भारत का नाम इंडिया कैसे पड़ा? इसके पीछे इतिहास-कारों का कई मत हैं। इंडिया शब्द आज़ादी के बाद ज्यादा प्रसिद्ध हुआ है।
अँग्रेज़ जब भारत आए थे उसे भारत या हिन्दुस्तान के नाम के उच्चारण में कठिनाई होती थी। ब्रिटिश अधिकारी ज्यादातर बोलचाल में भारत को इंडिया के नाम से पुकारते थे।
अंग्रेजी भाषा के लिखावट में भी इंडिया शब्द का प्रयोग करते थे। आज़ादी के समय ब्रिटिश सरकार के साथ कागज़ी आदान-प्रदान में भी इंडिया शब्द का ज्यादा प्रयोग हुआ करता था।
Big Breaking News: पार्लियामेंट की पांच दिनों की विशेष सत्र 18 सितंबर से शुरू होने की तैयारी में है और सरकार से एक बड़े फैसले के संभावना होने के बारे में काफी अपेक्षा है। यूनियन सिविल कोड (UCC) और ‘एक देश, एक चुनाव’ के बाद एक और अनुमान लगा है, जिसका संकेत संविधान में अनुच्छेद 368 के तहत हमारे देश के नाम के आधिकारिक परिवर्तन की ओर है, जिसमें ‘India’ से ‘भारत’ का बदलाव किया जाएगा।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 1 में हमारे देश को ‘भारत, जो है India” कहा गया है, जो कि ‘राज्यों का संघ’ है। नाम का चयन संविधान सभा द्वारा किया गया था, जिसमें कुछ सदस्य नाम India’ रखना चाहते थे और कुछ लोग इसे भारत रखने की बात कर रहे थे।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने कई बार कहा है कि वे ‘भारत’ नाम की ओर झुकते हैं। उन्होंने अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में 2022 में नागरिकों से कुछ प्रतिज्ञाएँ लेने की भी अपील की, जिसमें गुलामी के निशानों को मिटाने की भी बात थी। India’से भारत नाम में परिवर्तन नाम के स्वीकृति की संकेत के रूप में कार्य कर सकता है, जो हमारे देश की सांस्कृतिक पहचान को गले लगाने के प्रतीक के रूप में कार्य कर सकता है।
इस प्रत्याशा के चारों ओर चर्चाओं के बारे में गुनगुनाहट को दो घटनाओं ने सामर्थन दिया – एक है असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा की हाल की ट्विटर पर पोस्ट, जिनमें उन्होंने कहा, “रिपब्लिक ऑफ भारत – गर्व और खुशी है कि हमारा सभ्यता अमृत काल की ओर साहसपूर्ण रूप से बढ़ रहा है।”
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अपने देश का नाम भारत कैसे पड़ा, थोड़ा इसका इतिहास जान लीजिए
पहले यह जान ले कि भारत के वर्तमान और प्राचीन कितने नाम हैं। वर्तमान समय में तीन नाम हैं – भारत, इंडिया एवं हिन्दुस्तान के नाम से प्रसिद्ध है। जबकि संविधान में भारत-वर्ष शब्द का प्रयोग हुआ है।
लेकिन प्राचीन समय में अन्य नामों से भी भारत को जाना जाता था। भारत को कई नामों से जाना जाता है, जिसमें मुख्य नाम यह हैं –
- भारत
- इंडिया
- हिन्दुस्तान
- आर्यावर्त
- जंबूद्वीप
- भारतखण्ड
- हिन्द।
Bharat Ka Naam Kaise Pada?
भारत नाम कैसे पड़ा था? उससे पहले इन नामों के बारे में भी संक्षेप में जान लें। ताकि आप अपने प्रतियोगिता परीक्षा के सभी प्रश्न को सफलतापूर्वक हल कर सके।
इंडिया
इंडिया नाम कैसे पड़ा, इण्डिया शब्द की उत्पत्ति सिंधु नदी (इंडस वैली) से हुआ है। इस शब्द को सबसे ज्यादा यूनानियों ने प्रचलित बनाया था।
इंडिया शब्द की उत्पत्ति ‘इंडस’ नाम शब्द से हुआ है। ‘इंडस’ शब्द का उदय इंडस वैली से हुआ है, जो सिंधु नदी का नाम हुआ करता था।
कुछ इतिहास-कारों का मानना है कि जब अलेक्जेंडर भारत आये थे। उन्होंने भारत की जगह INDU शब्द का प्रयोग किया था। लेकिन इतिहास के पन्नों को देखें तो इंडिया शब्द का उदय सिंधु नदी से हुआ है। क्योंकि सिंधु नदी को इंडस वैली कहा जाता था।
भारत को सभ्यताओं का देश कहा जाता है। दुनिया में सबसे पहले सभ्यता यहीं पर जन्म लिया था। हमारी सभ्यता का नाम सिंधु घाटी था। जो सिंधु नदी के पास था। सिंधु नदी का दूसरा नाम इंडस वैली था। जिसके कारण अपने देश का नाम इंडिया पड़ा।
Bharat Ka Naam Bharat Kaise Pada?
भारत नाम कैसे पड़ा था ? जैन धर्म मानने वालों कहते हैं कि भरत चक्रवर्ती सम्राट नाम पर भारत देश का नाम पड़ा है। हिंदू ग्रंथ स्कन्ध पुराण के अनुसार माना जाता है कि ऋषभ के पुत्र भरत के भारत का नाम भारत-वर्ष पडा़ था।
हिंदुस्तान
हिंदुस्तान नाम कैसे पड़ा? मध्ययुग में तुर्किस्तान एवं ईरान से कुछ मुस्लिम व्यापारी एवं लुटेरे भारत आए थे। यहाँ के संपन्न स्थानीय निवासियों को उन्होंने हिंदू नाम दिया था। बाद में हिंदुओं के देश के नाम से प्रचलित हो गया। हिंदुस्तान शब्द का भी उसके साथ ही उदय हुआ था।
आर्यावर्त
आर्यावर्त भारत का सबसे पुराना नाम माना जाता है। कहा जाता है कि आर्यों के आगमन से पहले यहां पर मनुष्य नहीं रहते थे। उन्होंने ही लोगों को यहाँ पर बसाया था। इसीलिए इस देश का नाम उस समय आर्यावर्त पड़ा था।
जम्बूद्वीप
धार्मिक वेदों मान्यताओं के अनुसार, धरती पर पहले सात द्वीप हुआ करता था। जिसमें जम्बू इन सातों दीपों के बीच में स्थित था। इसी दीप के नाम पर कभी भारत का नाम जम्बूद्वीप हुआ करता था।
भारतखण्ड
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जंबूद्वीप के नौ खंड थे। जिसमें एक खान का नाम भारत था। इसी खण्ड के नाम पर कभी भारतखण्ड नाम हुआ करता था।
हिन्द
हिंद नाम सिंध का एक विकृत संज्ञा है। कहा जाता है कि सिंधु में स के जगह ह का उच्चारण के कारण हिन्द नाम पड़ा था। जिस का अधिकारिक कोई साक्ष्य नहीं है।
Conclusion Point
प्राचीन भारत: भारत का प्राचीन इतिहास आकर्षक और जटिल है। इस इतिहास को बनाने वाले कई अलग-अलग काल और राजवंश हैं, और प्रत्येक की अपनी अनूठी कहानी है।
प्रारंभिक वैदिक काल से लेकर मौर्य साम्राज्य के उदय तक, भारत के अतीत के बारे में जानने के लिए बहुत कुछ है। यह इतिहास दिलचस्प पात्रों, महत्वपूर्ण क्षणों और महत्वपूर्ण घटनाओं से भरा है जिन्होंने भारत को आज के देश में आकार दिया है।
समृद्ध संस्कृति और लंबे समय से चली आ रही परंपराओं के साथ भारत का प्राचीन इतिहास आकर्षक है। ऐसा माना जाता है कि भारतीय उपमहाद्वीप के पहले निवासी सिंधु घाटी सभ्यता थे, जो लगभग 3300 ईसा पूर्व की है।
इसके बाद वैदिक काल आया, जिसके दौरान हिंदू धर्म का विकास हुआ। लगभग 1500 ईसा पूर्व से, इस क्षेत्र पर मौर्य, गुप्त और कुषाण साम्राज्यों सहित कई शक्तिशाली साम्राज्यों का शासन था।
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