इस आर्टिकल के जरिया हम जानेंगे कि, 2024 में बिहार का सबसे छोटा जिला कौन है? इस जिले से जुड़ी और बिहार से जुड़ी और भी कई अहम जानकारी इस आर्टिकल के माध्यम से आपको मुहैया की जा रही है। जो आपके किसी भी परीक्षा के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं।
बिहार हिन्दुस्तान का एक प्राचीन राज्य है। जो भारत के उत्तर- पूर्वी भाग में स्थित है। बिहार का पुराना नाम मगध था। बिहार की राजधानी पटना है जो एक समय में पाटलिपुत्र के नाम से जाना जाता था। पटना बिहार रियासत का सबसे बड़ा शहर और बिहार के 9 कमिश्नरी में एक कमिश्नरी भी है।
22 मार्च 1912 को बिहार की स्थापना हुई। नेपाल बिहार के उत्तर में, झारखंड दक्षिण में, पश्चिम बंगाल पूरब में तथा पश्चिम में उत्तर प्रदेश है।
Population के हिसाब से हिन्दुस्तान में बिहार 3rd position पर और area के हिसाब से 12th position पर लेकिन literacy rate में सबसे last position पर है।
बिहार का सबसे छोटा जिला कौन सा है?
बिहार के 38 डिस्ट्रिक्ट में सबसे छोटा डिस्ट्रिक्ट शिवहर और शेखपुरा है। क्षेत्रफल की दृष्टि (area) से सबसे बड़ा डिस्ट्रिक्ट रोहतास और आबादी (population) के लिहाज से सबसे बड़ा डिस्ट्रिक्ट पटना है।
क्षेत्रफल की दृष्टि से, बिहार का सबसे छोटा जिला कौन है?
क्षेत्रफल (रकबा) की दृष्टि से बिहार का सबसे छोटा जिला शिवहर है जिसका क्षेत्रफल 443 स्क्वायर किलोमीटर है।
इस 443 स्क्वायर किलोमीटर पर 6,56,916(2011 के अनुसार) लोगों की आबादी है। यहाँ का literacy rate 53.78% है। साक्षरता दर में बिहार में इसका स्थान 32 वां है।
यह जिला तिरहुत कमिशनरी (प्रमंडल) के तहत (अंतर्गत) आता है। इस डिस्ट्रिक्ट के तहत 5 ब्लॉक आते हैं। यह पहले मुजफ्फरपुर फिर सीतामढ़ी का हिस्सा रहा है। यहां पर मुख्य रूप से बज्जिका और हिंदी भाषा बोली जाती है।
शिवहर के बाद Area wise दूसरा सबसे छोटा जिला अरवल है जो 637 स्क्वायर किलोमीटर पर है और इसकी कुल आबादी 6,99,000 (2011 के अनुसार) है। इसका literacy rate 67.43% है।
बिहार का क्षेत्रफल की दृष्टि से तीसरा सबसे छोटा जिला शेखपुरा है यहां 689 स्क्वायर किलोमीटर पर 6,34,927 (2011 के अनुसार) लोग रहते हैं। इस जिले का साक्षरता दर 63.67% है।
जनसंख्या की दृष्टि से, बिहार का सबसे छोटा जिला कौन सा है?
जनसंख्या (आबादी) की दृष्टि से बिहार का सबसे छोटा जिला शेखपुरा है जिसकी जनसंख्या 6,34,927 (2011 के अनुसार) है और इसका क्षेत्रफल 689 स्क्वायर किलोमीटर है।
शेखपुरा का नाम बिहार में साक्षरता दर के अनुसार 16th position पर आता है जिसका literacy rate 63.67% है। यह मुंगेर कमिशनरी (प्रमंडल) के तहत (अंतर्गत) आता है। इस जिले के अंतर्गत 6 ब्लॉक हैं।
31 July 1994 को इसे मुंगेर से अलग कर के नया जिला बनाया गया। हिंदी उर्दू और मगधी की मुख्य भाषा है। इस जिले का लिंगानुपात 926 है।
शेखपुरा डिस्ट्रिक्ट के उत्तर में पटना और नालंदा जिला है दक्षिण में जमुई जिला है और पूरब में लखीसराय जिला है पश्चिम में नवादा जिला है।
Population wise दूसरा सबसे छोटा जिला शिवहर है। 443 स्क्वायर किलोमीटर यहाँ का area और 6,56,916 (2011 के अनुसार) लोगों की यहाँ आबादी है। इस डिस्ट्रिक्ट का literacy rate 53.78% है।
जनसंख्या की दृष्टि से बिहार का तीसरा सबसे छोटा जिला अरवल है। जहां 637 स्क्वायर किलोमीटर पर कुल आबादी 6,99,000 (2011 के अनुसार) है। यहां का साक्षरता दर 67.43% है।
बिहार के 38 जिलों में से सबसे छोटा जिला कितना बड़ा है?
प्रश्न है कि बिहार के 38 जिलों में सबसे छोटा जिला कितना बड़ा है यानी कि बिहार के सबसे छोटे जिले का क्षेत्रफल कितना है?
सबसे छोटा जिला रकबा (area) के हिसाब से शिवहर है जिसका area 443 वर्ग किलोमीटर है। आबादी के हिसाब से यह डिस्ट्रिक्ट 37th position पर और साक्षरता दर के अनुसार बत्तीसवें स्थान पर है।
अरवल area wise दूसरा सबसे छोटा जिला है और यह 637 स्क्वायर किलोमीटर पर है। Population wise इस district का शुमार 36th position और literacy rate wise 9th position पर होता है।
शेखपुरा क्षेत्रफ़ल की दृष्टि से तीसरा सबसे छोटा जिला है और इस जिले का क्षेत्रफल 689 वर्ग किलोमीटर है। साक्षरता दर के अनुसार इस जिले का का स्थान बिहार में 16th है और जनसंख्या के अनुसार इसका अंतिम स्थान है यानी सबसे कम जनसंख्या शेखपुरा जिले की है।
लखीसराय बिहार का क्षेत्रफल और जनसंख्या दोनों के अनुसार चौथा सबसे छोटा जिला है। Area & population दोनों में इसका position 34th है। यह डिस्ट्रिक्ट 1229 वर्ग किलोमीटर पर फैला हुआ है। यहाँ की कुल आबादी 10,00,912 है। 62.42% literacy rate के हिसाब से यह बिहार में 20वें position पर गिना जाता है।
मुंगेर क्षेत्रफल के आधार पर पांचवा सबसे छोटा जिला है। जबकि जनसंख्या के आधार पर पांचवा सबसे छोटा जिला जहानाबाद है इसका literacy rate 66.80% है.
Literacy rate wise यह bihar में 10th position पर है। इसका area 1569 Square kilometer और इसका population (2011 के अनुसार) 11,25,313 है।
मुंगेर में 1419 Square kilometer पर 13,67,765 लोग बसे हुए हैं। यहां का literacy rate 70.46% है। साक्षरता दर में यह बिहार में चौथे स्थान पर आता है।
बिहार के सबसे छोटे जिले के बारे में यह जरूर जान लीजिए।
बिहार का सबसे छोटा जिला शिवहर और शेखपुरा है। शिवहर क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे छोटा जिला है जबकि शेखपुरा जनसंख्या की दृष्टि से सबसे छोटा जिला है।
शिवहर
6 अक्टूबर 1994 को शिवहर जिला बना। यह तिरहुत प्रमंडल का सबसे छोटा जिला है शिवहर का एकमात्र अनुमंडल शिवहर ही है।
यह बिहार का सबसे गरीब जिला है। जीवन यापन का मुख्य साधन कृषि है। यह बाढ़ प्रभावित जिला है। यह एक साफ सुथरा और हरा भरा जिला है। यहां ज्यादातर टीक और कदंब के पेड़ मिलते हैं। इस जिले में एक जगह देकुली है जो यहां का पवित्र स्थान है।
शिवहर पूर्व में मुजफ्फरपुर का अंग था फिर यह सीतामढ़ी का हिस्सा रहा। महाजनपद दौर में यह डिस्ट्रिक्ट वैशाली के बज्जिसंघ का भाग था। इसके बाद यह मगध सल्तनत का हिस्सा बना।
Geographical point of view से यह तिरहुत कमिश्नरी का अंग रहा है। जब ब्रिटिश आए तो यह बंगाल का फिर रियासत बिहार का अंग बना। जब तिरहुत 1908 में कमिश्नरी बना तो यह मुजफ्फरपुर डिस्ट्रिक्ट का भाग बना. 6 अक्टूबर 1994 को इस डिस्ट्रिक्ट को स्वतंत्र रूप से जिले का दर्जा मिला।
शेखपुरा जिला
31 जुलाई 1994 में मुंगेर जिले को विभाजित कर के शेखपुरा को एक नया जिला बनाया गया। बिहार के दक्षिण हिस्से में स्थित है। National Highway 333A के किनारे यह डिस्ट्रिक्ट बसा हुआ है।
माना जाता है कि आज से 600 साल पहले एक महान सूफी संत मखदूम शाह शोएब रहमतुल्लाह आलेह ने शेखपुरा की स्थापना की। घने जंगलों को काट वहां बस गए और शेख साहब के नाम पर ही जिले का नाम शेखपुरा पड़ा। अभी भी इस जिले में मुस्लिम आबादी काफी है।
एक मशहूर अफगानी राजा शेरशाह सूरी ने पानी की कमी के वजह से एक ‘दल कुआं’ का निर्माण करवाया। जो मौजूदा दौर में भी इसी नाम से मशहूर है कहा जाता है कि इस कुएं के पानी से दाल कम वक्त में बनकर तैयार हो जाता था और काफी मजेदार भी बनता था।
मुगल दौर में शेखपुरा को थाना बनाया गया था। अंग्रेजों के हूकुमत के दौरान इसको मुख्य पुलिस स्टेशन बनाया गया और स्वतंत्रता के बाद यह ब्लॉक बना। 14 अप्रैल 1983 को इसे sub division का स्थान मिला। 31 जुलाई 1994 को शेखपुरा का नाम District list में आ गया।
बिहार की राजधानी पटना किस जिले में आता है?
बिहार की राजधानी पटना, पटना जिले के अंतर्गत ही आता है यह बिहार की राजधानी के साथ-साथ बिहार का सबसे बड़ा शहर भी है और जनसंख्या की दृष्टि से बिहार का सबसे बड़ा जिला पटना भी है।
बिहार के 9 कमिश्नरी में एक कमिश्नरी पटना भी है। उच्च न्यायालय भी पटना में है। बिहार में साक्षरता दर के अनुसार पटना का नाम 2nd position पर दर्ज है।
पटना प्रमंडल के अंतर्गत 6 जिले आते हैं। इसका का मुख्यालय पटना है।, पटना के अंतर्गत 23 ब्लॉक और 322 पंचायत है। पटना की जनसंख्या 2011 के अनुसार
58, 38, 465 है तथा इसका क्षेत्रफल 3202 वर्ग किलोमीटर है। पटना का साक्षरता दर 83.37% है तथा लिंगानुपात 980 है।
पटना को पहले पाटलिपुत्र के नाम से भी जाना जाता था। यह गंगा नदी के किनारे स्थित है। हिंदी यहाँ की मुख्य भाषा है। सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह का जन्म पटना में ही हुआ था इसलिए पटना सिखों के लिए पवित्र स्थल है।
Conclusion Points
इस आर्टिकल के जरिया हमें यह पता लगा कि बिहार का जनसंख्या एवं क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे छोटा जिला कौन है।
इन जिलों का इतिहास, इसकी स्थापना कब हुई, यहाँ का area, population, literacy rate & language तथा area wise, population wise & literacy rate wise बिहार में ये सब जिले किस स्थान पर हैं और इन जिलों से संबंधित और बिहार की राजधानी पटना जिले से जुड़ी बहुत सारी अहम जानकारियां हमने प्राप्त की हैं।