क्या आप बाढ़ प्रभावित क्षेत्र से हैं या आप किसी बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में जाने की सोच रहे हैं? Baadh Se Bachane Ke Upaay Kiya Hai?
आइए आज साइंटिफिक जानकारी लेते हैं? बाढ़ जैसी आपदा से बचने के अनेक उपाय के बारे में इस आर्टिकल में जानेंगे.
मुझे पता है कि आप को बाढ़ से बचने के देसी उपाय आते ही होंगे। इस लेख में उन उपायों को शामिल किया गया है जो साइंटिफिक है या कोई फ्लड डिजास्टर संस्था ने जारी किया है।
बाढ़ से बचने के उपायों को दो भागों में बांटा गया है
- बाढ़ से बचने के तत्कालीन उपाय
- बाढ़ से बचने के दीर्घकालीन उपाय।
पहले बाढ़ से बचने के तत्कालीन उपाय को जान लीजिए
आप अचानक बाढ़ क्षेत्र में फंस जाते हैं। आप जहां पर रह रहे हैं अचानक वहां पर बाढ़ आ जाए तो क्या करें क्या ना करें। समझने के लिए ध्यान से पढ़ें।
सुरक्षित स्थान का चयन
बाढ़ का समाचार सुनते ही सबसे पहला काम होता है कि आप यह तय करें कि आप जिस स्थान पर है वह कितना सुरक्षित है। अगर वह स्थान सुरक्षित नहीं है तो सुरक्षित स्थान पर जाने की तैयारी शुरू कर दें।
बच्चों, बूढ़ों एवं महिलाओं को सबसे पहले सुरक्षित स्थान पर भेज दें।
सामानों को इकट्ठा कर लें
आप हर खाने-पीने की जरूरी सामान एवं दवाइयों को इकट्ठा कर ले। याद रखें सैलाब में जब आप अपने घर को छोड़कर जाते हैं तो वहां पर चोरी होने के भी चांसेस बहुत ज्यादा होता है।
अपने कीमती सामान एवं जरूरी कागजात को अपने साथ रखें या उसे उचित स्थानों पर छुपा दें। इमरजेंसी की तैयार कर लें, आपके अमरजनसी कीट में यह सामान जरूर होनी चाहिए।
- टार्च और अतिरिक्त बैटरियाँ (सेल)
- बैटरी-चालित रैडियो/ट्रान्सिस्टर एवं मोबाइल फोन
- प्लास्टिक एवं तिरपाल
- वाटर जैकेट या हवा डाला हुआ ट्यूब
- रस्सी, काटने के लिए चाकू
- खाने के लिए सूखा सामान
- बैन्डेज़, गौज़, कटने-जलने की दवा
- पेट खराब, बुखार, दर्द इत्यादि की दवा
- पीने की पानी का बोतल।
घर छोड़ने की तैयारी में रखें इन बातों का ध्यान
घर छोड़ने से पहले घर के सामान को सही जगह पर रख दें। अगर आपको लग रहा है कि पानी घर के अंदर आ जाएगा तो। सामान खराब होने का चांस हो तो उसे आप बेड पर या बड़े टूलो पर रख दें या अगर आपके मकान में छत हो तो वहां पर रख दें।
घर को पूरी तरह बंद कर दें। सम्मान का मोह ना करें अगर आपका जान बच जाएगा तो हजार उपाय है।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्र से सुरक्षित स्थान कैसे पहुंचे?
जब आप अपने घर से निकलते हैं तो आपके साथ महिला और बच्चें भी होते हैं। आप देख लें कि आप में से कितने लोग पानी में तैर सकते हैं।
जब आप तेज बहाव वाले पानी को पास करते हैं तो सावधानी बरतें। सभी लोग एक दूसरे का हाथ पकड़कर चलें या रस्सी का उपयोग करें। धीरे धीरे चलने की कोशिश करें क्योंकि पानी का बहाव तेज हो सकता है।
अगर आपका पैड़ फिसला तो आपकी पूरी टीम पर मुसीबत आ जाएगा। एक पैर को पूरी तरह स्थिर करने के बाद भी दूसरे पैर को उठाएं।
अगर जिस रास्ते को आप पास करना चाहते हैं और वहां पर पानी का बहाव तेज है उसके साथ पानी का ऊंचाई अगर 3 फीट से ज्यादा हो तो उस मार्ग पर नहीं जाएं।
पानी की ऊंचाई मापने के लिए लड़की का प्रयोग करें। पहले लड़डी को आगे रखें तब पैड़ को आगे बढ़ाएं ताकि आपको पता चल जाए आगे पानी कितना है।
सुरक्षित स्थान पर पहुंचने के बाद, आपको यह काम जरूर कर लेना चाहिए
अगर आप किसी रिश्तेदार के यहां रुकते हैं तो उस बात का सुनिश्चित कर लें कि आप उस पर बोझ तो नहीं बन रहे हैं।
अगर आप किसी सड़क या सरकारी भवन में रुकते हैं तो सबसे पहले तंबू या सोने की जगह का चयन कर लें उसके बाद खाना कैसे पकाएं या क्या खाएं उस समान को इकट्ठा कर लें।
इस दौरान बच्चों को पर्याप्त मात्रा में पीने का पानी देते रहें। क्योंकि इस बार के समय हवा में हुमिड्यूटी ज्यादा होता है। जिससे बच्चे को डिहाइड्रेशन होने का खतरा ज्यादा रहता है।
स्वास्थ्य का रखें ध्यान
बाढ़ के समय दूषित खाना खाने से बीमारी होने का खतरा होता है। इसीलिए सूखे खाने का प्रयोग करें और पानी को हमेशा गर्म कर कर ही पीने की कोशिश करें।
सांप बिच्छू व मच्छरों से बचने के उपाय जरूर करें। अगर किसी को तेज बुखार हो या उल्टी-दस्त होने पर डॉक्टरों से सलाह जरूर लें।
बाढ़ के समय अगर आप अपने घर में रहते हैं तो यह सावधानियां जरूर बढतें
अपने सोने की जगह को सुनिश्चित कर लें। क्योंकि जहां पर आप सो रहे हैं वहां पर कोई बड़ा सामान गिरने के चांसेस तो नहीं है।
अगर घर के अंदर पानी घुस जाए तो पलंग पर पलंग डाल कर सुरक्षित जगह बना सकते हैं। अगर आपका घर एक मंजिल का है और पानी घर के अंदर भर जाए तो आप छत पर चला जा चले जाएं।
अगर बारिश हो रही हो तो बचने के लिए तिरपाल का उपयोग करें और अपने लिए जरुरी सामान को भी ऊपर ले आए।
याद रखें आपकी तरह ही सुरक्षित स्थान चाहिए होता है जहरीले सांपों एवं बिच्छूओं को, उससे अपने आप को सुरक्षित करें रात में सभी परिवार के लोग एक साथ ना सोए।
जगे हुए व्यक्ति की जिम्मेदारी होती है कि वह सब किसी का देखभाल करते रहे। कोशिश करें कि हर घंटे का समाचार बुलेटिन को सुना करें या इंटरनेट से भी समाचार प्राप्त कर सकते हैं।
बाढ़ से बचने के उपाय दीर्घकालीन उपायों को अपनाकर अपने जिंदगी और धन को बचा सकते हैं
आप चाहते हैं कि आपके क्षेत्र में आने वाले वर्षों में बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा ना आए। सबसे पहले हमारा कर्तव्य होता है कि हम पर्यावरण का संरक्षण करें।
दूसरा करता हूं सरकार का होता है कि वह बाढ़ से बचने के लिए दीर्घकालिक उपाय खोजे। अगर इमानदारी से हम, आप और सरकार मिलकर प्रयास करें तो हम लोग बाढ़ से बचने के उपाय को जरूर खोज सकते हैं।
पर्यावरण को दुरुस्त करने की जरूरत
जलवायु परिवर्तन के कारण असमान्य मानसून की बारिश से बाढ़ खतरा उत्पन्न होता है। अपने भारत देश में किसी स्थान पर मानसून का बारिश जरूरत से ज्यादा हो जाता है तो कहीं पर समान्य से बारिश बहुत कम होता है।
जिस क्षेत्र में ज्यादा मानसून की बारिश होता है वहां पर बाढ़ जाए जैसे हालात बन जाते हैं।
नदियों का राष्ट्रीयकरण
भारत के सबसे बड़े वैज्ञानिक डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम ने सुझाव दिया था कि भारत के सभी नदियों को एक साथ जोड़ा जाना चाहिए।
जिस पर तटबंध एवं बांध का निर्माण किया जाना चाहिए। भारत के किस क्षेत्र में पानी की बहुत ज्यादा किल्लत है तो किसी क्षेत्र में जोर से बहुत ज्यादा पानी है।
अगर सभी नदियों को जोड़ दिया जाए तो भारत में कहीं पर पानी ज्यादा नहीं होगा या कहीं पर पानी का कभी भी नहीं होगा जिससे बाढ़ जैसे हालात भी उत्पन्न नहीं होंगे।
नेपाल से आने वाले पानी का खोजना होगा हमें हल
जब कभी नेपाल में भारी बारिश होती है तो बिहार और उत्तरप्रदेश के लोगों का धड़कन बढ़ जाता है। क्योंकि अक्सर देखा गया है कि वहां पर जब कभी भारी बारिश होता है तो इन क्षेत्रों में सैलाब का सितम रहता है।
राजनीतिक कारण चाहे जो भी हो हमें सोचना पड़ेगा कि नेपाल का पानी भारत तक ना आए या आए भी तो हम उसको सही से संचालित कर सकें।
नहर का निर्माण करने की जरूरत
नहर का पहला फायदा तो यह है कि सिंचाई के लिए किसानों को सस्ता पानी उपलब्ध होता है। उसके साथ रिहायशी क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा भी कम हो जाता है। क्योंकि यह एक बांध का भी काम करता है।
बाढ़ के समय क्या नहीं करना चाहिए
बाढ़ खतरनाक और अप्रत्याशित हो सकती है, जिससे बड़े पैमाने पर संपत्तियों का विनाश हो सकता है और यहां तक कि मौतें भी हो सकती हैं। जब बाढ़ आती है, तो कुछ ऐसी गतिविधियों से बचना आवश्यक है जो आपके जीवन को जोखिम में डाल सकती हैं। हम कुछ ऐसे कामों पर प्रकाश डालेंगे जो आपको बाढ़ के दौरान करने से बचना चाहिए।
सबसे पहले, कभी भी बाढ़ वाले क्षेत्रों को पैदल या वाहन से पार करने का प्रयास न करें। बाढ़ का पानी आमतौर पर तेजी से बहता है और लोगों और वाहनों को आसानी से बहा ले जा सकता है।
यदि आपको बाढ़ के दौरान इधर-उधर जाना है, तो निर्दिष्ट निकासी मार्गों का उपयोग करें या आपको सुरक्षित स्थान पर ले जाने के लिए आपातकालीन सेवाओं की सहायता की प्रतीक्षा करें।
दूसरे, बाढ़ के पानी में चलने से बचें क्योंकि इसमें हानिकारक प्रदूषक जैसे सीवेज या अन्य खतरनाक पदार्थ हो सकते हैं। पानी नुकीली वस्तुओं जैसे खतरों को भी छुपा सकता है जो आपको घायल कर सकते हैं। बाहर निकलने से पहले जब तक पानी पूरी तरह से कम न हो जाए, तब तक घर के अंदर रहना सबसे अच्छा है।
बाढ़ के दुष्परिणामों एवं बचाव के उपायों को बताएँ
बाढ़ दुनिया भर में सबसे आम प्राकृतिक आपदाओं में से एक है। वे संपत्ति, बुनियादी ढांचे और मानव जीवन को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं।
बाढ़ के प्रभाव विनाशकारी होते हैं क्योंकि इससे घरों का नुकसान, लोगों का विस्थापन और बुनियादी ढांचे का विनाश हो सकता है। बाढ़ जलजनित रोगों जैसे हैजा और टाइफाइड बुखार के जोखिम को भी बढ़ा सकती है।
Flood के प्रभाव को कम करने के लिए निवारक उपाय किए जाने चाहिए। एक प्रभावी उपाय यह सुनिश्चित करके भूमि उपयोग को नियंत्रित करना है कि बाढ़-प्रवण क्षेत्रों में विकास न हो।
उचित जल निकासी व्यवस्था भी स्थापित की जानी चाहिए, खासकर शहरी इलाकों में बाढ़ की संभावना है। समुदाय आधारित प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली स्थापित की जानी चाहिए ताकि लोग आसन्न बाढ़ के लिए तैयारी कर सकें।
एक अन्य निवारक उपाय इमारतों का निर्माण या रेट्रोफिटिंग है, जिसमें उचित बाढ़-प्रतिरोधी विशेषताएं हैं, जैसे ऊंचा नींव या बेहतर निर्माण सामग्री जो पानी की क्षति का विरोध करती हैं।
Conclusion Point
आप पाठक से आशा करता हूं कि आप बाढ़ से बचने के उपाय त्वरित, तत्काल एवं दीर्घकालीन उपाय को जान कर बहुत अच्छा लगा होगा. इस वेबसाइट को मौका देनेेे के लिए बहुत-बहुुत धन्यवाद.
अंतिम शब्द, बाढ़ के बचाव में सबसे महत्वपूर्ण है जानकारी, अफवाह से बचें सिर्फ और सिर्फ सही जानकारी पर ही भरोसा करें. पानी का बहाव का अंदाजा लगा कर के ही एक जगह से दूसरी जगह जाने की कोशिश करें.