क्या गुलाबबाग व फारबिसगंज रेड लाइट एरिया एड्स मरीजों की संख्या बढ़ रही है? इसके पीछे एक ही कारण है कि जिस्मफरोशी का धंधा बहुत तेजी से फल-फूल रहा है। क्या मोबाइल के दौर में इस धंधे का ज्यादा विस्तार हो रहा है? आइए विस्तार से जानते हैं।
Forbesganj Araria Red Light Area और Gulab Bagh Purnea Red Light Area, आज तक न्यूज़ चैनल के हेडलाइंस में आ चुका है। ऐसा क्या हुआ है जो देश के बड़े न्यूज़ चैनल भी सीमांचल के इस रेड लाइट एरिया का समाचार दिखा रहा है। यूं तो गुलाब बाग फसल मंडी के रूप में फेमस है.
पूर्णिया में रेड लाइट एरिया किस-किस जगह पर है?
पूर्णिया में कई रेड लाइट एरिया है जो शहरी क्षेत्र में है वह ज्यादा चर्चित रहते हैं। दूरदराज के कई ग्रामीण इलाके में भी रेड लाइट एरिया है जिसकी जानकारी स्थानीय लोगों तक होती है।
पूर्णिया के नेशनल हाईवे के आसपास मुख्य तौर पर तीन रेड लाइट एरिया है। जिसमें पहला नाम हरदा बाजार का आता है। शाम होते ही बाजार सजना शुरू होता है। कामकाजी मजदूर तबके के लोग इस रेड लाइट एरिया में ज्यादा आते हैं।
दूसरा नाम सनौली चौक का आता है। जो नेशनल हाईवे हरदा बाजार से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर है। इसे कुछ लोग मुजरा पट्टी के नाम से भी जानते हैं।
तीसरा सबसे बड़ा नाम गुलाब बाग मंडी रेड लाइट एरिया है। गुलाब बाग जीरोमाइल के पास स्थित है। आज के समय में भी सबसे ज्यादा तादाद में लड़कियां यहां पर सेक्स वर्कर के रूप में कार्य करती हैं।
वैसा प्रखंड के रोटा में भी एक बहुत बड़ा रेड लाइट एरिया है. इस रेड लाइट एरिया में भी बहुत सारी महिलाएं देह व्यापार में लिप्त हैं. यह ग्रामीण इलाका होने के कारण लोगों में जानकारी की बाड़ी अभाव है. जिसके कारण भी सुरक्षित यौन संबंध स्थापित करने में असक्षम होते हैं.
अररिया जिले में कहां पर है, रेड लाइट एरिया?
अररिया जिले में भी कई रेड लाइट एरिया है जिसमें सबसे फेमस फारबिसगंज का नाम है। यहां पर नेपाल एवं अन्य स्थानों से महिला एवं लड़कियों को लाकर दे व्यापार में धकेला जाता है।
इस रेड लाइट एरिया में दूरदराज से भी लोग आते हैं। प्रशासन एवं पुलिस को पता होते हुए भी इस रेड लाइट एरिया में काम चलते रहता है।
कई बार यहां से देह व्यापार वर्कर एवं दलालों को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया है। इसके साथ कई ग्राहक भी पकड़े गए हैं।
सीमांचल का रेड लाइट एरिया इतना फेमस क्यों है?
दरअसल 2012 में कौन बनेगा करोड़पति में आई एक सेक्स वर्कर ने राष्ट्रीय मीडिया का पहली ध्यान आकर्षित किया था। कौन बनेगा करोड़पति के फातिमा खान चर्चा की विषय बनी थी।
फातिमा खातून एक काल्पनिक नाम है। जो एड्स एवं कैंसर से पीड़ित हैं। खातून ने कई दशक तक सेक्स वर्कर के तौर पर सीमांचल के कई इलाकों में काम किया था।
उनसे जबरन देह व्यवहार कराया जाता था। उसने बताया कि हिना नाम की एक महिला की मौत एड्स से हुई जो पहले फारबिसगंज रेड लाइट एरिया में काम करती थी। ना जाने कितने युवा इस दलदल में फंस चुके होंगे जो एक चिंता का विषय है।
आज वर्ष 2019 में इन दोनों ही सेक्स वर्करों का इंतकाल हो चुका है। जिस कारण फिर से यह समाचार चर्चा में आया है।
क्या सीमांचल के इलाके में तेजी से एड्स जैसी घातक बीमारी पैर पसार रहा है?
आप जानते हैं कि एड्स एक जानलेवा एवं लाइलाज बीमारी है। एड्स के कारणों से होते हैं इसमें सबसे अहम कारण असुरक्षित शारीरिक संबंध है।
सीमांचल के गुलाब बाग जीरोमाइल एवं अररिया जिले के फारबिसगंज रेड लाइट एरिया इसमें अहम रोल निभा रहा है।
कई युवा जाने अनजाने में किन सेक्स वर्करों के साथ रिलेशन बनाते हैं। संभावना व्यक्त की जा रही है कि सीमांचल में भी एड्स की बीमारी तेजी से बढ़ रहा है।
सीमांचल के चारों जिलों के ज्यादातर लोग रोजगार की तलाश में बड़े शहरों में काम करते हैं। वहां पर वह अपने परिवार के साथ नहीं रहते हैं। जिस कारण वह कभी कबार सेक्स वर्करों के साथ रिलेशन बनाते हैं।
जब वह घर आते हैं फिर वह अपने फैमिली के साथ रहते हैं। इस तरह से सीमांचल में बहुत तेजी से एड्स की बीमारी बढ़ रहा है। अभी तक कोई सरकारी आगरा प्राप्त नहीं हुआ है।
क्योंकि दिल्ली मुंबई की तरह यहां पर एड्स का टेस्ट उपलब्ध नहीं है। अपना सीमांचल एड्स के मामले में भगवान भरोसे ही चल रहा है। सरकार एवं स्वास्थ विभाग को चाहिए कि इसमें कोई ठोस कार्य किया जाए।
आपको बता दें कि पूर्णिया के नेशनल हाईवे 31 के एरिया में तीन रेड लाइट एरिया है। आज के समय में भी यह रेड लाइट एरिया जीवित है। अक्सर समाचारों में आता है कि अवैध रूप से लाई गई लड़कियों को इस रेड लाइट एरिया से पुलिस बड़ा मन करता रहता है।
आप तो जानते हैं कि भारत में अभी भी देह व्यापार कानूनी तौर पर माननीय नहीं है। पुलिस एवं प्रशासन को अच्छे से पता है कि इस एरिया में देह व्यापार होता है।
इन रेड लाइट एरिया में युवाओं से छीना झपटी भी होता है
हमें एक व्यक्ति ने गोपनीयता की शर्त पर बताया कि, गुलाब बाग रेड लाइट एरिया में जो भी युवा वहां पर जाते हैं। उनके साथ बहुत बुरा बर्ताव होता है। उनके पास जितना भी रुपया पैसा होता है वेश्याएं उनसे छीन लेती हैं।
उनका फोटो भी मोबाइल पर खींच लिया जाता है। और कहां जाता है कि अगर आप कंप्लेंट करोगे तो यह फोटो सोशल मीडिया पर डाल देंगे।
जागरूकता की भारी कमी होने के कारण खतरा हमेशा बना रहता है?
सीमांचल के ज्यादातर रेड लाइट एरिया में कंडोम का प्रयोग नहीं के बराबर होता है। वेश्याएं कंडोम प्रदान नहीं करती हैं। ग्राहक को अपने साथ कंडोम ले जाना होता है।
युवा गायक दुकान से कंडोम खरीदने में असमर्थ नजर आते हैं। जोश में आकर अपनी जिंदगी का सबसे बड़ा गलती कर देते हैं। माना जाता है कि ज्यादातर सेक्स वर्कर किसी ना किसी बड़े बीमारी से पीड़ित होती हैं।
अगर इस तरह का कुछ भी करने का अगर आप योजना बना रहे हैं? आप समझ जाइए। आपके पैसे तो बर्बाद होंगे ही लेकिन आपको एक ऐसा तोहफा मिलेगा जो आपकी जिंदगी को पूरी तरह बर्बाद कर सकता है। उस तोहफे का नाम एड्स है।
एड्स क्या है? अक्सर लोग इसको लेकर कंफ्यूज रहते हैं। मानव इतिहास का सबसे घातक बीमारी का नाम एड्स है। एड्स का अभी भी पूरी तरह इलाज मुमकिन नहीं है।
इसीलिए एड्स को जानलेवा एवं लाइलाज बीमारी कहा जाता है। एचआईवी नाम के वायरस से एड्स की बीमारी होती है। एड्स के मरीज को किसी अन्य बीमारी से लड़ने की क्षमता नहीं होती है। और उसका मृत्यु हंड्रेड परसेंट तय होता है।
मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि आप संभल जाए। गलती ना करें। अच्छा विकल्प है कि आप विवाहित जीवन में ही रिलेशन बनाएं।
फारबिसगंज एवं गुलाब बाग रेड लाइट एरिया में पुलिस का छापा मारी
प्रशासन एवं पुलिस भी समय-समय पर अपना तेवर दिखाता है। कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए इन रेड लाइट एरिया पर छापामारी भी करता है।
पुलिस ने छापामारी में कई बार पाया है कि अवैध रूप से सेक्स वर्कर यह धंधा चलाती हैं। उन लड़कियों को भी कई बार बरामद किया गया है जो अपने मर्जी से इस धंधे में नहीं आना चाहती हैं।
नाम तो नहीं ले सकता अगर आग के रूप में आए हुए कई अच्छे घरानों के भी लड़के पकड़े गए हैं। बाद में पुलिस ने जमानत पर उसे छोड़ दिया है। हाल ही में पुलिस ने फारबिसगंज रेड लाइट एरिया पर छापामारी करके 13 सेक्स वर्कर सहित छह दलालों को हिरासत में लिया था।
किसी प्रकार गुलाब बाग रेड लाइट एरिया में भी पुलिस ने छापामारी करके 20 सेक्स वर्करों के साथ उनके 5 दलालों को हिरासत में लिया था।
Conclusion Point
निष्कर्ष रूप में, यह स्पष्ट है कि रेड लाइट क्षेत्र समाज का एक आवश्यक अंग हैं। वे यौनकर्मियों को अपना व्यवसाय करने और जीवनयापन करने के लिए एक सुरक्षित और सुरक्षित स्थान प्रदान करते हैं।
जबकि यह एक आदर्श स्थिति नहीं है, यह उस विकल्प से बेहतर है, जो इन महिलाओं के लिए सड़कों पर काम करना होगा। यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि ये महिलाएं भावनाओं और जरूरतों के साथ इंसान हैं, और उनके साथ सम्मान के साथ व्यवहार किया जाना चाहिए।
मेरे अनुसार प्रशासन एवं एन जी ओ को मिलकर Forbesganj Araria और Gulab Bagh Purnea Red Light Area काम करने की आवश्यकता है. हम लोग अपने लिए स्वस्थ समाज की कल्पना तभी कर सकते हैं, जब हम लोग पूरी तरह एड्स जैसी घातक बीमारी पर काबूू पा ले.
फोटो के साथ सही जानकारी दिया है, धन्यवाद
Hello