क्या आप Dialysis Process In Hindi शब्द को गूगल पर सर्च कर रहे हैं? डायलिसिस के प्रकार को जानना चाहते हैं? इससे संबंधित अन्य प्रश्नों के भी उत्तर आपको इस लेख में मिलेगा.
जब किसी मनुष्य का किडनी किसी भी कारण से खराब हो जाए तो उसे जिंदा रखने के लिए डायलिसिस किया जाता है. आइए विस्तार से डायलिसिस के प्रकार को जानते हैं.
Types Of Dialysis In Hindi
पेशेंट की आवश्यकता अनुसार अलग-अलग प्रकार की डायलिसिस की आवश्यकता होती है। इसलिए डायलेसिस करने का प्रोसेस भी भिन्न होता है।
डायलिसिस मुख्यतः पांच प्रकार के होते हैं जिनमें पहला तीन तरह का डायलिसिस सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है।
- हेमोडायलिसिस (Hemodialysis)
- पेरिटोनियल डायलिसिस (Peritoneal dialysis)
- हेमो फिल्ट्रेशन (Hemofiltration)
- हेमोडाएफिल्ट्रेशन (Hemodiafiltration)
- आंत डायलिसिस (Intestinal dialysis)
हेमोडायलिसिस (Hemodialysis) क्या होता है?
हेमोडायलिसिस किडनी के लिए किया जाता है इस तरह डायलिसिस में 4 घंटे का समय लगता है एक सप्ताह में दो से तीन बार किया जाता है।
हेमोडायलिसिस एक प्रक्रिया है जो मानव निर्मित झिल्ली (डायलज़र) का उपयोग करके, यूरिया को खून से निकाला जाता है।
पेरिटोनियल डायलिसिस (Peritoneal dialysis) क्या होता है?
गुर्दे फेल होने की स्थिति में पेरीटोनियल डायलिसिस किया जाता है। इस तरह के डायलेसिस में पेशेंट का पेट के परत को डायलज़र तौर पर इस्तेमाल किया जाता है।
पेशेंट के पेट के अंदर नरम ट्यूब डाला जाता है इसीलिए इसे पेरिटोनियल डायलिसिस कहते हैं।
हेमो फिल्ट्रेशन(Hemofiltration) कब किया जाता है?
जब गुर्दे किसी भी कारण से चोट लगता है, तो पेशेंट को आईसीयू में हेमोफिल्टरेशन उपचार के तौर पर किया जाता है।
हेमोडाएफिल्ट्रेशन (Hemodiafiltration) क्या होता है?
हेमो फिल्ट्रेशन का एडवांस रूप है हेमोडाएफिल्ट्रेशन, जिस में क्लीयरेंस मटेरियल मिलाया जाता है जो खून को ज्यादा साफ करने सक्षम होता है।
आंत डायलिसिस (Intestinal dialysis) क्या होता है?
आंतों के डायलिसिस में किसी मशीन का इस्तेमाल नहीं होता इसमें रोगी के भोजन में बबूल का सेवन के साथ सूक्ष्मजीवों और घुलनशील फाइबर उपयोग कर के आंतों के रास्ते खून की सफाई की जाती है।
डायलिसिस मशीन कैसे काम करता है?
डायलिसिस मशीन को एक कृत्रिम किडनी के रूप में माना जा सकता है। ऊपर आपने तीन फोटो में डायलिसिस की मशीन को देखा होगा जिस से यह प्रतीत होता है कि तीनों ही मशीन अलग तरीके का है।
इन तीनों मशीनों में एक चीज कॉमन है वह है डायलिसिस करने वाला फिल्टर जो मानव के द्वारा बनाया गया है। यह फिल्टर अल्ट्रा फिल्ट्रेशन करने में सक्षम है जो खून में यूरिया एवं यूरिक एसिड जैसे विषैले पदार्थ को खून से हटा देता है।
पेशेंट के व्हेन से ब्लड निकाला जाता है. जब की आटरी में साफ खून मशीन के द्वारा डाला जाता है।
भारतीय बाजार में Dialysis Machine की कीमत 20 लाख से 25 लाख के बीच है लेकिन जो इंपॉर्टेंट होते हैं उसका दाम लगभग 50 लाख के आस-पास होता है।
डायलिसिस की क्वालिटी यानी गुणवत्ता डॉक्टर की कुशलता एवं मशीन की क्वालिटी पर निर्भर करता है।
Conclusion Point
सारांश – डायलिसिस पांच प्रकार के होते हैं. मरीज के कंडीशन के अनुसार डॉ डिसाइड करते हैं कि किस टाइप का डायलिसिस किया जाए. लेकिन आपके लिए यह जानना अति आवश्यक है.
आज आपने Dialysis Process In Hindi में पढ़ा और उसमें जाना की डायलिसिस के कितने प्रकार होते हैं. यह लेख आपको कैसा लगा जरूर बताइएगा.
FAQs
किडनी डायलिसिस क्या है?
उत्तर: किडनी डायलिसिस एक तरह का उपचार है जिसमें एक मशीन का सहारा लिया जाता है जो किडनी की कार्यक्षमता के कारण जमा होने वाले विषैले तत्वों को शरीर से निकालता है।
किडनी की बीमारी क्या होती है?
उत्तर: किडनी की बीमारी वांकम से शुरू होकर, उनके सामान्य कार्यों में कमी का कारण बन सकती है, और इसे किडनी की सामान्य कार्यों के असफल हो जाने की स्थिति के रूप में देखा जा सकता है.
किडनी की खराबी क्या होती है, और उसके क्या लक्षण होते हैं?
उत्तर: किडनी की खराबी किडनी के सामान्य कार्यों को अच्छी तरह से नहीं करने की स्थिति है और इसके साथ उल्टी, वामन, खून की मिश्रण वाले मूत्र, सूजन, थकान, और हाड़ों में दर्द जैसे लक्षण हो सकते हैं।