HIV Full Form in Hindi और AIDS Full Form in Hindi का सर्च आपका यहां पर पूरा होता है। सबसे पहले एड्स व एचआईवी का फूल फॉर्म जान लें.
एचआईवी (ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस) नाम के वायरस से एड्स (एक्वायर्ड इम्यून डेफिसिएंसी सिंड्रोम) होता है।
जो भारत ही नहीं दुनिया भर के लिए स्वास्थ्य की सबसे बड़ी चुनौती है। भारत में, यह माना जाता है कि 2023 तक एचआईवी/एड्स के साथ रहने वाले 2.9 मिलियन लोगों के साथ एचआईवी/एड्स खतरनाक दर से बढ़ रहा है।
AIDS & HIV Full Form In Hindi
- HIV Full Form In Hindi – ह्यूमन इम्यूनो डेफिशिंसी वायरस।
- AIDS Full Form In Hindi – एक्वायर्ड इम्यून डेफिशिएन्सी सिंड्रोम।
HIV Full ka Form human immuno deficiency virus है। जिसे हिंदी में ह्यूमन इम्यूनो डेफिशिंसी वायरस लिखा जाता है। इसी वायरस के संक्रमण के कारण इंसान को एड्स की बीमारी होती है।
AIDS Full Ka Form human immuno deficiency virus होता है और इसे हिंदी में एक्वायर्ड इम्यून डेफिशिएन्सी सिंड्रोम लिखा जाता है।
एचआईवी विषाणु का फोटो को आप ऊपर देख सकते हैं। यह इतना छोटा होता है कि आप उसे माइक्रोस्कोप से नहीं देख पाएंगे देखने के लिए आपको हाई क्वालिटी इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप का उपयोग करना होगा।
AIDS दुनिया सबसे घातक Disease है
AIDS एक बीमारी का नाम है। यह बीमारी HIV नाम के विषाणु के संक्रमण से होता है। यह घातक बीमारी अब तक दुनिया में 30 करोड़ लोगों की जान ले चुका है। दुनिया भर में 4 करोड़ 20 लाख लोग अभी संक्रमित हैं।
यह बीमारी भारत में भी तेजी से फैल रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, भारत में लगभग 55 लाख लोग इस बीमारी से संक्रमित होने की आशंका जताई है। भारत के लोग इस बीमारी के टेस्ट को लेकर ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाते हैं। यही कारण है कि सही संख्या का पता नहीं चल पा रहा है।
HIV एक विषाणु है जो AIDS का Pathogen है
सही सुना आपने HIV एक विषाणु (virus) का नाम है। यह विषाणु मनुष्य में AIDS जैसा घातक बीमारी पैदा करता है। विकिपीडिया के डाटा के अनुसार प्रतिदिन 14000 लोग दुनिया भर में एचआईवी विषाणु से संक्रमित हो रहे हैं।
रिसर्च करने वाले साइंटिस्ट बताते हैं कि यह विषाणु साउथ अफ्रीका में एक खास किस्म के बंदरों में मिला था। जो बंदरों से इंसानों तक पहुंचकर पूरा दुनिया में संक्रमण फैलाया है।
AIDS और HIV का हिन्दी नाम किया है?
क्या आप दुनिया के सबसे खतरनाक बीमारी एड्स का नाम हिंदी में जानते हैं? AIDS को हिन्दी में उपार्जित प्रतिरक्षी अपूर्णता सहलक्षण कहा जाता है।
HIV का हिन्दी नाम किया है? एचआईवी को हिंदी में मानवीय प्रतिरक्षी अपूर्णता विषाणु कहते हैं।
AIDS और HIV को अंग्रेजी में क्या कहते हैं?
AIDS अंग्रेजी में Acquired Immune Deficiency Syndrome कहते हैं। HIV अंग्रेजी में Human Immune Deficiency Virus कहते हैं।
हिंदी भाषा में वायरस को विषाणु कहते हैं लेकिन एचआईवी वायरस का कोई विशेष हिंदी नाम नहीं है।
एड्स दिवस कब और क्यो मनाया जाता है?
एड्स दिवस भारत एवं दुनियाभर में 1 दिसंबर को मनाया जाता है। एक दिवस का मुख्य उद्देश्य है लोगों के बीच में एड्स के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देना होता है।
1987 में विश्व स्वास्थ्य संगठन में एड्स पर वैश्विक कार्यक्रम जेनेवा, स्विट्जरलैंड मे हुआ था। इस कार्यक्रम में जेम्स डब्ल्यू. बुन और थॉमस नेट्टर ने वर्ल्ड एड्स डे की कल्पना की थी।
एचआईवी एड्स का शुरुआती लक्षण क्या होता है?
एड्स के शुरुआती लक्षण में फ़्लू जैसी लक्षण होती है। बुख़ारी गले में खराश, रात में पसीना आना, थकान व वजन घटना आदि मुख्य लक्षणों में शामिल है।
इसके सबसे प्रमुख लक्षणों में यह देखा जाता है कि बीमारियों से लड़ने की ताकत मनुष्य के शरीर में घटने लगता है। बहुत तेजी के साथ अत्याधिक वजन का घटना, दूसरा सबसे खास लक्षण है
एड्स के मरीजों में देखा गया है कि रात के समय बुखार के साथ असाधारण मात्रा में पसीने का छूटना देखा जाता है। कुछ एड्स के मरीजों में देखा गया है कि गुलाबी एवं बैंगनी रंग के धब्बे चमड़ी के ऊपर मुंह के अंदर पलकों के नीचे या नाक के अंदर देखा जाता है।
कुछ मरीजों में यह भी देखा गया है कि लंबे समय तक दस्त होना उसके साथ जंघाना, कक्षे और गर्दन लंबे समय तक सूजी भी रहती है। यह सभी लक्षण सामान्य अन्य बीमारियों के हो सकते हैं। Test के द्वारा ही प्रमाणित हो सकता है कि वह एड्स का मरीज़ है।
एचआईवी का संक्रमण कैसे होता है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार मुख्य तौर पर एचआईवी का संक्रमण तीन मार्गो से फैलता है। पहला – असुरक्षित शारीरिक संबंध, दूसरा – खून के द्वारा संक्रमण, तीसरा माता से शिशु में गर्भावस्था प्रसव या स्तनपान के द्वारा फैलता है।
एचआईवी संक्रमित व्यक्ति से सिर्फ इन्हीं तीन प्रकार से संक्रमण फैल सकता है। इसीलिए कहा जाता है कि संक्रमित व्यक्ति को हीन भावना से नहीं देखना चाहिए।
एड्स का आखिरी इलाज क्या है?
एड्स एक लाइलाज बीमारी है। इस बीमारी का अभी तक कोई सटीक इलाज का खोज नहीं हुआ है। दुनिया भर के साइंटिस्ट इस पर काम कर रहे हैं।
पिछले 19 सालों के प्रयास से अभी तक सिर्फ इतना खोज हो पाया है कि अगर किसी को एड्स है तो उसकी जल्दी मौत ना हो उसके लिए कुछ ही दवाई मौजूद है।
हेल्थ लाइन वेबसाइट के अनुसार, अबाकवीर, एमट्रिसिटाबाइन, लामिवुडिन, टेनोफोविर अल्फेनैमाइड फ्यूमरेट और टेनोफोविर डिसप्रोक्सिल फ्यूमरेट नाम की दवाई है जिससे मौत के समय को कम किया जा सकता है।
अभी यह प्रश्न बाकी है कि आखिर इस खतरनाक बीमारी का सबसे अच्छा इलाज क्या है? इस बीमारी का सबसे अच्छा इलाज प्रीवेंशन बेटर देन क्योर। इसका मतलब यह हुआ कि जानकारी ही बचाव है।
क्या एड्स का जानकारी ही एक बचाओ है? दुनिया के अब तक शोध से इस बीमारी का इलाज ढूंढा नहीं जा सका है। सबसे उचित तरीका यही है कि आप इसके बचाव के तरीके को जान लें।
बचाओ के हमारे पास क्या-क्या विकल्प हैं?
- सुरक्षित यौन संबंध
- साफ एवं योग्य खून
- माता एवं शिशु
- सुरक्षित यौन संबंध कैसे बनाएं
भारतीय संस्कृति में एकल पार्टनर सिस्टम की व्यवस्था है। इसका मतलब यह हुआ कि एक पुरुष के लिए एक महिला या एक महिला के लिए एक पुरुष जैसा कि व्यवहारिक जीवन में देखा जाता है।
आपको जानकर ताज्जुब होगा कि होमोसेक्सुअल से भी एचआईवी का संक्रमण हो सकता है। यही नहीं ओरल सेक्स से भी संक्रमण हो सकता है अगर खून का संपर्क हो जाए तो।
अगर आप असुरक्षित यौन संबंध बनाने का सोच रहे हैं तो कंडोम का प्रयोग अवश्य करें। हो सके तो डबल कंडोम का यूज़ करें ताकि टूटने या फटने की अवस्था में आप सुरक्षित रहें।
साफ एवं योग्य खून सुनिश्चित कैसे करें
हॉस्पिटल में कई बीमारियों के स्थिति में डॉक्टर मरीज को बाहर से खून देते हैं। ध्यान रखना आवश्यक है कि जो खून आप खरीद रहे हैं वह ब्लड बैंक से मान्यता प्राप्त हो। बेहतर है कि हमेशा खून आप ब्लड बैंक से ही खरीदें या पहले से ही वहां पर डोनेट करके आप रख सकते हैं।
खून के द्वारा संक्रमण सेविंग करने वाले ब्लैड व अस्तूरों से भी फैलता है। हजामत किए गए ब्लैड बुलेट का ही यूज़ करें। इंजेक्शन में इस्तेमाल होने वाले needle से भी खून के द्वारा संक्रमण फैलता है।
मान्यता प्राप्त needle के ही लिटिल का प्रयोग एक बार करें। Needle (injection) प्रयोग के बाद उसे तुरंत नष्ट कर दें ताकि कोई उसका दोबारा इस्तेमाल ना कर सके। कुछ लोग नशे के दौरान भी इंजेक्शन का प्रयोग करते हैं उस से भी बचना आवश्यक है।
माता से शिशु कैसे सुरक्षित करें
कोई भी महिला अगर वह माता बनना चाहती हैं तो सबसे पहले वह एचआईवी एड्स का टेस्ट करवा ले। जब उसका टेस्ट नेगेटिव आए तभी वह आगे के लिए प्लान करें।
नए रिसर्च के मुताबिक स्तनपान के द्वारा भी एचआईवी का भारत माता से शिशु तक पहुंच सकता है। अगर कोई संक्रमित माता है तो अपने बच्चों को वह स्तनपान ना कराएं।
Conclusion Points
HIV और AIDS के बारे में जानने के लिए सबसे पहली चीज है, एचआईवी का फुल फॉर्म हिंदी में – ह्यूमन इम्यूनो डेफिसिएंसी वायरस (एचआईवी) है। एचआईवी (ह्यूमन इम्यूनो डेफिसिएंसी वायरस) एक तरह का रेट्रोवायरस है जो इंसानों के इम्यून सिस्टम को कमजोर कर देता है।
एड्स का फुल फॉर्म एक्वायर्ड इम्यूनोडिफिशिएंसी सिंड्रोम है। एड्स को दुनिया का सबसे घातक और वे इलाज बीमारी माना जाता है। एड्स का इलाज मात्र बचाओ है।
इस लाइलाज बीमारी के बचाओ ही सबसे अहम है। इसकी पहचान टेस्ट के द्वारा ही की जानी चाहिए। हमेशा सुरक्षित यौन संबंध भी स्थापित करने चाहिए। भारत ही नहीं दुनिया में 1 दिसंबर को एड्स दिवस के दिन जागरूकता कार्यक्रम में हिस्सा लेना चाहिए।
FAQs
एड्स और एचआईवी के बारे में और अधिक जानकारी चाहिए? इसके लिए आपको निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर को पढ़ना चाहिए।
उन्हीं प्रश्नों के उत्तर को शामिल किया गया है जिसको आपने कभी न कभी पूछा है। यह वेबसाइट अपने पाठकों के सभी प्रश्नों के उत्तर देता है आप भी प्रश्न पूछ सकते हैं।
प्रश्न – एड्स के लक्षण का फोटो कैसे मिलेगा?
उत्तर – भारत सरकार के कानून के मुताबिक कोई भी डॉक्टर किसी भी मरीज के डिस्क्रिप्शन में यह नहीं लिख सकता है कि वह एड्स का मरीज है।
दूसरी तरफ कोई भी वेबसाइट या न्यूज़पेपर किसी भी भारतीय मरीज का फोटो पब्लिक नहीं कर सकता है।
प्रश्न – एड्स रोग किससे फैलता है?
उत्तर – AIDS एक संक्रामक रोग है जो ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (एचआईवी) के कारण होता है, जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को लक्षित करता है और नष्ट कर देता है।
एचआईवी रक्त, वीर्य, योनि तरल पदार्थ और स्तन के दूध सहित शारीरिक तरल पदार्थों के संपर्क के माध्यम से प्रेषित किया जा सकता है।
यह संचरण यौन संपर्क, अंतःशिरा नशीली दवाओं के उपयोग या सुइयों को साझा करने, दूषित रक्त उत्पादों के संक्रमण, या गर्भावस्था और प्रसव के दौरान मां से बच्चे में हो सकता है। कुछ मामलों में, मुख मैथुन के माध्यम से एचआईवी संचरण भी हो सकता है।
प्रश्न – एड्स की रोकथाम के उपाय क्या-क्या है?
उत्तर – एचआईवी के संचरण को रोकने का सबसे प्रभावी तरीका, जो एड्स का कारण बनता है, जोखिम कम करने की रणनीति के माध्यम से है।
इनमें संभोग के दौरान Condom का उपयोग करना, यौन साझेदारों की संख्या कम करना, नशीली दवाओं के उपयोग से दूर रहना और नियमित रूप से एचआईवी की जांच करवाना शामिल है।
इसके अतिरिक्त, व्यक्तियों के लिए अन्य यौन संचारित संक्रमणों (एसटीआई) जैसे कि गोनोरिया और क्लैमाइडिया के खिलाफ टीकाकरण करवाना महत्वपूर्ण है, जिससे एचआईवी होने की संभावना बढ़ सकती है।
प्रश्न – क्या एचआईवी पूरी तरह से ठीक हो सकता है?
उत्तर – वैज्ञानिक समुदाय के बीच वर्तमान सहमति यह है कि एचआईवी को पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता है।
जबकि एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी (एआरटी) वायरस को प्रभावी ढंग से दबाने और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए सिद्ध हुई है, यह शरीर से वायरस को खत्म नहीं करती है; इस प्रकार, जिन व्यक्तियों में एचआईवी का निदान किया गया है वे लंबे समय तक संक्रमित रहते हैं।
इसका मतलब यह है कि एआरटी एक व्यक्ति को कार्यात्मक रूप से सामान्य जीवन जीने की अनुमति दे सकता है, उन्हें स्वस्थ रहने के लिए नियमित निगरानी जारी रखनी चाहिए और अपने निर्धारित ART आहार का पालन करना चाहिए।
प्रश्न – एचआईवी की कोई गोली होती है?
उत्तर – इस प्रश्न का उत्तर जटिल है और एचआईवी संक्रमण के चरण पर निर्भर करता है।
एचआईवी दवाएं, जैसे एंटीरेट्रोवाइरल (एआरवी), शरीर में वायरस के स्तर को कम करने के लिए वायरस की प्रतिकृति प्रक्रिया में हस्तक्षेप करके एचआईवी का इलाज करने के लिए उपयोग की जाती हैं।
एआरवी को ‘एचआईवी के लिए गोली’ के रूप में विकसित नहीं किया गया है, बल्कि दवाओं का एक संयोजन है जो रोग की प्रगति को धीमा करने या रोकने के लिए उपयोग किया जाता है।
प्रश्न – भारत में एचआईवी रोगियों की औसत आयु कितनी होती है?
उत्तर – एड्स रोगी के लिए रोग का निदान व्यक्ति के समग्र स्वास्थ्य और चिकित्सा उपचार तक पहुंच के आधार पर महत्वपूर्ण रूप से भिन्न होता है।
उचित दवा के बिना, एड्स से पीड़ित व्यक्तियों का जीवनकाल काफी कम हो सकता है। हालांकि, वर्तमान उपचार के साथ, कई रोगी अधिक समय तक जीवित रहने में सक्षम होते हैं।
औसतन, एड्स से पीड़ित व्यक्ति दस साल या उससे अधिक जीवित रहने की उम्मीद कर सकते हैं, बशर्ते वे उपचार के अपने निर्धारित पाठ्यक्रम का पालन करें और स्वस्थ जीवन शैली की आदतों का अभ्यास करें।
प्रश्न – एचआईवी पॉजिटिव होने पर क्या करें?
उत्तर – यदि किसी का एचआईवी पॉजिटिव परीक्षण किया जाता है, तो स्थिति का पर्याप्त प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम उठाना महत्वपूर्ण है।
विशेष रूप से, व्यक्तियों को तत्काल चिकित्सा ध्यान देना चाहिए और एचआईवी से जुड़ी अन्य सह-रुग्णताओं के लिए उनके जोखिम प्रोफ़ाइल का आकलन करना चाहिए।
इसके अतिरिक्त, यह अनुशंसा की जाती है कि व्यक्ति वायरस के संचरण को कम करने के लिए सुरक्षित व्यवहार में संलग्न हों, जैसे कि सुरक्षित यौन संबंध बनाना और नशीली दवाओं के उपयोग से बचना चाहिए।
प्रश्न – सबसे लंबे समय तक एचआईवी विंडो अवधि कितना होता है?
उत्तर – एड्स रोगियों का पूर्वानुमान बहुत परिवर्तनशील है और कई कारकों पर निर्भर करता है जिसमें एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी तक पहुंच, प्रतिरक्षा प्रणाली के कामकाज का स्तर, अंतर्निहित सहरुग्णता की उपस्थिति और रोगी की समग्र स्वास्थ्य स्थिति शामिल है।
आम तौर पर, एक एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति की जीवन प्रत्याशा में काफी सुधार होता है यदि उन्हें समय पर उचित उपचार प्राप्त होता है। इस हस्तक्षेप के बिना, एचआईवी के प्रारंभिक संक्रमण से औसत जीवित रहने का समय दस से ग्यारह वर्ष होने का अनुमान है।
प्रश्न – एचआईवी पॉजिटिव पुरुष और एचआईवी नकारात्मक महिला के बीच संभोग हो तो क्या हो सकता है?
उत्तर – एचआईवी Positive पुरुष और एचआईवी नकारात्मक महिला के बीच संभोग के मामले में एचआईवी संचरण का जोखिम काफी बढ़ सकता है।
यौन संपर्क के माध्यम से, वायरस संक्रमित पुरुष साथी से असंक्रमित महिला साथी को पारित किया जा सकता है, जिसके परिणामस्वरूप सेरोकनवर्जन होता है।
यह विशेष रूप से लंबवत संचरण की संभावना के कारण है, जिससे यदि गर्भवती महिला को एचआईवी हो जाता है तो गर्भावस्था या प्रसव के दौरान उसे अपने भ्रूण को पारित करने का जोखिम होता है।
प्रश्न – एचआईवी का वायरस कितनी देर तक जिंदा रहता है?
उत्तर – एचआईवी वायरस शरीर के बाहर विस्तारित अवधि के लिए व्यवहार्य रह सकता है, हालांकि यह पर्यावरणीय परिस्थितियों पर अत्यधिक आकस्मिक है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि विभिन्न प्रकार के पर्यावरणीय कारकों जैसे कि अत्यधिक तापमान और सूखने से वायरस की संक्रामकता को काफी कम किया जा सकता है।
आदर्श परिस्थितियों में, जैसे कि कमरे के तापमान पर और जलीय घोल में, एचआईवी वायरस के कई दिनों तक जीवित रहने में सक्षम होने का अनुमान है।
प्रश्न – एचआईवी खून में कितने दिन बाद पता चलता है?
उत्तर – रक्त में ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (एचआईवी) का पता लगाने की विलंबता अवधि अत्यधिक परिवर्तनशील है और उपयोग किए गए परीक्षण की संवेदनशीलता सहित कई कारकों पर निर्भर करती है।
आमतौर पर, अधिकांश एचआईवी परीक्षण संक्रमण के 1-3 सप्ताह के भीतर एचआईवी के एंटीबॉडी का पता लगा सकते हैं। हालाँकि, कुछ परिस्थितियों में, रक्त में एचआईवी का पता लगाने में 6 महीने तक का समय लग सकता है।
प्रश्न – एचआईवी कितने सेकंड में मर जाता है?
उत्तर – मानव इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (एचआईवी) एक अत्यधिक लचीला और संक्रामक रोगज़नक़ है जो विस्तारित अवधि के लिए पर्यावरण में बना रह सकता है।
तापमान, पीएच स्तर और अन्य सूक्ष्मजीवों की उपस्थिति सहित विभिन्न पर्यावरणीय कारकों के आधार पर एचआईवी का आधा जीवन कई घंटों से लेकर दिनों तक होने का अनुमान लगाया गया है।
प्रश्न – मुंह में एचआईवी लक्षण क्या होता है?
उत्तर – एचआईवी संक्रमण के मौखिक अभिव्यक्तियों की जांच करते समय, संबंधित लक्षणों के असंख्य होने की संभावना को पहचानना महत्वपूर्ण है।
इनमें ज़ेरोस्टोमिया, मसूड़े की सूजन और पीरियंडोंटाइटिस, कैंडिडिआसिस, साथ ही हर्पीस सिम्प्लेक्स, ल्यूकोप्लाकिया, कपोसी सरकोमा और बालों वाली ल्यूकोप्लाकिया जैसे अल्सरेटिव घाव शामिल हो सकते हैं।
इसके अलावा, एचआईवी पॉजिटिव व्यक्तियों में मौखिक दर्द और जलन की अनुभूति आम है।
प्रश्न – महिलाओं में एचआईवी लक्षण कैसा होता है?
उत्तर – एचआईवी से संक्रमित महिलाओं को कई प्रकार के लक्षणों का अनुभव हो सकता है, जिनमें से कुछ महिला लिंग के लिए विशिष्ट हैं।
सामान्य लक्षणों में आवर्ती खमीर संक्रमण, श्रोणि सूजन की बीमारी, और गर्भाशय ग्रीवा डिसप्लेसिया शामिल हैं। इसके अलावा, एचआईवी पॉजिटिव महिलाओं में बुखार, ठंड लगना, थकान, गले में खराश, लिम्फ नोड्स में सूजन, सिरदर्द और दाने जैसे फ्लू जैसे symptom भी हो सकते हैं।
संक्रमण के अन्य सामान्य लक्षणों में वजन कम होना और रात को पसीना आना शामिल है। जैसे-जैसे वायरस बढ़ता है, कई महिलाएं बेहद थका हुआ या थका हुआ महसूस करती हैं।