हिंदी में Patra Lekhan के इस लेख में औपचारिक एवं अनौपचारिक पत्र लिखने की विधिवत जानकारी दी गई है। पत्र के प्रकार के अलावा इस लेख में आपको पत्र के उदाहरण भी प्रस्तुत किए गए हैं। ताकि आप किसी भी परीक्षा में इस उदाहरण का उपयोग करके पूरे अंक प्राप्त कर सकें.
बेहतर हिंदी पत्र लेखन के लिए नीचे कुछ सुझाव दिए गए हैं:
- अपने अक्षरों को संक्षिप्त और सारगर्भित रखें। फूली भाषा और लंबे पैराग्राफ से बचें।
- स्पष्ट, संक्षिप्त स्वर में लिखें। इसे ज़्यादा किए बिना उचित व्याकरण और विराम चिह्नों का प्रयोग करें।
- लोगों को संबोधित करते समय सामान्य शिष्टाचार का प्रयोग करें (जैसे, श्रीमान/सुश्री/श्रीमती, प्रिय महोदय/मैडम)
- इसमें प्रेषक का नाम, पता और पत्र का उद्देश्य.
हिंदी पत्र लेखन के 5 गुणों को जरूर जानिए
Hindi patra lekhan के लिए इन 5 सबसे महत्वपूर्ण युक्तियों को अपनाकर आप किसी को भी अपनी ओर आकर्षित कर सकते हैं। इन युक्तियों को हिंदी साहित्य में उच्चतम स्थान प्राप्त है।
1 – वार्तालाप
पत्र लिखते समय आप को यह ध्यान रखना है की जो पत्र आप लिख रहे हैं। पढ़ने वाले व्यक्ति को पत्र कितना समझ में आएगा। क्योंकि जब कोई पत्र पढ़ता है तो आप वहां पर नहीं होते हैं। आपका पत्र लेखन ऐसा हो की आप उसके सामने नहीं होते हुए भी उसको अनुभव दिलाते हों कि आपके उस के पास हैं।
2 – सरलता
सरल भाषा का उपयोग हमेशा अच्छा माना जाता है। लेकिन जटिल शब्दों का प्रयोग व उलझे हुए वाक्य, पाठकों को निरर्थक एवं उबाऊ बना देते है।
3 – निश्चयात्मकता
आपके द्वारा लिखे गए पत्र में निश्चयात्मकता होनी चाहिए। यदि पाठक को पत्र पढ़ने के बाद कोई शंका या दुविधा की स्थिति बनी रहती है तो पत्र लिखने का सारा उद्देश्य ही खत्म हो जाता है।
4 – संक्षिप्तता
संक्षिप्तता से अपनी पूरी बात लिखना ही अच्छा पत्र लेखन माना जाता है। वार्ता एवं संदेश का प्रयोग पत्र के अनुरूप ही करना चाहिए। एक बात को कई बार लिखना पत्र लेखन के लिए अच्छा नहीं माना जा सकता है।
5 – व्याकरण
पत्र लेखन में व्याकरण का एक महत्वपूर्ण स्थान है। अगर आप व्याकरण में गलती करेंगे तो आपके द्वारा लिखे गए पत्र को अच्छा माना नहीं जा सकता है। पत्र लिखते समय वाक्यों के व्याकरण पर ध्यान दें।
हिंदी पत्र लेखन के कितने प्रकार होते हैं?
पत्र लेखन के प्रकार – यह भी तय करना आवश्यक है कि यह पत्र आप अपने किसी मित्र या से सहयोगी को लिख रहे हैं या किसी कार्यालय से संपर्क स्थापित करने के लिए लिख रहे हैं। इस आधार पर पत्र लेखन को दो वर्गो में विभाजित किया जा सकता है –
Patra ke Prakar
- अनौपचारिक पत्र
- औपचारिक पत्र
अनौपचारिक पत्र किसे कहते हैं?
अनौपचारिक पत्र लेखन में ध्यान रखें की जिसको आप पत्र लिख रहे हैं उनसे आपका निजी परिचय है तथा उनसे व्यक्तिगत संबंध भी हैं। इस तरह के पत्र लेखन में व्यक्तिगत सुख-दुख का ब्योरा एवं विवरण के साथ व्यक्तिगत संबंध को उल्लेख किया जाता है।
अपने परिवार के लोग मित्र एवं निकट संबंधियों को इस तरह के पत्र लिखे जाते हैं।
- पिता के नाम पत्र
- मित्र के नाम पत्र
Aupcharik patra kise kahate hain?
हिंदी औपचारिक पत्र, लेखन में ध्यान रखें की जिसको आप पत्र लिख रहे हैं उनसे आपका कोई निजी परिचय नहीं है। यदि आपका व्यक्तिगत लगाव या परिचय भी हो तो लेखन में वह व्यक्त नहीं होना चाहिए। औपचारिक पत्र लेखन में मुख्यतः संदेश, सूचना एवं तथ्यों का ही अधिक महत्व दिया जाता है।
औपचारिक – स्मृति, अशासकीय, द्रुत पत्र
इस प्रकार के पत्र संस्था के अधिकारी एवं कार्यालय के अधिकारी को लिखा जाता है।
अनौपचारिक पत्र – पत्र लेखन नमूना (sample)
पत्र लेखन प्रारूप (फॉरमैट) पर ध्यान देना आवश्यक है। जो आपके पत्र लेखन को बिल्कुल आसान बना देता है। एक पुत्र अपने पिता जी को पत्र कैसे लिखता हैं। उदाहरण से समझाता हूं। पत्र के तीन भागों को अलग-अलग रंगों से रेखांकित किया गया है। इस पर ध्यान दें ताकि दूसरा अनौपचारिक पत्र आप आसानी से लिख सकें।
अनौपचारिक पत्र लेखन में
शीर्ष भाग में पता, दिनांक, संबोधन तथा प्रशस्ति आते हैं।
मध्य भाग में संदेश व कथा का विवरण होता है।
अंतिम भाग आभार सूचक वाक्य जैसे आप का, प्रणाम, धन्यवाद आदि का प्रयोग किया जाता है।
पिताजी को पत्र – अनौपचारिक पत्र Format
स्थान का नाम ………
तिथि …………
पूजनीय पिता जी,
सादर प्रणाम
कल ही संध्याकालीन भारतीय डाक से आपका पत्र मिला। आप सभी का कुशल-क्षेम जानकर अत्यधिक प्रसन्नता हुई। यहां पर गौरव तथा मीनाक्षी भी ठीक हैं।
आपने अपने पत्र में परीक्षा की तैयारी के विषय में पूछा था। आपको बता दूं कि हमारी तैयारी पूरी हो चुकी है जो भी बचा है मैं समय रहते पूरा कर लूंगा। हमें कुछ तथा पुस्तक खरीदने की आवश्यकता है जो हमारी प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए उत्तम सिद्ध हो सकता है।
मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि 20,000 हमें भेज दें। मैं उससे पुस्तक खरीद लूंगा।
शेष सब कुशल है। माता-जी, बुआ आदि को मैं तथा मेरे मित्र उनको प्रणाम कहते हैं।
आपका सदैव आज्ञाकारी पुत्र
नाम………
औपचारिक पत्र – पत्र लेखन नमूना (sample)
औपचारिक पत्र लेखन में आवेदन / प्रार्थना पत्र, नौकरी के लिए आवेदन पत्र, सरकारी / अर्ध सरकारी संस्थाओं के लिए आवेदन पत्र तथा संपादक के नाम आवेदन पत्र शामिल है। इन सभी प्रकार के पत्र को कैसे लिखा जाए आपको उदाहरण देकर समझाता हूं।
प्रधानाचार्य के नाम आवेदन पत्र कैसे लिखते हैं?
व्याकरण
पत्र लेखन प्रारूप पर ध्यान देना आवश्यक है जो आपके पत्र लेखन को आसान बना देता है।
औपचारिक पत्र लेखन में शीर्ष भाग में पत्र-प्रेक्षक का पता बायीं ओर लिखा जाता है तथा पत्र-प्रेषक अपना नाम के नीचे स्वनिर्देशि के बाद लिखते हैं।
मध्य भाग में संदेश का विवरण होता है।
अंतिम भाग आभार सूचक वाक्य जैसे धन्यवाद आदि का प्रयोग किया जाता है।
पोस्ट मास्टर के नाम औपचारिक पत्र कैसे लिखते हैं
परीक्षा भवन
नई दिल्ली
दिनांक – 20 जनवरी 2023
डाकपाल महोदय
संसद मार्ग, नई दिल्ली
प्रिय महोदय,
विषय – रजिस्ट्री पत्र प्राप्त ना होने की शिकायत
डाकपाल महोदय का निवेदन के साथ आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं कि, मैंने 20 दिसंबर 2023 को अपने पिता के नाम एक पत्र रजिस्ट्री के द्वारा भेजा था। किंतु उसे एक महीने के बाद भी प्राप्त नहीं हो पाया है।
मैंने अपने गांव स्थित डाकघर से भी संपर्क स्थापित करने का प्रयत्न किया था। वहां के डाक मास्टर ने बताया कि इस तरह का हमें कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। रजिस्ट्री पत्र का रसीद नंबर 234 है जो 20 दिसंबर 2023 को भेजा गया था। रशीद का फोटो स्टेट कॉपी पत्र के साथ संलग्न है।
आपसे प्रार्थना है कि इस संबंध में आवश्यक जांच पड़ताल कर के मुझे मामले की वास्तविक स्थिति से अवगत किया जाए।
धन्यवाद
भवदीय
कुलदीप कुमार झा।
पत्र लेखन नमूना – निवास प्रमाण पत्र हेतु आवेदन पत्र कैसे लिखा जाता है?
हिन्दी सरकारी पत्र लेखन में निवास प्रमाण पत्र हेतु आवेदन पत्र, आय प्रमाण पत्र हेतु आवेदन पत्र, जन्म प्रमाण पत्र ऑनलाइन आवेदन, तथा शासकीय पत्र लेखन आदि शामिल है। अक्सर लोगों का यह प्रश्न होता है कि आवेदन पत्र कैसे लिखे।
आज के समय हमारी सरकार भी हमारी सुविधा के लिए काफी तात्पर्य है इस तरह के आवेदन पत्र, आपको सरकारी ऑफिस में फ्री में उपलब्ध होता है। जिसको आप भरकर जमा कर सकते हैं या फिर सरकार के वेबसाइट से डाउनलोड कर कर के, प्रिंट आउट निकाल सकते हैं। उस से भर कर संबंधित कार्यालय में जमा कर सकते हैं।
अगर इन दोनों सुविधाओं में से कोई भी सुविधा उपलब्ध ना हो तो ऊपर के नमूनों को देखकर आप पेपर पर लिक सकते हैं। उसमें संबंधित जानकारी देकर कार्यालय में जमा कर सकते हैं।
पत्र लेखन के लिए इसे जरूर पढ़ें
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Conclusion Points
किसी भी लेखक के लिए सबसे महत्वपूर्ण कौशल औपचारिक और अनौपचारिक दोनों पत्रों में प्रभावी ढंग से लिखने की क्षमता है।
एक अच्छी तरह से लिखा गया पत्र संक्षिप्त और प्रभावी तरीके से बहुत सारी जानकारी दे सकता है, चाहे वह किसी मित्र, परिवार के सदस्य या व्यावसायिक सहयोगी को हो।
औपचारिक और अनौपचारिक पत्र लिखने की कला को विकसित करने के लिए यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं:
इस अवसर पर विचार करके प्रारंभ करें। क्या पत्र किसी घटना की औपचारिक प्रतिक्रिया के रूप में या चल रहे रिश्ते के हिस्से के रूप में भेजा जा रहा है?
यदि यह अधिक आकस्मिक पत्राचार है, तो अधिक अनौपचारिक भाषा का उपयोग करना सुनिश्चित करें।
उचित व्याकरण और वर्तनी का प्रयोग करें। गलतियाँ लिखित संदेश के प्रभाव को कम कर सकती हैं, इसलिए जब भी संभव हो सही व्याकरण और विराम चिह्न का उपयोग करना सुनिश्चित करें।
इसके अलावा, कठबोली या संकुचन का उपयोग करने से बचें; ये संभवतः आपके लक्षित दर्शकों द्वारा नहीं समझा जाएगा।
दोस्तों, उम्मीद करता हूं कि आप को औपचारिक व अनौपचारिक पत्र लेखन तथा Patra Lekhan से संबंधित लेख पसंद आया होगा। इससे संबंधित लेख के लिंक नीचे दिए गए हैं , कृपया इसे जरूर पढ़ें।
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