How to identify hijra baby? हिजड़े बच्चे की पहचान, आज के समय गर्भ में बड़े ही आसानी से पता किया जा सकता है. तो चिंता की कोई बात नहीं है, इस आर्टिकल को आखिर तक पढ़ें. इस वेबसाइट पर बिल्कुल सही ज्ञान मिलेगा.
How to identify Hijra before birth in Hindi?
हमारे पाठक जानना चाहते हैं कि हिजड़ा की पहचान गर्भावस्था में की जा सकती है? जी हाँ, आज के समय ऐसा टेस्ट उपलब्ध है जिसके माध्यम से गर्भ में पल रहा शिशु के बारे में आसानी से पता किया जा सकता है कि वह हिजरा या छक्का तो नहीं है।
अगर आप हिजड़े बच्चे की पहचान महिला के गर्भ में ही पता कर लेते हैं तो आप बहुत सारे परेशानी से बच सकते हैं. आपको यह भी बता दें कि भारत सरकार के कानून के अनुसार, अगर आप सही समय पर यह टेस्ट करवा लेते हैं तो आप Abortion करवा सकते हैं.
हिजड़े बच्चे की पहचान गर्भावस्था में की जा सकती है
गुणसूत्र यानी क्रोमोजोम के असामान्य जोड़े बनने से छक्का पैदा होता है। सामान्य पुरुष के लिए XY क्रोमोजोम होता है. जबकि महिला के लिए XY क्रोमोजोम होता है। लेकिन इसके अलावा किसी अन्य जोड़े का क्रोमोजोम का गर्भ बना हो तो इसका मतलब यह हुआ कि वह गर्भ में पल रहा बच्चा छक्का या हिजरा है।
गर्भ में पल रहे बच्चे का क्रोमोजोम की संख्या एवं प्रकार उचित है या नहीं! इसको पता करने के लिए आज के समय एक टेस्ट निकला है जिसका नाम डबल मार्कर टेस्ट है.
डबल मार्कर टेस्ट इन हिन्दी में जानिए और अप्लाई कीजिए
अक्सर हमारे पाठक पूछते हैं कि डबल मार्कर टेस्ट क्या होता है? डबल मार्कर टेस्ट बड़े अस्पतालों में ही उपलब्ध होता है। यह टेस्ट गर्भावस्था के 8वें सप्ताह से लेकर 14वें सप्ताह के बीच में क्या जाता है। भ्रूण के असामान्य लक्षणों को यह टेस्ट के द्वारा आसानी से पता किया जा सकता है।
डबल मार्कर टेस्ट का फीस भारतीय शहरों में ₹6000 से लेकर ₹12000 के बीच होता है। आपको बता दूं कि भ्रूण का लिंग पता करना भारत में अपराध है। किसी भी मेडिकल सेंटर में जाएं तो लिंग परीक्षण की बात गलती से भी ना करें।
इस टेस्ट से सिर्फ यह पता किया जा सकता है कि गर्भ में पल रहा भ्रूण डाउन सिंड्रोम या क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम (छक्का) तो नहीं है।
अगर कोई माता जब गर्भवती होती हैं और उनका डबल मार्कर टेस्ट नहीं हुआ हो, और वह एक बच्चे को जन्म देती है. अगर नवजात बच्चे के प्रजनन अंग की पहचान अगर अच्छे से ना हो पाए तो चांस होता है कि वह बच्चा हिजरा है.
यही कारण है कि बच्चे का जन्म होते ही सबसे पहले उसके प्रजनन अंगों को चेक किया जाता है. चाहे वह लड़का हो या लड़की दोनों के ही प्रजनन अंग पहचानने योग्य होता है.
जब बच्चा हिजरा पैदा होता है तो क्या होता है?
यह घटना किसी भी घर में घटित हो सकता है. आज से कुछ साल पहले, अगर किसी घर में हिजड़े बच्चे का जन्म होता था तो हिजरा बच्चे को हिजड़ों के पास छोड़ देते थे या दे देते थे.
लेकिन अब मेडिकल साइंस काफी तरक्की कर चुका है. हिजड़े बच्चे का आज के समय इलाज मुमकिन है. आपने बहुत सारे ट्रांसजेंडर के बारे में सुना होगा, जिसने अपना लिंक मर्जी से बदल वाया है.
आप भी अपने डॉक्टर से मशवरा लेकर क सही फैसला ले सकते हैं. मैं पूरे दावे के साथ कह सकता हूं कि, इतने बच्चे का भी इलाज आज के समय मुमकिन है. आप अपने डॉक्टर से जरूर बात करें.
Conclusion Point
परिवार एवं खास करके बच्चे के मां को भावनात्मक ठेस पहुंचता है. इसलिए कहा जाता है कि जब महिला गर्भवती हो तो उसका डबल मार्कर टेस्ट जरूर करवाना चाहिए.
गर्भ में पता किया जा सकता है कि, बच्चा हिजरा तो नहीं है. पैदा होने के बाद, बहुत आसानी से पता चल जाता है कि बच्चा हिजरा पैदा हुआ है.
अगर आपके किसी जानने वाले के गर्भ में पता चलता है कि हिजरा बच्चा है तो अबॉर्शन करवाने से पहले, आपको डॉक्टर से मशवरा ले लेना चाहिए. क्योंकि आज के समय हिजड़ों बच्चों का भी लिंग परिवर्तित किया जा सकता है.
FAQs
Question – हिजड़ा बच्चा क्या है?
Answer: हिजड़ा शिशु एक ऐसे व्यक्ति को संदर्भित करता है जो इंटरसेक्स लक्षणों या अस्पष्ट जननांगों के साथ पैदा होता है जो सामान्य पुरुष या महिला वर्गीकरण में फिट नहीं होते हैं।
Question – मैं कैसे पहचान सकता हूं कि मेरा बच्चा हिजड़ा है?
Answer: हिजड़ा शिशु की पहचान करने के लिए जन्म के तुरंत बाद चिकित्सा मूल्यांकन की आवश्यकता होती है, क्योंकि इसमें बच्चे की शारीरिक विशेषताओं की जांच शामिल होती है, जिसमें उनके जननांग और अन्य माध्यमिक यौन विशेषताएं शामिल होती हैं।
Question – क्या मैं उनके व्यवहार या पसंद के आधार पर यह निर्धारित कर सकता हूं कि मेरा बच्चा हिजड़ा है या नहीं?
Answer: नहीं, हिजड़ा शिशु की पहचान केवल व्यवहार या प्राथमिकताओं के आधार पर नहीं की जा सकती। यह मुख्य रूप से इंटरसेक्स स्थितियों में अनुभवी स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों द्वारा किए गए चिकित्सा मूल्यांकन पर निर्भर करता है।
Question – क्या मेरे बच्चे पर हिजड़ा का लेबल लगाना आवश्यक है?
Answer: अपने बच्चे को हिजड़ा के रूप में लेबल करना एक व्यक्तिगत निर्णय है जिसे सावधानीपूर्वक और आपके बच्चे की भलाई को ध्यान में रखते हुए लिया जाना चाहिए। स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों और इंटरसेक्स मुद्दों में विशेषज्ञता वाले सहायता समूहों के साथ परामर्श करने से आपको एक सूचित विकल्प बनाने में मार्गदर्शन करने में मदद मिल सकती है।
Question – अगर मुझे संदेह हो कि मेरा बच्चा हिजड़ा हो सकता है तो मुझे क्या करना चाहिए?
Answer: यदि आपको संदेह है कि आपका बच्चा हिजड़ा हो सकता है, तो तुरंत अपने बाल रोग विशेषज्ञ या अन्य योग्य स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श लें। वे आवश्यक चिकित्सा परीक्षाओं के माध्यम से आपका मार्गदर्शन करेंगे और उचित सहायता और संसाधन प्रदान करेंगे।
Question – क्या यह निर्धारित करने के लिए कोई विशिष्ट परीक्षण हैं कि मेरा बच्चा हिजड़ा है?
Answer: यह निर्धारित करने के लिए कि आपका बच्चा हिजड़ा है या नहीं, चिकित्सा मूल्यांकन में आम तौर पर शारीरिक परीक्षण, हार्मोन परीक्षण, क्रोमोसोमल विश्लेषण और व्यक्तिगत मामले के आधार पर अतिरिक्त नैदानिक प्रक्रियाएं शामिल होती हैं।
Question – मैं अपने हिजड़ा बच्चे की उचित देखभाल कैसे सुनिश्चित कर सकती हूँ?
Answer: अपने हिजड़ा शिशु की उचित देखभाल सुनिश्चित करने के लिए, इंटरसेक्स स्थितियों में अनुभवी स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों से परामर्श करना महत्वपूर्ण है। वे विशेष चिकित्सा देखभाल, मनोवैज्ञानिक सहायता और प्रासंगिक संसाधनों तक पहुंच के संबंध में मार्गदर्शन प्रदान कर सकते हैं।
Question – क्या किसी व्यक्ति के लिए हिजड़ा के रूप में पहचाने जाने के बजाय ट्रांसजेंडर के रूप में पहचान करना संभव है?
Answer: हां, किसी भी अन्य व्यक्ति की तरह, इंटरसेक्स लक्षणों के साथ पैदा हुए व्यक्तियों के लिए ट्रांसजेंडर के रूप में पहचान करना संभव है। लिंग पहचान किसी व्यक्ति की आत्म-धारणा का एक गहरा व्यक्तिगत पहलू है और जन्म के समय निर्धारित लिंग से भिन्न हो सकती है। प्रत्येक व्यक्ति के स्व-पहचान वाले लिंग का सम्मान और समर्थन करना महत्वपूर्ण है।
Question – डबल मार्कर टेस्ट कब कराया जाता है?
Answer: डबल मार्कर टेस्ट गर्भवती महिला के तीसरे महीने में कराया जाता है। आमतौर पर डॉक्टर दसवीं से लेकर 14 सप्ताह के प्रेगनेंसी में कराने की सलाह देते हैं।