हिंदी शब्द का अर्थ क्या है? जाने से पहले हिंदी साहित्य का इतिहास आपके साथ साझा करना चाहता हूं। थोड़ा सा धीरज रखें और Conclusion Points तक ज़रूर पढ़ें।
हिंदी शब्द का अर्थ समझने के लिए यह भी समझना आवश्यक है की हिंदी और हिंदुस्तान में क्या संबंध है? थोड़ा हमें अतीत में जाना होगा हिंदुस्तान अपने देश नाम कैसे पड़ा था?
मध्ययुगीन काल में तुर्किस्तान व ईरान से कुछ मुस्लिम व्यापारी एवं लुटेरे भारत आए थे। भारत के संपन्न निवासियों को उन्होंने हिंदू नाम दिया था। धीरे धीरे हिंदुओं के देश से हिंदुस्तान नाम से भारत को दुनिया जानने लगा था।
हिन्दी, हिन्दू और हिन्दुस्तान, यह तीनों शब्दों उदय फारसी भाषा से हुआ है। 13वीं सदी में फारसी के प्रसिद्ध कवि औफी ने सर्वप्रथम ‘’हिन्दवी’’ शब्द का प्रयोग किया था। हिन्दवी का अर्थ “हिंदोस्तान की भाषा” है। जायसी ने 16वीं सदी में ‘’हिन्दवी’’ शब्द का प्रसार किया था। 17वीं आते आते हिन्दवी शब्द से हिन्दी शब्द प्रयोग प्रारंभ हुआ था।
जब 18 वीं सदी में अंग्रेजों का India आगमन हुआ तो वे (अंग्रेज ऑफिसर) हिन्दी बोलने वाले भारतीयों को हिंदुस्तानी की संज्ञा दे दी थी। कुछ विद्वान कहते हैं कि हिंदुओं के द्वारा बोले जाने वाली भाषा को हिंदी कहते हैं। हिंदी भाषा देश की सांस्कृतिक एकता, लोक चेतना एवं सामाजिक भाईचारे को बढ़ाने में अहम कड़ी है।
इन 5 शब्दों के पर्यायवाची को जरूर पढ़िए
? गंगा, बादल, हाथी, फल, यमुना ?
हिंदी शब्द का अर्थ क्या होता है?
हिंदी शब्द का अर्थ संज्ञा के दृष्टि से हिंदू एवं भारत वर्ष है। कुछ लोग Hindi को हिंदी लिखते हैं, इस तरह की लिखावट तब की जाती है जब इसका विशेषण के रूप में वर्णन किया जाता हो।
हिन्दी भाषा का उदय संस्कृत से हुआ है। दुनिया में सबसे पहले हिन्दी भाषा का उपयोग भारत वर्ष में हुआ था। हिंदू धर्म मानने वाले ज्यादातर लोगों ने इस भाषा को पहले अपनाया था, बाद में भारत के ज्यादातर लोग हिन्दी भाषा का उपयोग करने लगे थे। भारतीय मुसलमानों का हिंदी आज एक पसंदीदा भाषा बन चुके हैं।
भारत का मुख्य भाषा हिंदी है। लेकिन राष्ट्रभाषा हिन्दी को लेकर अभी भी असमंजस की स्थिति है। भारत के गृह मंत्री अमित शाह हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने की बात कह चुके हैं। हिन्दी को संवैधानिक रूप से भारत की प्रथम राजभाषा होने का गौरव प्राप्त है।
हिन्दी दुनिया का सबसे ताकतवर भाषा बनने के लिए जा रहा है। क्योंकि भारत दुनिया का सबसे बड़ा खुला बाजार है। अब विदेशी भी हिन्दी सीख रहे हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम जब भारत यात्रा में थे तो उन्होंने भारतीयों को हिंदी में ट्वीट किया था। हिंदी शब्द अर्थ जानने के बाद अब आपको हिंदी के कुछ कठिन शब्दों से परिचित करवाना चाहता हूं।
हिंदी के 100 कठिन शब्दों के मीनिंग को जरूर जान लीजिए
100 कठिन शब्द जो आपके लिए बहुत उपयोगी सिद्ध हो सकता है। जब आप हिंदी समाचार पत्र पढ़ते हैं या हिंदी समाचार टीवी पर देखते हैं, ऐसे शब्दों से आप का सामना हो जाता है। जिसके कारण आपको समझने में थोड़ी परेशानी जरूर होती होगी।
इन हिंदी कीवर्ड के जरिए भारतीय विद्यार्थी Google पर सर्च करते, जब वह किसी अच्छे लेख को पढ़ते हैं तो हिंदी के kathin shabd (100 कठिन शब्द in hindi) उसे परेशान कर देता है।
हिन्दी के कठिन शब्दों से सभी लोग परेशान हो जाते हैं। अगर कोई विद्यार्थी किसी भी परीक्षा में शामिल हो रहे हैं। जहां पर हिंदी लेखन का कार्य होता है। Hindi shabdarth के इन 100 शब्दों के प्रयोग से अपने लेखन को एक नया आयाम दे सकते हैं।
अंग्रेजी बोलने वालों के लिए Hindi सीखना एक कठिन भाषा है। हिंदी में कई कठोर शब्द हैं, और व्याकरण अंग्रेजी से काफी अलग है। हालांकि, कुछ अभ्यास से हिंदी सीखना संभव है। इस आकर्षक भाषा को सीखने में आपकी सहायता के लिए ऑनलाइन और प्रिंट में कई संसाधन उपलब्ध हैं।
हिंदी भाषा में कई कठिन शब्द हैं। इनमें से कुछ शब्दों का उच्चारण करना कठिन है, और कुछ का उच्चारण करना कठिन है।
हिंदी और हिन्दी में क्या अंतर है? आप दोनों ही प्रकार से hindi लिख सकते हैं दोनों ही सही हैं।
Kathin Shabd
Kathin शब्द का अर्थ क्या है? कुछ ऐसे शब्द होते हैं जिसे दूसरे भाषा लिया जाता हो या कम उपयोग होने वाले शब्द या लोगों के बीच में कम प्रचलित शब्दों को ही कठिन शब्द कहा जाता है.
कठिन शब्दों के मतलब जानने से ही हमें भाषा की सही जानकारी होती है. हमारी बोलचाल एवं लेखन कार्य में कठिन शब्दों का महत्वपूर्ण स्थान है. 100 से ज्यादा कठिन शब्दों को नीचे लिखा गया है. अगर आप इसे याद कर लेंगे तो आपका हिंदी का ज्ञान बढ़ जाएगा.
- अर्थवान – प्रयोजनयुक्त
- अवगत – जानकारी
- उजागार – प्रकट, प्रकाशित, सामने आना
- अखण्डता – खंडित न होनेवाला / नहीं बटने वाला
- आपूर्ति – भरना / संतुष्टि
- अभियान – दल बल सहित चल पड़ना / सैनिक आक्रमण, चढ़ाई
- श्रमजीवी – श्रम से जीविका चलानेवाला / मेहनत से जीविका चलानेवाला
- संवाहक – ले जानेवाला / वाहक
- प्रजातिया – जीव के विभिन्न प्रकार की जातियां
- निर्वाह – वहन करना / निबाहना
- पुख्ता – पक्का / मजबूत
- संवर्ग – अपनी ओर समेटना / अपने लिए बटोरना
- फीसदी – प्रतिशत / प्रति सैकड़ा / हर सैकड़े पर
- व्यापक – विस्तृत / चारों ओर फैला हुआ / छाया हुआ
- त्वरित – बहुत जल्द
- समीक्षा – अच्छी तरह देखने की क्रिया / छानबीन या जाँच-पड़ताल
- मानदेय – किसी कार्य / सेवा के बदले दिया जाने वाला धन
- निजात – छुटकारा पाना
- अंकक्षेण – बही खातों की जाँच / लेखा-परीक्षण
- प्रावधान – नियम / कानून / व्यवस्था / किसी कानून के साथ कोई शर्त रख देने का कार्य
- प्रायोजन – किसी व्यक्ति या व्यावसायिक समूह (कंपनी) द्वारा अपने उत्पाद के प्रचार हेतु कार्यक्रम
- प्रायोजक – रेडियो, दूरदर्शन आदि के कार्यक्रम को आर्थिक सहयोग देने वाली वह कंपनी जिसके बदले उसके उत्पादों का विज्ञापन किया जाता है।
- अहमियत – महत्व / गंभीरता / वजनदारी
- निस्तारण – निकालने की क्रिया / बंधनों से छुटकारा
- निवारण – रोकने, हटाने या दूर करने की क्रिया या अवस्था / निवृत्ति / छुटकारा / किसी को बढ़ने या फैलने से रोकना।
- वरीयता – रैंकिंग / वरीय होने का भाव / श्रेष्ठता / अधिमान्यता
- अवसंरचना – इंफ्रास्ट्रक्चर / मूलभूत भौतिक एवं संगठनात्मक संरचना
- चेतावनी – आगाह / धमकी
- संसाधन – काम की तैयारी / आयोजन / भरण-पोषण, विकास आदि की सामग्री।
- सघन – घना / गझिन / ठोस
- वृष्टि – आकाश से जल बिंदुओं का गिरना / वर्षा / बारिश
- भागीदारी – हिस्सेदारी
- विसर्जित – जिसका विसर्जन हुआ हो / त्यागा हुआ / छोड़ा हुआ
- सुमेलित – मिलता जुलता / मैचिंग
- भयावह – डरावना / भयानक स्थिति
- आंकड़ा – संख्या, विशेष रूप से जो आधिकारिक आंकड़ों का हिस्सा है या किसी कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन से संबंधित है।
- प्रविष्ट – जिसका प्रवेश हो चुका हो / अंदर गया हुआ / घुसा हुआ।
- पारदर्शिता – पदार्थों के आर-पार देखे जा सकने का गुण या क्षमता / ट्रांसपरेंसी।
- स्वावलम्बी – अपने ही सहारे पर रहनेवाला / सेल्फ मेड
- जबाबदेही – उत्तरदायित्व / जिम्मेदार
- विविरणात्मक – जो किसी प्रकार के विवरण से संबंध रखता हो और उसमें सहायक हो
- ज्ञापन – जताना, बताना / प्रकट करना।
- उपागम – पास आना / घटित होना।
- समन्वय – नियमित क्रम /संयोग।
- भूमिगत – छुप जाना / भूमि के अंदर छिपा
- विपणन – विक्रय / व्यापार
- वितरण – बांटना
- दोहन – प्राकृतिक संसाधनों, जैसे- वन्य संपदा या खनिज आदि का अनियंत्रित उपयोग / किसी का शोषण करना / लूटपाट
- अवरूद्ध – रुकावट / बाधा
- सहभागी – समान रूप से भागीदार / हिस्सेदार / साझीदार
- इतिश्री – समाप्ति / अंत / पूर्णता
- सर्वांगीण – जो सभी अंगों से युक्त हो / सभी अंगों से संबंधित / समस्त शरीर में व्याप्त।
- संक्रामक – जो रोग संसर्ग आदि से जल्दी फैलता है / जो हवा, पानी आदि के संक्रमण से फैलता है।
- परिकल्पना – मन में किसी बात को गढ़ लेना / ऐसी बात प्रस्तुत करना जो अभी प्रमाणित न हुई हो पर हो सकती हो।
- घनिष्ठ – निकटतम / समीप का / मित्रता।
- बीड़ा – ज़िम्मेदारी / भार / किसी बहुत कठिन काम करने के लिए किया गया सार्वजनिक संकल्प
- पंजीकरण – नाम की सूची में नाम का लिखा जाना
- निष्पादित – नियम, आदेश आदि के अनुसार किसी कार्य को निष्पन्न करना / तामील / एग्ज़िक्यूशन
- संप्रषेण – भेजना / पहुँचाना (जैसे—विद्युत् संप्रेषण, प्रकाश संप्रेषण)।
- विमर्श – विचार, विवेचन / परीक्षण।
- हितग्राहियों – लाभार्थी / ग्रैच्युटी के रूप में दिए गए, के रूप में, लाभार्थी उपहार।
- आधारभूत – मौलिक / आधारिक
- चुनिंदा – चुना हुआ / श्रेष्ठ / उत्तम।
- निगरानी – देख-भाल / निरीक्षण
- सहयोजित – सहायतार्थ मिलाया गया / आमेलित / जोड़ा हुआ / विनियुक्त।
- संचयन – संचय या एकत्र करने की क्रिया या भाव / जमा होना या इकट्ठा होना।
- सार्थक – जिसका कुछ अर्थ हो / किसी प्रयोजन या उद्देश्य को पूरा करने वाला
- जनकेन्द्रित – जनता के अनुसार / मुख्यतः जनता
- समेकित – एकीकृत / समेकन किया गया।
- समुदाय – समूह; झुंड़ / किसी समाज, वर्ग, जाति, बिरादरी आदि के लोगों का समूह।
- मुद्रित – मुहर किया हुआ / छापा हुआ
- पद्धति – एक विशेष प्रकार का तरीका / प्रविधि / प्रणाली / रिवाज रीति / तरीका / ढंग / शैली।
- सम्बल – सहारा / सहायक वस्तु।
- वनस्पतिक – ज़मीन से उगनेवाले पेड़, पौधे, लताएँ आदि
- अभिनव – बिल्कुल नया / आधुनिक ढंग का।
- श्राव – टपकना / क्षरण / बहाव
- प्रकोप – बहुत अधिक क्रोध का भाव / क्षोभ 7 बीमारी को बढ़ाने वाला ज़ोर / शरीर के वात, पित्त आदि में विकार होना जिससे रोग होते हैं।
- निर्वहन – निबाहना / निभाना
- संस्करण – शुद्ध करना / ठीक करना / दुरुस्त करना या सुधारना / पुस्तकों आदि की एक तरह की एक बार में होने वाली छपाई।
- पाबंद – किसी नियम, वचन, समय या सिद्धांत आदि का पूर्ण रूप से पालन करने वाला या मानने वाला।
- उपयुक्त – जैसा होना चाहिए वैसा / योग्य; उचित
- उन्नयन – ऊपर की ओर ले जाना या उठाना / उन्नति की ओर ले जाना।
- दूषित – गंदा
- स्वेच्छा – अपनी मर्जी से
- समागम – नज़दीक या पास आना / आगमन / सामने आना / मिलना / एकत्र होना
- बहुतायत – अधिक या बहुत होने का भाव / अधिकता / प्रचुरता
- संपादक – पुस्तक या सामयिक पत्र आदि को संशोधित कर प्रकाशन के योग्य बनाने वाला व्यक्ति / दैनिक पत्र आदि का संचालन या संपादन करने वाला व्यक्ति /एडिटर
- आकलन – । अनुमान / व्यय आदि के विषय में पहले से अनुमान लगाना।
- प्रवक्ता – अच्छी तरह समझाकर कहने वाला व्यक्ति
- सौजन्य – सुजन का भाव / उदारता / कृपा से
- असामाजिक तत्व – समाज के खड़ाब लोग / गुंडा
- विश्लेष्य – जिस वस्तु के अंगों को पृथक किया गया हो
- अनुसंधन – खोज
- तथ्य – सत्य, सच्ची बात
- प्रसार – फैलाव
- नैसर्गिक – स्वाभाविक, सहज
- विधि – कार्य करने का ढंग
- एकरूपता – समानता
- चिन्तन – विचार
- अनुसंधन – खोज।
पत्र लेखन के लिए इसे जरूर पढ़ें
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- औपचारिक व अनौपचारिक पत्र के 4 सैंपल
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Conclusion Points
Hindee यानी Hindi शब्द का अर्थ हिंद का निवासी होता है। हिंद भारत का प्राचीन नामों में से एक है। कुछ बने हिंदी साहित्यकारों ने हिंदी शब्द का अर्थ भारतीय बताया है यानि भारतीयों द्वारा बोली जाने वाली भाषा।
English का अर्थ अंग्रेजी होता है। उसी प्रकार Hindi शब्द का अर्थ Hindee होता है। लेकिन इसको लेकर विद्वानों की राय बटी हुई है। आप यह याद रखें कि हिंदी एक भाषा है।
हिंदी भाषा एवं व्याकरण से संबंधित ज्ञान को अगर आप अर्जित करना चाहते हैं? कृपया नीचे दिए गए सभी लिंक को एवं सेक्शन को Check कर लीजिए.
Apane bahut hi useful janakari share kiya hai please aap aise hi janakri share karte rahiye.