क्या आप इस चुनावी मौसम में ग्राम पंचायत के कार्य को इंटरनेट पर सर्च कर रहे हैं? आप बिल्कुल सही जगह पहुंच चुके हैं.
2024 के प्रावधान के हिसाब से कुछ नए कार्य जोड़े गए हैं। आपको यहां पर पूर्ण जानकारी बिल्कुल आसान भाषा में मिलने वाला है. धैर्य के साथ नीचे तक खिसका कर पहले चेक कर लीजिए.
बहुत ही कम लोगों को पता होगा कि भारत सरकार ग्राम पंचायत के कार्यों के लिए 35 से भी ज्यादा योजनाओं के लिए फंड आवंटित करता है. साथ ही राज्य एवं केंद्र सरकार अलग से कुछ अन्य जिम्मेदारियां समय-समय पर देता है.
आप किसी प्रतियोगिता परीक्षा या स्कूल व कॉलेज के परीक्षा में पंचायत के कार्य को लिखना चाहते हैं ? आपके लिए 35 कार्यों का वर्णन नीचे किया गया है।
ग्राम पंचायत का गठन एवं कार्य
एक ग्राम पंचायत एक ग्राम स्तरीय परिषद है, जो स्थानीय सरकार के प्रशासन और विकेंद्रीकृत शासन के लिए जिम्मेदार है। जिला मजिस्ट्रेट द्वारा अधिसूचित 7,000 की आबादी पर इस ग्रामीण प्रशासनिक निकाय का गठन किया गया है।
इस ग्राम पंचायत के मुखिया को प्रधान के रूप में जाना जाता है। वह पांच साल के कार्यकाल के लिए ग्राम सभा के सदस्यों में से चुना जाता है।
इन स्थानीय परिषदों की प्राथमिक जिम्मेदारी अपने नागरिकों को पानी की आपूर्ति, स्वच्छता और स्वास्थ्य देखभाल जैसी बुनियादी सेवाएं प्रदान करना है।
इसके अलावा, उन्हें गरीबी उन्मूलन, कृषि विकास और महिला सशक्तिकरण के लिए योजनाओं को लागू करने का भी काम सौंपा गया है।
अन्य कर्तव्यों में नियमित बैठकें करना और ग्रामीणों के बीच विवादों को सुलझाना, सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखना और भूमि उपयोग नियंत्रण और प्रदूषण की रोकथाम से संबंधित कानूनों को लागू करना शामिल है।
निम्नलिखित कार्यों को अगर आप सफलतापूर्वक पूरा कर लेते हैं तो आपको सर्वश्रेष्ठ पंचायत का अवार्ड भी मिल सकता है।
पंचायत राज अधिनियम, 2006 के अनुसार ग्राम पंचायत के कार्य निम्नलिखित हैं
1 – संसाधनों के प्रबंधन एवं उत्पादन संबंधी कार्य
गांव के लोगों को रोजगार दिलाने हेतु ग्रामीण क्षेत्रों में संसाधनो का प्रबंधन करना एवं उत्पादन संबंधी कार्य को सुचारु रुप से चलाना एक प्रमुख कार्य है। गांव में प्राकृतिक संसाधनों की कमी नहीं है जरूरत है उसका प्रबंधन करना।
2 – ग्रामीण व्यवस्था एवं निर्माण संबंधी कार्य
ग्रामीण क्षेत्र में व्यवस्था बनाए रखने के लिए निर्माण संबंधी कार्यों को पूरा करने के लिए, राज्य सरकार व केंद्र सरकार विभिन्न योजनाएं चलाते हैं।
3 – मानवीय क्षमता वृध्दि संबंधी कार्य (स्किल डेवलपमेंट)
आपने स्किल इंडिया का नाम सुना होगा। यह योजना सिर्फ भारत के शहरों में ही नहीं गांव में भी लागू होता है। मानवीय क्षमता वृद्धि के लिए पंचायत जनप्रतिनिधि विभिन्न प्रकार का कार्यक्रम चला सकता है।
4 – कृषि एवं कृषि विस्तार
ग्रामीणों का मुख्य पेशा कृषि होता है तथा आय का स्रोत भी कृषि होता है। इसलिए पंचायत प्रतिनिधि कृषि के विकास एवं विस्तार के लिए कार्य कर सकते हैं।
5 – सामाजिक एवं फार्म वनोद्योग,लघु वन उत्पाद, ईंधन व चारा
समाज में सभी लोगों को रोजगार मिले तथा पूरे साल मिले इस पर सुनिश्चित करने के लिए फार्म वनोद्योग, लघु उद्योग एवं जानवरों के लिए चारा जमा करना आदि शामिल है।
6 – पशुपालन, दुग्ध उद्योग एवं मुर्गी पालन
पशुपालन के लिए जानकारी, उनका का टीका तथा उनका उपचार कराना भी पंचायती राज्य के अंतर्गत रखा गया है ताकि पशुपालन ज्यादा फायदेमंद हो सकें।
7 – मछली पालन को बढ़ावा देना
मनरेगा योजना के तहत मछली पालन को प्रोत्साहित करने के लिए तालाबों की खुदाई ग्राम पंचायत के कार्यों में शामिल किया गया है। अगर किसी ग्रामीण क्षेत्र में नदियां हैं तो उनका संरक्षण एवं मछली पालन भी ग्राम पंचायत के कार्यों में शामिल किया गया है।
8 – खादी एवं कुटीर उद्योग बढ़ावा देना
छोटे उद्योग को बढ़ावा देने के लिए भारत एवं राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं को लागू करवाना एवं जनता को उनके प्रति जागरुक करना, तथा जानकारी मुहैया कराना आदि शामिल है।
9 – ग्रामीण स्वच्छता तथा पर्यावरण
स्वच्छ भारत अभियान एवं राज्य सरकार के स्वच्छता कार्यक्रम को पंचायत के लोगों में प्रसिद्ध करना, प्रचलित करना, स्वच्छता के नियम स्थापित करना एवं सार्वजनिक स्थलों की सफाई सुनिश्चित करना भी ग्राम पंचायत के कार्य क्षेत्र में आता है। पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए पेड़ लगाने के प्रवधान किए गए हैं।
10 – ग्रामीण गृह निर्माण करना
सार्वजनिक स्थलों पर जैसे पंचायत भवनों का निर्माण, चबूतरों का निर्माण व पुस्तकालय निर्माण आदि शामिल है।
11 – पेयजल व्यवस्था करना
शुद्ध पेयजल की व्यवस्था करना, केंद्र एवं राज्य सरकार की सरकारी योजनाओं को लागू करवाना ग्राम पंचायत के कार्य क्षेत्र में शामिल है।
12 – सड़क, भवन, पुल, पुलिया एवं जलमार्ग
सड़क पुल एवं पुलिया के लिए सरकार पंचायतों को वित्तीय सहायता देती है। उसका देखभाल एवं मरम्मत का भी काम पंचायत के कार्य क्षेत्र में शामिल है।
13 – विद्युतीकरण तथा वितरण
गांव में विद्युतीकरण के लिए केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार की योजनाएं हैं। इस योजनाओं का लागू करवाना, जहां पर बिजली नहीं पहुंचा हो वहां पर पहुंचाने के लिए प्रयास करना।
14 – गैर परम्परागत ऊर्जा स्रोत उपाय एवं संरक्षण
गैर परंपरागत ऊर्जा स्रोतों को संरक्षित करना तथा लोगों को इसके प्रति जागरुक करना, सोलर टावर का वितरण से लेकर गोबर गैस जानकारी लोगों तक पहुंचाना शामिल है।
15 – जनवितरण प्रणाली – वितरण की व्यवस्था
भारत सरकार एवं बिहार सरकार की अन्य योजनाओं में अनाजों, केरोसिन व चीनी आदि को लोगों के बीच में वितरित करना।
16 – सार्वजनिक संपत्ति का देखभाल
सार्वजनिक संपत्तियों का रखरखाव एवं उसके सुरक्षा का उपाय करना पंचायत के कार्यों में शामिल है।
17 – बाजार एवं मेले
ग्रामीण बाजार व मेले को संचालित करने से लेकर सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम करना शामिल है।
18 – ग्रामीण पुस्तकालय एवं वाचनालय
साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण इलाकों में पुस्तकालय एवं वाचनालय का व्यवस्था करना पंचायत के कार्यों में शामिल है।
19 – खटालों, कांजी हाऊस तथा ठेला स्टैण्ड का निर्माण एवं रख-रखाव
खटालों, कांजी हाऊस तथा ठेला स्टैण्ड का निर्माण से लेकर रखरखाव पंचायत के कार्यों में शामिल है।
20 – कसाईखानों का निर्माण एवं रख-रखाव
एक पंचायत कसाई खानों का निर्माण कर सकता है तथा वहां पर व्यवस्था को सुचारु रुप से चलाने की जिम्मेदारी पंचायत की होती है।
21 – सार्वजनिक पार्क, खेलकूद का मैदन आदि का रख-रखाव
सार्वजनिक पार्क, खेलकूद का मैदन की रखरखाव से लेकर संचालन की व्यवस्था करना पंचायत के कार्य क्षेत्र में आता है।
22 – सार्वजनिक स्थानों पर कूड़ादान की व्यवस्था
सार्वजनिक स्थलों पर कूड़ादान की व्यवस्था करना भी पंचायत के कार्य क्षेत्र में आता है।
23 – झोपड़ियों एवं शेडों का निर्माण एवं नियंत्रण
झोपड़ियों एवं शेडों का निर्माण के साथ-साथ नियंत्रण का भी कार्य पंचायत के कार्य क्षेत्र में आता है।
24 – पंचायत के लिए बजट
सामान्य कार्य के अधीन योजना बनाना एवं बजट तैयार करना, एक पंचायत ग्राम कचहरी में योजना बना सकता है उसके हिसाब से बजट भी बना सकता है।
25 – अतिक्रमण हटाना तथा बाढ़- सुखाड़ आदि प्रकृति आपदा
अतिक्रमण को हटाने से लेकर बाढ़ एवं सुखार प्राकृतिक आपदाओं में भी जन जन तक सुविधा मुहैया कराना।
26 – आपदाओं में सहायता करना
आपदाओं के समय आम जनता को सहायता प्रदान करना, गाँव के अनिवार्य सांख्यिकी ऑंकड़ों को सुरक्षित रखना आदि।
27 – धर्मशालाओं, छात्रावासों एवं अन्य वैसे ही संस्थानों का निर्माण तथा उसका रख-रखाव करना
एक पंचायत अपने बजट के अनुसार धर्मशाला तथा छात्रावास का निर्माण कर सकता है एवं उसका रखरखाव भी करना पंचायत के कार्य क्षेत्र में आता है।
28 – शिक्षा, प्राथमिक व माधयमिक स्तर तक वयस्क एवं अनौपचारिक शिक्षा
एक पंचायत प्रतिनिधि अपने पंचायत के स्कूलों का औचक निरीक्षण कर सकता है, एवं छात्र छात्राओं को बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान कर सकता है।
29 – लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण
लोगों तक स्वास्थ्य की जानकारी एवं परिवार कल्याण की जानकारी के साथ-साथ केंद्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं को लोगों तक पहुंचाना पंचायत के कार्य क्षेत्र में शामिल है।
30 – महिला व बाल विकास
महिला एवं बाल विकास के लिए पंचायत जनप्रतिनिधि, केंद्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं को आम जनता तक पहुंचाना तथा उसकी जानकारी प्राप्त करवाना एवं लागू करवाना पंचायत के कार्य क्षेत्र में शामिल है।
31 – गरीबी उन्मूलन (गरीबी हटाना)
केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार के गरीबी उन्मूलन के योजनाओं को लागू करवाना एवं सहायता प्रदान करना आदि शामिल है।
32 – सहायता
कमजोर वर्गो विशेष रूप से अनुसूचित जाति तथा जनजाति का कल्याण के लिए कार्य करना एवं केंद्र, राज्य सरकार की योजनाओं को उन तक पहुंचाना।
33 – सामाजिक, सांस्कृतिक तथा खेलकूद को बढ़ावा देना
सामाजिक, सांस्कृतिक तथा खेलकूद को बढ़ावा देने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं को लागू करने से लेकर लोगों को प्रेरित करने का भी कार्य शामिल है।
34 – विकलांग की मदद
शारीरिक एवं मानसिक रूप से नि:शक्त व्यक्तियों के लिए सामाजिक कल्याण के कार्य करने से लेकर उसे मदद करने का प्रावधान है।
35 – शिक्षा का प्रचार करना
बच्चों को शिक्षा के लिए उत्साहित करना, शिक्षा की व्यवस्था करना, शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए पंचायत के कार्यों में शामिल हैं।
Conclusion Points
निष्कर्ष के तौर पर आपको बताना चाहता हूं कि आप इन पंचायत के 35 कार्यों को अपने घोषणा पत्र में भी जगह दे सकते हैं. ज्यादातर योजना में ग्राम पंचायत के मुखिया का भागीदारी होता है और दूसरे स्थान पर समिति का आता है.
ग्राम पंचायत भारत में स्थानीय स्वशासन की एक महत्वपूर्ण संस्था है। यह शासन का सबसे निचला स्तर है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के दैनिक जीवन को प्रभावित करने वाले कई प्रकार के कार्यों और सेवाओं के लिए जिम्मेदार है।
ग्राम पंचायतों के कार्य विकास, सामाजिक न्याय और सामुदायिक निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
ग्राम पंचायत की प्राथमिक जिम्मेदारी ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने के उद्देश्य से कार्यक्रमों की योजना बनाना और उन्हें लागू करना है।
इसमें सड़कों, पुलों, स्कूलों, जल आपूर्ति प्रणालियों जैसे बुनियादी ढांचे का विकास करना और टीकाकरण अभियान आयोजित करके या चिकित्सा केंद्र स्थापित करके स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं को बढ़ावा देना शामिल है।
इसके अलावा, ग्राम पंचायतें स्वच्छता और अपशिष्ट निपटान प्रबंधन जैसी बुनियादी सेवाएं भी प्रदान करती हैं जो स्वच्छ वातावरण बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
ग्राम पंचायतों द्वारा किए गए कार्यों का एक अनूठा पहलू महिलाओं और वंचित समुदायों को सशक्त बनाने पर उनका ध्यान है।
ऊपर लिखे किसी भी योजना में सरपंच या पंच सदस्य का कोई हस्तक्षेप नहीं होता है. Gram Panchayat Ke Karya से संबंधित लेख आपको कैसा लगा कमेंट बॉक्स में जरूर बताइएगा.
Purnia dagrua driyapur kachna ward 4
Dagrua ki kul panchayat kitne h
Very good
सभी बच्चों को शिक्षा से जोड़ना ही मेरा उद्देश्य
Geram panchayat chunao kab hai tisra charan ka
अतीउत्तम प्रसतूती
Bahut sundar jankari ?
Bul kul sahi laga aisa hi hum bhi dochte h khagaria se Sameer khan