क्या आप भारत के केंद्र शासित प्रदेश अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह को व्यापक रूप से जानना चाहते हैं। इस लेख में उन तथ्यों का ज्यादा ध्यान रखा गया है जिसे आप जानना चाहते हैं या गूगल पर सर्च करते हैं।
अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह भारत का एक केंद्र शासित प्रदेश है। जिसका गठन 1 नवम्बर 1956 में हुआ था जो बंगाल की खाड़ी के दक्षिण में स्थित है।
अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह का इतिहास
अंडमान निकोबार दीप समूह कभी काला पानी के नाम से मशहूर हुआ करता था। अक्सर लोगों का प्रश्न होता है कि आज़दी के लड़ाई में भारत में सबसे पहले तिरंगा झंडा कहां फहराया गया था?
भारत में सबसे पहले तिरंगा झंडा फहराने वाले का नाम नेताजी सुभाष चन्द्र बोस। उन्होंने 30 दिसंबर 1943 को अंडमान निकोबार दीप समूह में यह ऐतिहासिक कारनामा किया था।
अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह का भूगोल
572 छोटे बड़े द्वीपों को मिलाकर एक केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है जो हिंद महासागर में स्थित है। इन द्वीपों के उत्तरी क्षेत्र को अंडमान दीप समूह। जबकि दक्षिणी क्षेत्र के द्वीपों निकोबार दीप समूह कहा जाता है।
इस केंद्र शासित प्रदेश को दक्षिण पूर्व एशिया का क्षेत्र माना जाता है और भौगोलिक दृष्टि से यह हिंद महासागर में स्थित है। इस केंद्र शासित प्रदेश के पूर्व में अंडमान सागर एवं पश्चिम में बंगाल की खाड़ी है। इस दीप समूह के दक्षिण में इंडोनेशिया है। अंडमान सागर के उस पार थाईलैंड और म्यांमार नाम का देश है।
इस दीप समूह का क्षेत्रफल मात्र 8,249 किमी² है और जनसंख्या 3,80,581 है। इस केंद्र शासित प्रदेश का सबसे बड़ा शहर एवं राजधानी पोर्ट ब्लेयर है।
अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह का प्रशासनिक रूपरेखा को समझिए
इस दीप समूह में कोई विधानसभा नहीं है। यहां का मुख्य प्रशासक उपराज्यपाल होते है। जिसका नाम जगदीश मुखी है। इस केंद्र शासित प्रदेश में सिर्फ एक लोकसभा क्षेत्र है और इसका उच्च न्यायालय नाम कोलकाता उच्च न्यायालय है।
अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह के जिले हैं?
अण्डमान व निकोबार द्वीपसमूह में कुल तीन जिले हैं जिसका नाम उत्तर और मध्य अण्डमान जिला, दक्षिण अण्डमान जिला और निकोबार जिला है।
अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह के आकर्षण का केंद्र क्या है?
इस दीप का सबसे चर्चित स्थान सेलुलर जेल है क्योंकि भारत के स्वतंत्रता सैनानियों यहीं पर बंदी बनाया गया था। ताकि उनके बीच में आपसी मेल ना हो सके। इस जेल का निर्माण 1897 में अंग्रेजों ने शुरू किया था।
सेलुलर जेल के आलावा कार्बिन-कोव्स रॉस द्वीप, सिंक व रेडस्किन द्वीप, बेरन द्वीप, डिगलीपुर और वाइपर द्वीप मुख्य आकर्षण के केंद्र हैं। जो लोग प्रकृति को बहुत नजदीक से देखना चाहते हैं उनके लिए यह दुनिया का एक बेहतरीन स्थान है।
अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह कैसे पहुंचे
जैसा कि आप जानते होंगे यह दीप भारत के किसी भी हिस्से से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ नहीं है। यहां पर आपको जाने के लिए वायु मार्ग एवं जल मार्ग का चुनाव करना होगा।
पोर्ट ब्लेयर में एयरपोर्ट है जहां से आपको चेन्नई कोलकाता दिल्ली मुंबई एवं भुनेश्वर से सीधी फ्लाइट मिल जाएगा। अगर आप जल मार्ग से जाना चाहते हैं तो आपको 2 से 3 दिन का समय लग सकता है। पानी का जहाज़ से कोलकाता, चेन्नई और विशाखापट्टनम से पोर्ट ब्लेयर तक जाता है।
अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह का भाषा और संस्कृति
मंगोली और नेग्रीटो जनजातियों के ज्यादातर आबादी है। जो मूल रुप से आदिवासी हैं जो जानवरों का शिकार करना और मछली पकड़ना उनका मुख्य काम है। पोर्ट ब्लेयर में हिंदी और अंग्रेजी भाषा को जानने वाले लोग आपको मिल जाएंगे। लेकिन अन्य दीपों पर वहां का स्थानीय भाषा बोला जाता है।
Conclusion Point
अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह, भारत के एक केंद्र शासित प्रदेश के रूप में महत्वपूर्ण है।
इस दीपसमूह का गठन भारतीय अद्भुत एवं स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास से जुड़ा हुआ है, और यहाँ की सुंदर प्राकृतिक सौंदर्य एवं पर्यटन स्थल भारत के लिए महत्वपूर्ण हैं। अण्डमान और निकोबार का भौगोलिक विविधता और रिच कल्चरल वार्तालाप इसको एक अनूठा स्थान देते हैं।
इस दीपसमूह के आकर्षण के बावजूद, इसका संविधानिक प्रशासनिक व्यवस्था महत्वपूर्ण है, और यह भारतीय संघ के एक महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में फित होता है। इसके प्रदेशीय विकास, समृद्धि एवं सुरक्षा के प्रति भारत सरकार की संविधानिक जिम्मेदारी भी है।
अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह का सुंदर भौगोलिक आकर्षण, समृद्ध जैव विविधता और विविध संस्कृति इसे एक विशेष स्थान बनाते हैं। यहाँ का वन्यजीव सञ्चयन, समुद्र किनारे के पर्वतीय खेल, और बर्फबर्फी दीप समूहों की खूबसूरती से प्रसिद्ध है।
इसके अलावा, अंडमान और निकोबार के प्रमुख इतिहासिक स्थलों का दौरा करके आप इसके ऐतिहासिक महत्व को समझ सकते हैं, जैसे कि सेलुलर जेल जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ा हुआ है।