और इस प्रकार के निवेश को शुरू करने से पहले अपना शोध करना महत्वपूर्ण है।
मेरा छोटा सा रिसर्च: मैं पिछले एक दशक से इंट्राडे ट्रेडिंग इस्तेमाल करता हूं ज्यादातर समय मैंने इससे रुपया कमाया है, लेकिन शुरुआती दिनों में काफी रुपया गवाया है। इसलिए मैं आपको इंट्राडे ट्रेडिंग की प्रैक्टिकल नॉलेज दे सकता हूं। हमारे साथ आखिर तक बने रहें।
मान लीजिए कि सुबह-सुबह 9.15 AM मार्केट शुरू होते ही किसी शेयर का दाम ₹100 है. मैंने ₹ 5000 में 50 शेयर खरीद लिया. अगले 10 से 15 मिनटों के बाद उसी शेयर का दाम बढ़ कर ₹120 हो गया. तुरंत मैंने उस शेयर को बेच डाला. 50 शेयर के बेचने से मुझे ₹6000 मिल गया.
इस प्रकार मुझे ₹1000 का बेनिफिट हो गया, इस तरह से मैंने तीन अलग-अलग 50 शेरों पर पैसा लगाया था. इस तरह से मेरा कुल इनकम ₹3000 प्रति दिन हो गया.
मैं कहूंगा कि आप रुक जाइए, ऊपर लिखे गए उदाहरण आप को जितना आसान लगता है सही मायने में शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करना इतना आसान नहीं है. इसके पीछे बहुत बड़ा इनसाइड स्टोरी है. जब आप इस आर्टिकल को आखिर तक पढ़ेंगे तभी आपको समझ में आएगा.
Intraday Trading Course In Hindi
आपको इंट्राडे ट्रेडिंग कोर्स में क्या क्या मिलने वाला है उसकी सूची निम्नलिखित है.
- इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करते हैं?
- इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए कितना पूंजी होना चाहिए?
- इंट्राडे ट्रेडिंग में बहुत बड़ा लॉस ना हो इसके लिए क्या करें?
- इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में एक्सपर्ट की क्या राय है?
- इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए किस प्रकार के स्टॉक को चुनें?
- डीमैट अकाउंट का सही से उपयोग करें.
इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करते हैं?
इंट्राडे ट्रेडिंग एक प्रकार का स्टॉक व शेयर खरीदने और बेचने की क्रिया है जो एक दिन के कुछ घंटों या मिनटों में पूरा कर लिया जाता है. इंट्राडे ट्रेडिंग इतना फेमस है कि शेयर मार्केट ट्रेडिंग के नाम से इसी को जाना जाता है.
अगर आप Intraday trading करना चाहते हैं तो आपको सुबह के 9:15 AM से लेकर 10:00 AM के बीच में शेयर को खरीदना होता है. यही नहीं 3:00 PM से लेकर 3:20 PM तक, यानी 20 मिनटों के अंदर ही हमें शेयर को हर हाल में बेचना होता है.
आप पहले से ही जानते होंगे कि ट्रेडिंग करने के लिए डीमेट अकाउंट एवं पूंजी की आवश्यकता होती है जहां तक मुझे लगता है कि यह आपके पास पहले से ही होगा.
इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए कितना पूंजी होना चाहिए?
शेयर मार्केट के बड़े से बड़े दिग्गज खिलाड़ी भी यह कहते हैं कि इंट्राडे ट्रेडिंग में ज्यादा पूंजी नहीं लगाना चाहिए. याद रखिए कि इंट्राडे ट्रेडिंग पैसे कमाने के लिए किया जाता है ना कि निवेश के लिए.
यह सही बात है कि आप जितना ज्यादा रुपया लगाएंगे उतना ही ज्यादा आपको लाभ मिलेगा. याद रखिए आपको इतना बड़ा ही नुकसान होने के भी चांसेस होते हैं.
इंट्राडे ट्रेडिंग एप ₹ 5000 से भी शुरू कर सकते हैं. जैसे-जैसे आप का तजुर्बा बढ़ते जाएगा आप अपनी पूंजी को बढ़ा सकते हैं. लेकिन शुरुआत कम ही रुपया से करना चाहिए.
आप चाहे तो लोन भी ले सकते हैं. डिमैट अकाउंट से ऑटोमेटिक लोन को margin money कहते हैं. आपके डिमैट अकाउंट में जितना रुपया रहेगा, उसका आप 5 गुना तक मार्जिन मनी ले सकते हैं.
इंट्राडे ट्रेडिंग में बहुत बड़ा लॉस ना हो इसके लिए क्या करें?
टाइम्स ऑफ इंडिया के रिपोर्ट के मुताबिक, जो नए लोग शेयर मार्केट में शेयर ट्रेडिंग शुरू करते हैं, उनमें से 91% लोगों को शुरुआती लॉस होता है. शेयर मार्केट की ज्ञान की कमी शुरुआती लॉस का सबसे बड़ा कारण होता है.
यह हंड्रेड परसेंट सच है कि दुनिया का ऐसा कोई तरीका नहीं है जिससे इंट्राडे ट्रेडिंग में कभी भी लॉस ना हो. आपको मैं दो तरीका बताऊंगा जिससे आप अपने लॉस होने के चांसेस को बहुत हद तक कम कर सकते हैं.
- Sell Out Target
- Stop Loss
Sell Out Target
मान लीजिए कि आप कोई शेयर को ₹ 50 में खरीदते हैं और अनुमान लगाते हैं कि ₹ 51 तक इस शेयर का दाम बढ़ेगा.
शेयर खरीदने के बाद, आपको तुरंत सेल आउट टारगेट सेट कर देना चाहिए. क्योंकि शेयर मार्केट में सेकंडो में शेयरों के दाम घटते या बढ़ते हैं.
आप इतना जल्दी में, मैनुअली शेयर को बेच नहीं पाएंगे. जैसे ही आप के शेयर का वैल्यू सेल आउट टारगेट को छू लेगा, वैसे ही ऑटोमेटिक आपका शेयर बिक जाएगा. बीके हुए शेयर के पूरे पैसे आपके डिमैट अकाउंट में आ जाएगा.
Stop Loss
आपके डीमैट अकाउंट में सेल आउट टारगेट के तरह ही, एक दूसरा सेटिंग होता है जिसे स्टॉपलॉस बोलते हैं. मान लीजिए कि आप कोई शेयर को ₹ 50 में खरीदते हैं. आप अनुमान लगाते हैं कि ₹ 48 कम दाम होने पर ऑटोमेटिक शेयर बिक जाए.
शेयर खरीदने के बाद आप उस शेयर पर स्टॉप लॉस के सेटिंग को एक्टिवेट कर सकते हैं. जब आप स्टॉप लॉस सेटिंग को एक्टिवेट करेंगे तो आपसे शेयर के दाम पूछे जाएंगे. जो भी दाम आप तय करेंगे उससे जैसे ही कम दाम होगा वह शेयर आपका ऑटोमेटिक बिक जाएगा.
Sell Out Target और Stop Loss का अगर आप सही रूप से प्रयोग करेंगे तो आप ज्यादा फायदा कमा सकते हैं और जोखिम के चांसेस को बहुत हद तक कम कर सकते हैं.
इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में एक्सपर्ट की क्या राय है?
1 जहां तक मेरा तजुर्बा है कि कभी भी पूरा पैसा किसी एक शेयर पर नहीं लगाना चाहिए. याद रखिए जितना ज्यादा आप शेयर मार्केट में लालच करेंगे आपको उतना बड़ा लॉस होने के चांसेस रहेगा.
2 कहा जाता है कि शेयर मार्केट में घर पर इमोशन को छोड़ कर के आइए तभी आप शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कर पाएंगे. अगर आप इमोशन में आकर के किसी भी शेयर में ज्यादा पैसा लगा देंगे तो आपको सिर्फ और सिर्फ नुकसान होगा.
3 अगर आप किसी दिन ज्यादा मुनाफा कमा लेते हैं तो उस दिन आप ज्यादा ट्रेडिंग ना करें. अगर आप लालच करेंगे तो कमाए हुए मुनाफे को जल्द ही गंवा सकते हैं.
4 Lucky शब्द का शेयर ट्रेडिंग में कभी भी प्रयोग ना करें. याद रखें की यहां पर कोई लकी डे लकी नंबर या लकी कंपनी नहीं होता है. शेयर मार्केट से नहीं बल्कि पूर्ण ज्ञान से चलता है.
5 किसी के कहने पर किसी भी शेयर पर पैसे ना लगा दें. आपको खुद से एनालिसिस करना चाहिए. आप जिस कंपनी के शेयर को खरीदना चाहते हैं, उस कंपनी का पोर्टफोलियो, एनुअल रिपोर्ट और शेयर के ट्रेंड को खुद से एनालिसिस कीजिए.
6 इंट्राडे ट्रेडिंग में कभी भी अपनी पूरी जमा पूंजी नहीं लगा दीजिए. याद रखिए कि इंट्राडे ट्रेडिंग कुछ पैसे कमाने के लिए होता है ना कि निवेश करने के लिए.
7 Intraday ट्रेडिंग में कभी भी किसी भी शेयरों को लंबे समय तक होल्ड करके ना रखें. अगर कोई कंपनी किसी नए विवाद से जुड़ा हो तो उस कंपनी का भी शेयर को ना खरीदें.
8 अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग में पैसा लगाना चाहते हैं तो आपके लिए सबसे उचित लिक्विड स्टॉक रह सकता है. इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए वोलेटाइल स्टॉक उचित नहीं माना जाता है.
9 इंट्राडे में बहुत ज्यादा स्टॉक खरीदने से बेहतर है कि अच्छे 2-3 शेयर्स ही खरीदें. जिस पर आप बहुत आसानी से नजर बना करके रख सकते हैं और उसका सटीक एनालिसिस भी कर सकते हैं.
इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए किस प्रकार के स्टॉक को चुनें?
इंट्राडे में निवेश करना सभी ट्रेडिंग में सर्वोत्तम माना जाता है किंतु अन्य प्रकार के ट्रेनिंग से ज्यादा इसमें जोखिम होता है. इसीलिए कहा जाता है कि इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए आपके पास सटीक रणनीति होनी चाहिए.
हाईली लिक्विड स्टॉक को चुनें
लिक्विड स्टॉक को इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए सबसे बेहतर माना जाता है, जिसमें आप स्मॉल और मिड कैप कंपनियों के इक्विटी शेयर आसानी से खरीदे और बेचे जा सकते हैं. साथ ही बाजार में उतार-चढ़ाव के कारण जबरदस्त उतार-चढ़ाव का अनुभव होता है.
याद रखी है शेयर बाजार में जितना ज्यादा उतार-चढ़ाव होगा आपको इतना ज्यादा कमाने का मौका मिलेगा. अगर आप उतार-चढ़ाव के मूल्यांकन सही ढंग से कर लेते हैं तो आपको शेयर मार्केट का किंग कहा जाएगा.
बड़े अस्थिरता में ट्रेडिंग ना करें
सर्वोत्तम इंट्राडे शेयरों में कीमतों में उतार-चढ़ाव में मध्यम से उच्च अस्थिरता होती है. आम तौर पर, इंट्राडे ट्रेडिंग करते समय बाजार मूल्य में 3% से अधिक के उतार-चढ़ाव से बचना चाहिए, क्योंकि किसी अर्थव्यवस्था में शेयर बाजार में प्रतिकूल गिरावट की स्थिति में नुकसान होने की संभावना बहुत अधिक होती है.
नेगेटिव एवं पॉजिटिव समाचार का भी शेयर मार्केट पर बहुत बड़ा प्रभाव होता है. आपने सुना होगा कि शेयर मार्केट क्रैश हो गया, जब कोई ऐसा समाचार आए तो बहुत संभलकर शेयर मार्केट में खरीदारी करें.
स्ट्रांग कॉरिलेशन पहचानिए
एक प्रतिष्ठित स्टॉक एक्सचेंज के बेंचमार्क इंडेक्स के साथ उच्च सहसंबंध वाले इंट्राडे शेयर खरीदना आदर्श माना जाता है. इस प्रकार, शेयर की कीमतों में पर्याप्त उतार-चढ़ाव देखा जा सकता है जब सूचकांक मूल्य में उतार-चढ़ाव होता है.
चूंकि बेंचमार्क इंडेक्स में स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध शीर्ष कंपनियों के शेयर होते हैं, इसलिए यह माना जा सकता है कि उतार-चढ़ाव किसी भी आर्थिक असामान्यताओं को छोड़कर, ऊपर की दिशा में आगे बढ़ेगा. इस प्रकार, यदि इस नियम का पालन किया जाता है, तो इंट्राडे ट्रेडिंग के माध्यम से पूंजी वृद्धि पर्याप्त होगी.
हायर ट्रेड वॉल्यूम का फायदा उठाएं
इंट्राडे निवेशक मूल्य में उतार-चढ़ाव की पहचान करने के लिए किसी विशेष सुरक्षा के ट्रेड वॉल्यूम इंडेक्स को ट्रैक कर सकते हैं. एक उच्च व्यापार मात्रा सूचकांक एक अंतर्निहित कंपनी के प्रदर्शन के आधार पर अत्यधिक मांग या आपूर्ति को दर्शाता है. ऐसे मामलों में खरीद और बिक्री दोनों लेनदेन के माध्यम से पूंजीगत प्रशंसा लाभ अर्जित किया जा सकता है.
इंट्राडे ट्रेडिंग करने के क्या-क्या फायदे हैं
माना जाता है कि इंट्राडे ट्रेडिंग दुनिया के चालाक लोग ही करते हैं. अक्सर आपने फिल्मों में देखा होगा कि किसी व्यक्ति का करोड़ों रुपए डूब गया और उन्होंने आत्महत्या कर ली.
इंट्राडे ट्रेडिंग में ऐसा कभी नहीं देखा जाता है. इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए ज्यादा पैसों की बिल्कुल आवश्यकता नहीं होती है. अगर आपके पास ₹ 10000 भी हैं तो उससे आप ट्रेडिंग स्टार्ट कर सकते हैं.
अगर आपके डिमैट अकाउंट में ₹10000 हैं तो आपको ₹ 50,000 तक मार्जिन मनी मिल जाएगा. कुल मिलाकर के आप ₹60,000 से शेयर का खरीद-फरोख्त कर सकते हैं.
इंट्राडे ट्रेडिंग की सबसे अच्छी बात यह होती है कि आप प्रतिदिन रुपया कमा सकते हैं. जिस दिन आपके पास समय ना हो उस दिन आप ट्रेडिंग नहीं कर भी सकते हैं. जिससे आपको किसी प्रकार का नुकसान नहीं होगा.
Conclusion Points
यह एक जोखिम भरी निवेश रणनीति हो सकती है, क्योंकि कीमतें कम समय में नाटकीय रूप से बढ़ सकती हैं। हालांकि, अगर सही समय पर Intraday ट्रेडिंग एक लाभदायक उद्यम हो सकता है। ऐसी कई रणनीतियाँ हैं जिनका उपयोग इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए किया जा सकता है, और इस प्रकार के निवेश को शुरू करने से पहले अपना शोध करना महत्वपूर्ण है।
इंट्राडे ट्रेडिंग अविश्वसनीय रूप से जोखिम भरा हो सकता है और नौसिखिए व्यापारियों के लिए अनुशंसित नहीं है। कई कारक, जैसे समाचार घटनाएँ और बाज़ार में उतार-चढ़ाव, कीमतों में तेज़ी से उतार-चढ़ाव का कारण बन सकते हैं, जिससे यदि व्यापारी सावधान नहीं है तो नुकसान हो सकता है।
इसके अलावा, छोटे व्यापारों पर कमीशन और फिसलन की लागत तेजी से बढ़ सकती है, जिससे लाभ कमाना मुश्किल हो जाता है। इन कारणों से, आम तौर पर सलाह दी जाती है कि इंट्राडे ट्रेडिंग से बचें और इसके बजाय लंबी अवधि की रणनीतियों पर ध्यान दें।
कुछ लोग लाभ कमाने के साधन के रूप में दिन भर स्टॉक खरीदने और बेचने की वकालत करते हैं, जबकि अन्य मानते हैं कि लंबी अवधि के निवेश पर ध्यान देना बेहतर है। दोनों दृष्टिकोणों के पक्ष और विपक्ष हैं.
अंततः नीचे आता है जो प्रत्येक व्यक्तिगत निवेशक के लिए सबसे अच्छा काम करता है। कुछ लोग पाते हैं कि वे अल्पकालिक व्यापार करके अधिक सफल हो सकते हैं, जबकि अन्य अपने स्टॉक को लंबी अवधि के लिए रखना पसंद करते हैं।
एक और अच्छी बात है कि इंट्राडे ट्रेडिंग में कमीशन बहुत कम लगता है दूसरी बात कि इसमें ज्यादा प्रॉफिट होने के चांसेस हमेशा रहते हैं. शर्त एक ही है कि आपके पास शेयर मार्केट का अच्छा ज्ञान होना चाहिए.
FAQsइंट्राडे ट्रेडिंग प्रश्न वे होते हैं जो पूछते हैं कि एक ही दिन में बाजार कैसा प्रदर्शन करेगा। इस प्रकार के प्रश्न का उत्तर देना कठिन हो सकता है, क्योंकि बाजार लगातार प्रवाह में हैं और विभिन्न कारकों से प्रभावित हो सकते हैं। इंट्राडे ट्रेडिंग को प्रभावित करने वाले कुछ कारकों में आर्थिक संकेतक, भू-राजनीतिक घटनाएं और समाचार विज्ञप्ति शामिल हैं। प्रश्न – इंट्राडे ट्रेडिंग में लाभ कैसे प्राप्त करें?उत्तर – इंट्राडे ट्रेडिंग में लाभ कमाने के लिए सबसे पहले प्राइस एक्शन की कानसेप्ट को समझना जरूरी है। मूल्य क्रिया समय के साथ एक सुरक्षा की कीमत की गति है, और इसका उपयोग खरीदने और बेचने के अवसरों की पहचान करने के लिए किया जा सकता है। ट्रेडर्स मूल्य कार्रवाई का उपयोग यह पता करने के लिए कर सकते हैं कि कब कोई सुरक्षा ओवरबॉट या ओवरसोल्ड है, और तदनुसार ट्रेडों में प्रवेश करने और बाहर निकलने के लिए। प्रश्न – एक लॉट में कितने शेयर होते हैं?उत्तर – Share का लॉट साइज एक लॉट को आवंटित किए गए शेयरों की संख्या को दर्शाता है। दूसरे शब्दों में, यह एक इकाई के रूप में कारोबार किए जाने वाले शेयरों की संख्या है। स्टॉक एक्सचेंज के आधार पर लॉट का आकार या तो निश्चित या परिवर्तनशील हो सकता है। हर कंपनी के शेयरों में लॉट की संख्या एक जैसी नहीं होती है. किसी में 25 भी होती है तो किसी में 500 तक भी होती है. याद रखेगा कि अगर कोई शेयर लॉट में है तो आपको पूरा लॉट को ही खरीदना होगा. मतलब यह हुआ कि कोई शेयर अगर 10 के लॉट में है तो आपको 10 के 10 शेयर खरीदने होंगे. प्रश्न – लिक्विड स्टॉक कौन से होते हैं?उत्तर – लिक्विड Stock ऐसे स्टॉक होते हैं जिन्हें आसानी से बेचा जा सकता है और खरीदने और बेचने की कीमतों के बीच कम प्रसार होता है। भारत में, लिक्विड स्टॉक आमतौर पर बड़ी कंपनियों के स्टॉक होते हैं जिनका कारोबार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर होता है। इन शेयरों को छोटी कंपनियों के शेयरों की तुलना में कम जोखिम भरा और अधिक स्थिर माना जाता है। प्रश्न – इंट्रा डे ट्रेडिंग फॉर्मूला क्या होता है?उत्तर – इंट्राडे ट्रेडिंग एक प्रकार का स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग है जहां स्टॉक या अन्य प्रतिभूतियों को एक ही ट्रेडिंग दिन के भीतर खरीदा और बेचा जाता है। इंट्राडे ट्रेडर्स स्टॉक या अन्य प्रतिभूतियों में छोटे मूल्य आंदोलनों से लाभ प्राप्त करने का प्रयास करते हैं, उन्हें दिन भर में कई बार खरीदते और बेचते हैं। इंट्राडे ट्रेडिंग फॉर्मूला एक गणितीय फॉर्मूला है जिसका उपयोग इंट्राडे ट्रेडिंग से लाभ या हानि की गणना करने के लिए किया जाता है। प्रश्न – इंट्राडे ट्रेडिंग में क्या नीति होती है?उत्तर – Intraday ट्रेडिंग के लिए एक नीति नियमों का एक सेट है जो यह तय करती है कि व्यापारी दिन के दौरान स्टॉक कैसे खरीद और बेच सकते हैं। आमतौर पर, ये नीतियां बाजार में हेरफेर को रोकने के प्रयास में, एक निश्चित अवधि में की जाने वाली खरीद और बिक्री की मात्रा को प्रतिबंधित करती हैं। प्रश्न – इंट्रा डे चार्ट क्या होता है?उत्तर – एक इंट्राडे चार्ट एक ऐसा चार्ट होता है जो किसी ट्रेडिंग दिवस के दौरान किसी सुरक्षा या डेरिवेटिव के मूल्य में उतार-चढ़ाव को दर्शाता है। मूल्य डेटा को चार्ट पर बिंदुओं के रूप में प्लॉट किया जाता है, जिसमें एक्स-अक्ष समय का प्रतिनिधित्व करता है और वाई-अक्ष मूल्य का प्रतिनिधित्व करता है। इंट्राडे चार्ट का उपयोग अल्पकालिक मूल्य रुझानों की पहचान करने और खरीदारी और बिक्री के अवसरों की पहचान करने के लिए किया जा सकता है। |