5 टॉप टूरिस्ट प्लेस इन पूर्णिया की व्यापक जानकारी चाहते हैं ? पूर्णिया बिहार राज्य का एक ऐतिहासिक जिला है। इस जिले में आपको अनेक इतिहासिक छाप मिल जाएंगे।
शायद आप पूर्णिया को पहले कभी इतना करीब से नहीं जानते होंगे। इस लेख में पूर्णिया के उन ऐतिहासिक स्थलों का वर्णन होगा शायद इसके बारे में आपने कभी नहीं सुना होगा।
पूर्णिया जिला का इतिहास बहुत ही पुराना है। आपको इस जिले में महाभारत युग के भी साक्ष्य मिल जाएंगे। इसके अलावा इस्लाम धर्म एवं ब्रिटिश सरकार के बहुत सारे साक्ष्य अभी भी मौजूद हैं।
1 – पूरण देवी मां मंदिर, पूर्णिया सिटी
पूरण देवी मंदिर पूर्णिया, भारत के प्राचीनतम मंदिरों में से एक है। यह मंदिर 600 वर्ष पुराना है। मंदिर की मान्यता दुनिया भर में है। इस मंदिर को देखने के लिए प्रत्येक दिन हजारों लोग आते हैं।
2 – दरगाह चिमनी बाजार पूर्णिया सिटी
दरगाह हजरत मुस्तफा जमात उल हक बंदगी का दरगाह पूर्णिया से उत्तर एवं पश्चिम पूर्णिया सिटी में स्थित है। दूसरा दरगाह गढ़बनैली में है। दोनों ही दरगाह बहुत ही पुराना है। जिसकी मान्यता पूरे देश में है।
3 – जलालगढ़ किला, जलालगढ़ पूर्णिया
यह किला 300 सालों से भी अधिक पुराना है। इस किले को सेफ खान नाम के नवाब ने 1722 में बनवाया था। यह किला आज भी जलालगढ़ से पूर्व में स्थित है। यह किला चारों तरफ से चौकोर है और इसमें चार द्वार हैं।
जलालगढ़ किले को तत्कालीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर्यटकों के लिए बेहतर बनाने की कोशिश कर रहे हैं। बिहार के ज्यादातर मुख्यमंत्रियों का इस किले में आगमन हो चुका है।
4 – मनिहारी घाट
मनिहारी को पहले मनिहारन के नाम से जाना जाता था। यह गांव हिंदू पौराणिक कथाओं में एक आवश्यक स्थान पर रखा गया है। कहा जाता है कि भगवान कृष्ण ने इन भागों की यात्रा करते हुए यहां एक मूल्यवान वस्तु खो दी थी।
संस्कृत में, ‘मणि’ का गहना अर्थ है । इसलिए यह नाम रह गया। गंगा नदी के तट पर स्थित, यह स्थान मनिहारी घाट के नाम से प्रसिद्ध है।
5 – अंग्रेजों का कब्रिस्तान
पूर्णिया के लाइन बाजार में होप हॉस्पिटल के पास आपको अंग्रेजों का कब्रिस्तान आज भी देखने को मिल जाएगा। यूं तो भारत से अंग्रेज ने 70 साल पहले भारत छोड़ चुके हैं।
लेकिन इस कब्रिस्तान में क्रिश्चियन धर्म के नियमों के अनुसार, मरने वाले अंग्रेजों को दफनाया गया था। लगभग सभी कब्र पर मरने वाले का नाम एवं तिथि लिखा हुआ है। यहां पर कुछ ऐसे भी कब्र हैं जो डेढ़ सौ साल से भी पुराना है।
Conclusion Points
अंत में, Purnea पर्यटकों के लिए आध्यात्मिक और आधुनिक अनुभवों का एक अनूठा मिश्रण प्रस्तुत करता है। मा पूरन देवी मंदिर उन लोगों के लिए अवश्य जाना चाहिए जो अपने आध्यात्मिक पक्ष से जुड़ना चाहते हैं, जबकि शॉपिंग मॉल उन लोगों की सेवा करता है जो कुछ खुदरा चिकित्सा में शामिल होना चाहते हैं।
अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और सुरम्य परिदृश्य के साथ, पूर्णिया में हर किसी के लिए कुछ न कुछ है। तो, अपने बैग पैक करें और एक अविस्मरणीय छुट्टी अनुभव के लिए इस खूबसूरत शहर की ओर चलें। पूर्णिया के छिपे हुए रत्नों का पता लगाने का अवसर न चूकें!
Purnea के पर्यटक स्थलों को देखने का सबसे अच्छा समय मार्च-अप्रैल और मई है, विंटर सीजन में अक्टूबर-नवंबर दिसंबर है. अगर आप गर्मी की छुट्टी बिताने के लिए पूर्णिया आएंगे तो आपको अच्छा लगेगा. मई के अंत तक यहां पर इतना गर्मी नहीं होता है.